मेरठ में एंटी करप्शन की टीम ने एमडीए के बाबू को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी फौजी के भाई से मकान का अवैध निर्माण करने के नाम पर रिश्वत मांग रहा था। टीम ने आरोपी के खिलाफ कंकरखेड़ा थाने में मुकदमा कायम करा दिया है। गिरफ्तारी के दौरान एंटी करप्शन टीम की आरोपी बाबू से नोकझोंक भी हुई।
योगीपुरम के रहने वाले एक व्यक्ति सेना में नौकरी करते हैं उनका पोस्टिंग जोधपुर में बताया जा रहा है। कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के योगीपुरम में उनका मकान बन रहा है। मकान की देखरेख फौजी के भाई प्रेमपाल करते हैं। फौजी के भाई प्रेमपाल ने बताया कि करीब एक हफ्ते पहले व्यक्ति उनके निर्माणाधीन मकान पर पहुंचा और काम रुकवा दिया।
दोबारा फिर मांगी रिश्वत
आरोपी ने अपना नाम राम सिंह बिष्ट बताया और खुद को एमडीए कर्मचारी बताया। बाबू ने उनके मकान का नक्शा न होने की बात कहते हुए मकान का निर्माण गैरकानूनी बताते हुए निर्माण रुकवा दिया। प्रेमपाल ने आरोपी से समाधान पूछा तो उसने 25 हजार रूपए की डिमांड कर डाली। पीड़ित प्रेमपाल ने बाबू को रूपए दे दिए। आरोप है कि बाबू ने दो दिन बाद फिर अफसरों के नाम पर 25 हजार रूपए की डिमांड कर डाली।
फोन पर दे रहा था धमकी लगातार फोन कर परेशान कर रहा था इसी को लेकर प्रेमपाल ने एंटी करप्शन से मामले की शिकायत की। शनिवार को राम सिंह बिष्ट ने प्रेमपाल को फ़ोन किया। एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछा दिया और शोभापुर चौकी के निकट प्रेमपाल की मदद से चपरासी राम सिंह बिष्ट को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान टीम की बाबू से नोकझोंक भी हुई, जिसके बाद टीम उसे कंकरखेड़ा थाने लेकर पहुंची और उसके खिलाफ मुकदमा कायम कर दिया।