मोहित भारद्वाज/संभल। बचपन को बेफिक्री के आगोश में सपनों की सतरंगी दुनिया में मस्त रहना चाहिए। अफसोस है कि बचपन के सपने कहीं चौराहों पर भीख मांग रहे हैं तो कहीं उनका बचपन आटोमोबाइल वर्कशाप, ढाबों, दुकानों और कूड़ा बीनने में गुम हो रहा है। इस काली हकीकत के बीच श्रम विभाग व बाल कल्याण समिति ने बचपन को मजदूरी और मजबूरी की बेड़ियों से स्वतंत्रता दिलाने के लिए बाल श्रम उन्मूलन के तहत जनपद सम्भल में अभियान चलाकर छह बच्चो के मालिकों को नोटिस देकर एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।
साथ ही जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुँचकर बारह दिन पूर्व मिले नवजात शिशु का हालचाल जाना है।जनपद सम्भल के सम्भल नगर क्षेत्र में बाल श्रम उन्मूलन के तहत बाजारों में छापेमारी की गई। छापेमारी की खबर फैलते ही बजार में हड़कंप मच गया। बाल श्रमिक दुकानें छोड़कर दुकानों से रफूचक्कर हो लिए।
बाल श्रम विभाग व बाल कल्याण समिति ने बाल श्रम को रोकने के लिए 20 दुकानों को चेक किया। जिसमें पांच दुकानों पर छह बच्चे काम करते हुए पाए गए दुकान मालिकों को बाल श्रम अधिकारी ने नोटिस देकर एक हफ्ते में जवाब देने के लिए कहां है। अगर दुकान स्वामियों द्वारा नोटिस का संतोष पूर्वक जवाब नहीं दिया जाता है तो एक सप्ताह बाद कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
शासन के दिशा निर्देश अनुसार बाल श्रम उन्मूलन अभियान चलाया गया। अभियान के अंतर्गत शुक्रवार को नगर के कुछ प्रतिष्ठानों पर काम कर रहे बाल किशोरों को श्रमिको को चिन्हित किया गया साथ ही दुकानदारों को बाल श्रमिकों से काम न कराने की हिदायत दी गई। अभियान में श्रम प्रवर्तन अधिकारी विनोद शर्मा, बाल कल्याण समिति से गौरव गुप्ता, नूतन चौधरी, नीलम राय के साथ एएचटीयू प्रभारी व महिला कांस्टेबल द्वारा अभियान संपादित किया गया।
नूतन चौधरी ने बताया कि सम्भल नगर क्षेत्र के विभिन्ननूतन चौधरी ने बताया कि सम्भल नगर क्षेत्र के विभिन्न प्रतिष्ठानों से छह बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है। छापेमारी के बाद टीम जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंची जहां उन्होंने 12 दिन पूर्व थाना केला देवी की चौकी खिन्नी के पास लावारिस हालत में मिले बच्चे का स्वास्थ्य जानते हुए उसे देख गया।
गौरव गुप्ता ने बताया कि जनपद सम्भल के सम्भल नगर क्षेत्र में बाल श्रम उन्मूलन के तहत शासन के निर्देशानुसार 15 से 20 दुकानों को विजिट किया गया। जहां 6 बच्चों को काम करते हुए पाया गया दुकान मालिकों को नोटिस देकर एक हफ्ते में जवाब मांगा गया है। अगर जवाब संतोष पूर्वक नहीं मिला तो कार्यवाही की जाएगी। वही जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंचकर उन्होंने बताया कि 10 दिन पूर्व थाना केला देवी की चौकी खिन्नी के पास एक लावारिस बच्चा मिला था जिसका हाल-चाल जानने के लिए जिला अस्पताल आना हुआ था।