संवाददाता: भूपेंद्र वर्मा
हापुड़: गढ़मुक्तेश्वर तहसील के अंतर्गत आने वाले थाना बहादुरगढ़ क्षेत्र में स्थित दूध के प्लांट एवं डेरियो से निकलने वाले केमिकल युक्त दूषित पानी को आसपास के गांव के जंगलों में बहाकर भूमि को बंजर बनाया जा रहा है। वहीं इस केमिकल युक्त पानी से निकलने वाली दुर्गध से लोगो को सांस लेना भी दूभर हो रहा है।
आपको बता दें कि एनजीटी कोर्ट के द्वारा प्रदूषण फैलाने वाली छोटी बड़ी इकाइयों के विरुद्ध सख्त रवैया अपनाते ही इन इकाइयों को संचालित करने वाले संचालकों के द्वारा केमिकल्स दूषित पानी को खपाने का नया तरीका निकालते हुए इस पानी को खेतो में बहाकर जहां भूमि को बंजर बनाया जा रहा है। वही इस दुर्गंध युक्त पानी से आसपास के गांव के लोगों का सांस लेना भी दूभर हो रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि बहादुरगढ़ क्षेत्र में स्थित दुग्ध की डेरिया एवं प्लांटों में पनीर, घी, दही, मक्खन इत्यादि का कारोबार बहुत बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इनसे निकलने वाले केमिकल युक्त दूषित पानी को ट्रैक्टर टैंकरों में भरकर गांव के जंगलों में बहाया जा रहा है। जिसकी दुर्गंध को लेकर अधिकारियों से कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन प्रशासन के अधिकारी मौन बने हुए हैं।