उत्तर प्रदेश: कानपुर देहात के मैथा तहसील क्षेत्र के मड़ौली पंचायत के चालहा गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम के सामने कब्जेदार की झोपड़ी में आग लग गई। अपना आशियाना जलता देख मां-बेटी झोपड़ी में घुस गईं। आग में दोनो मां बेटी जिंदा जल गई। उनको बचाने के प्रयास में गृहस्वामी व रुरा थाना प्रभारी भी झुलस गए। आक्रोशित लोगों ने हंगामा करते हुए लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया। भीड़ का गुस्सा देख पुलिस और प्रशासन की टीम ने वहां से भागकर खुद को बचाया।
जानकारी के अनुसार, कानपुर देहात डीएम नेहा जैन के कार्यालय में मड़ौली गांव के कुछ लोग डीएम कार्यालय पहुंचे। उन लोगों ने डीएम से गांव के ही गेंदन लाल के खिलाफ ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा करने की शिकायत की। डीएम ने शिकायती पत्र पर संज्ञान लेते हुए एसडीएम को मौके पर जाकर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। दोपहर में एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक सिंह के अलावा राजस्व व पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
राजस्व विभाग की टीम ग्राम समाज की जमीन को खाली करा रही थी। उसी दौरान कब्जेदार गेंदन लाल की झोपड़ी में एकाएक आग लग गई। यह देख गेंदन लाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित (45) और बेटी शिवा (22) दौड़कर झोपड़ी में घुस गईं। दोनों को लपटों के बीच घिरा देख गेंदन लाल व रुरा थाना प्रभारी दिनेश गौतम ने दोनों मां-बेटी को बचाने के कोशिश की लेकिन वह उनको बचा नही सके। दोनो मां बेटी जिंदा ही आग में जल गई। इस दौरान थाना प्रभारी और गृहस्वामी भी झुलस गए।
आग से मां-बेटी की मौत से गुस्साए गांव के लोगों ने हंगामा करते हुए लेखपाल अशोक सिंह पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया। लोगों का आक्रोश देख टीम ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई। घटना की सूचना पाकर डीएम व एसपी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे है। आक्रोशित ग्रामीण डीएम, एसडीएम, लेखपाल व थाना प्रभारी रुरा पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर हंगामा करते हुए शव नही उठने दिया।
घटना के बारे में डीएम ने बताया कि मां बेटी ने खुद को घर में बंद कर आग लगा ली। लपटें व धुआं निकलने पर लोग उन्हें बचाने गए तो झुलस गए। अनहोनी में मां बेटी की मौत हो गई।