मेरठ। मेरठ की सरधना तहसील के खिवई कस्बे के मदरसा इस्लामिया अरेबिया अल्ताफ उल उलूम में आयोजित उलेमाओं की बैठक में ऐलान किया है कि शादी में आतिशबाजी करने, डीजे बजाने या शराब पीने पर उलेमा वहां निकाह नहीं पढ़ाएंगे। उलेमाओं ने दहेज मांगने पर निकाह नही पढ़ाने का फरमान सुनाया है।
सरधना तहसील क्षेत्र के कस्बा खिवई स्थित मदरसा इस्लामिया अरेबिया अल्ताफ उल उलूम में शनिवार को हुई उलेमाओं की बैठक में समाज में फैली बुराइयों को दूर करने के संबंध में चर्चा के बाद कई बड़े फैसले लिए गए हैं. बैठक में निर्णय लिया गया कि जो इसके लिए तैयार नहीं हैं, उनका उलेमा निकाह नहीं होगा, उन्हें समझाने का प्रयास किया जाएगा.
उलेमाओं ने कहा है कि दहेज की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे समाज के एक बड़े तबके में लड़कियों की शादी नहीं हो रही है. शरीयत इस्लामिया ने दहेज की मांग को नाजायज करार दिया है। शादियों और अन्य कार्यक्रमों में डीजे बजाना और चलते-फिरते और खड़े होकर खाना खाना और आतिशबाजी करना भी शरीयत के खिलाफ माना जाता है।
हाफिज बाबुद्दीन की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुफ्ती जियाउल हक कासमी, मुफ्ती मारूफ कासमी, मौलाना मेराज कासमी, मौलाना लुकमान कासमी, हाफिज शौकीन, मौलाना अब्दुल हन्नान, हाफिज सुलेमान, मोहब्बत अली, हाजी अब्बास सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.