राजस्थान: एक ही चिता पर हुआ सातों शवों का अंतिम संस्कार, हर आंख हुई नम, हैरानी भरा है सामूहिक आत्महत्या का मामला

Manoj Kumar
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संवाददाता: महिपाल शर्मा

राजस्थान: जालोर जिले के सांचौर थाना क्षेत्र के गलीफा गांव में अवैध संबंधों के कहर ने एक हंसते खेलते पूरे परिवार को मौत के आगौश में धकेल दिया। एक ही परिवार के 7 लोगो की अर्थिया एक साथ उठी तो वहीं पर ही नही वरन क्षेत्र की प्रत्येक आंख नम हो गई। मरने वालों में पति-पत्नी के अलावा पांच बच्चे शामिल हैं जिनकी उम्र 3 से 12 साल के बीच है। बताया जा रहा है कि अवैध संबंधों के कारण उत्पन्न हुए घरेलू कलह के बाद दंपति ने यह कदम उठाया। वहीं मौत को गले लगाने से पहले सभी लोगों ने एक-दूसरे को रस्सी से बांध लिया था।

बताया गया कि सांचौर थानाक्षेत्र के गलीफा गांव निवासी शंकराराम (41) पुत्र खेमाराम  उसकी पत्नी बादली (31), बेटी रमीला (11), बेटा विक्रम (10), बेटी संगीता (8), बेटी कमला (7) और बेटा हितेश (4) के साथ मंगलवार शाम को घर से गायब हो गया था। बुधवार शाम को सभी के शव सिद्धेश्वर में नर्मदा नहर में मिलने से हड़कंप मच गया। जब शव बाहर निकाले गए तो उन्हें देखकर किसी को आंखों पर भरोसा नहीं हुआ। केवल एक बच्चे को छोड़कर बाकी सभी के शव एक चुन्नी से आपस में बंधे थे। मामले में उसके भाई ने पड़ोस में रहने वाले एक युवक चेलाराम के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। जिसके कारण उसने खुद को ही खत्म करने की सोची थी।

दरअसल, शंकराराम मजदूरी कर अपने पांच बच्चों के पाल रहा था। परिवार अच्छे से रहता था, कभी कोई झगड़ा नहीं था। लेकिन फिर धीरे-धीरे पति-पत्नी में विवाद होने लगा। शंकराराम अपनी पत्नी के चरित्र पर एक पड़ोसी युवक को लेकर शक करने लगा। जब शक ज्यादा बढ़ा तो एक दिन शंकराराम ने पत्नी के मोबाइल में कॉल रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। रिकॉर्डिंग में उसे पता चला कि उसकी पत्नी पड़ोसी युवक से बातचीत करती है। शंकराराम ने इसके बाद पत्नी को समझाया लेकिन उसकी पत्नी ने उस युवक से बात करना बंद नही किया। जिसके कारण शंकराराम और उसकी पत्नी बादली देवी के बीच कई दिनों से विवाद और तनाव चल रहा था।

शनिवार शाम को एक पंचायत और हुई, जिसमें शंकराराम ने युवक को चेतावनी दी। पंचायत ने भी उसे समझाया और तय हुआ कि आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा। समझाइश के अगले ही दिन प्रेमी ने उसे कॉल पर धमकाया कि पंचायती कर क्या कर लिया। पति-पत्नी के बीच शक और झगड़ा इस कदर बढ़ चुका था कि घर में आए दिन मरने मारने की बातें होती थी। शुरुआत में तो शंकराराम अकेले ही खुद को खत्म करने की बात कहता था, लेकिन मंगलवार को जब वह घर से निकला तो पत्नी ने भी साथ मरने की बात कही और फिर बच्चों को भी साथ ले लिया।

मंगलवार दोपहर डेढ़ बजे शंकराराम अपने पूरे परिवार के साथ बस में बैठकर सिद्धेश्वर पहुंचा। यहीं पर एक दुकान से शंकराराम ने बच्चों को आइसक्रीम, बिस्किट और पानी की बोतल दिलवाई और परिवार के साथ नहर की तरफ रवाना हो गया। करीब आधा किमी पैदल चलकर  शाम को सात बजे ये सभी लोग नहर पर पहुंचे। इसके बाद शंकराराम ने सभी को एक ओढ़नी से बांध लिया। सभी के हाथ आपस में बांधे गए और फिर ये लोग नहर में कूद गए। बुधवार शाम को सभी सातों लोगो के शव बरामद हुए तो हड़कंप मच गया।

गुरुवार सुबह सभी सातों का पोस्टमॉर्टम किया गया। पोस्टमार्टम के बाद जब सभी के शव गांव में पहुंचे तो हर आंख नम हो गई। जिस घर के आंगन में कल तक बच्चे खेलते थे, वहां से आज उनकी अर्थी निकल रही थी। हर कोई यही कह रहा था कि पति-पत्नी के झगड़ों में इन बच्चों का क्या कसूर था। इसके बाद एक ही चिता पर सभी का अंतिम संस्कार किया गया। सांचौर सीओ रूपसिंह इंदा ने बताया कि मृतक के भाई जोगाराम ने पड़ोसी चेलाराम के खिलाफ रिपोर्ट दी है। जिसमें अवैध संबंधों और धमकाने के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस का कहना है कि वह पूरे मामले की हर एंगल से जांच कर रही है।


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