नई दिल्ली। हमारे देश में बिना टिकट यात्रा करने पर जहां आम आदमी को जेल भेज दिया जाता है‚ वहीं सांसद और विधायकों को हर साल सैकड़ों रेल-हवाई यात्राएं मुफ्त दी जाती हैं। शर्मनाक बात यह है कि मुफ्त दी जाने वाली इन सेवाओं का हमारे नेता गलत इस्तेमाल करते हैं। ऐसे ही एक मामले में पूर्व सांसद विनय कुमार दोषी पाए गए हैं।
बिना यात्रा किए फर्जी बिल बनाकर करीब 10 रूपए प्राप्त करने पर पूर्व लोकसभा सांसद विनय कुमार पांडे और उनके निजी सचिव अरविन्द तिवारी को अदालत ने दोषी करार दिया है। पूर्व सांसद और निजी सचिव को धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया है।
राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोनों को भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का दोषी ठहराया गया है, लेकिन यह भी सच है कि मामले की जांच में कई खामियां रहीं। अगर इसकी जांच और गंभीरता से होती तो एयर इंडिया और लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों की भूमिका भी जरूर सामने आती।
यह है पूरा मामला
यह मामला साल 2012 का है। दरअसल उस समय उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती से सांसद विनय कुमार पांडे ने एक नवंबर 2012 से तीन नवंबर 2012 तक की अपनी एक यात्रा का बिल जमा कराते हुए 9 लाख 71 हजार 384 रूपए सरकारी खजाने से भत्ता प्राप्त किया था। जांच में सामने पाया गया कि उन्होने इस तरह की कोई यात्रा की नही थी। उनके कहने पर उनके निजी सचिव ने यात्रा का फर्जी बिल बनाया था।
सीबीआई कर रही थी जांच
एक शिकायत के आधार पर साल 2016 में सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया था। CBI ने अपने आरोपत्र में कहा कि सांसद ने टिकट ही नही फर्जी बोर्डिंग पास भी जारी कराया था। उन्हाेने दिल्ली से चेन्नई‚ चेन्नई से पोर्टब्लेयर और पोर्टब्लेयर से दोबार चेन्नई तक हवाई यात्रा करने की बात कही थी‚ जबकि उन्होने यह यात्रा की नही थी।