खरगोन। नर्मदा तट स्थित भट्टयान बुजुर्ग में संत सियाराम बाबा का 110 साल की उम्र में निधन हो गया, वो पिछले कुछ दिनों से बीमार भी चल रहे थे। बुधवार मोक्षदा एकादशी पर सुबह 6.10 मिनट पर उनका प्रभुमिलन हो गया है। आज गीता जयंती भी है। उनका अंतिम संस्कार शाम 4 बजे आश्रम के पास किया जाएगा।बाबा पिछले 10 दिन से बीमार थे। इंदौर के डॉक्टरों ने इलाज किया था। मूलतः गुजरात के बाबा यहां कई सालों से नर्मदा भक्ति कर रहे थे। बाबा का जन्म 1933 में गुजरात के भावनगर में हुआ था। 17 साल की उम्र में उन्होंने आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का फैसला किया था।
बाबा ने पेड़ के नीचे बैठकर की तपस्या
बाबा ने कई सालों तक गुरु के साथ पढ़ाई की और तीर्थ भ्रमण किया। वे 1962 में भट्याण आए थे। यहां उन्होंने एक पेड़ के नीचे मौन रहकर कठोर तपस्या की। वहीं आश्रम पर मौजूद अन्य सेवादारों ने बताया कि उनकी दिनचर्या भगवान राम व मां नर्मदा की भक्ति से शुरू होकर यही खत्म होती थी।