लखनऊ। राजधानी लखनऊ के अकबर नगर इलाके में बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है. उच्चतम न्यायलय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के आदेश को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकार पूरे एरिया का सर्वेक्षण करे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने एलडीए से कहा है कि जब तक लोगों के पुनर्वास का इंतजाम न हो जाए उनको बेघर न किया जाए.
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी क्योंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश आने के कुछ ही देर बाद एलडीए ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी थी. दरअसल लखनऊ के अकबर नगर में कमर्शियल प्लाट के 24 मालिकों के अवैध निर्माण गिराए जाने पर रोक लगाने से इंकार करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
एलडीए और लखनऊ नगर निगम टीम ने अकबर नगर में 23 बुलडोजर लगाकर दो बड़े कॉम्प्लेक्स-शोरूम ढहा दिए थे. अकबर नगर इलाका लखनऊ के कुकरैल नदी के किनारे बसी एक अवैध बस्ती है. वहां 1068 से ज्यादा अवैध मकान और 50 से अधिक दुकान बनी है. उत्तर प्रदेश सरकार इस कुकरैल नदी पर रिवरफ्रंट बनाना चाहती है.
अकबर नगर में रहने वाले लोगों के पुनर्वास के लिए सभी को 15 लाख रुपये की कीमत वाला मकान 4.80 लाख में दिया जा रहा है. इससे पहले अकबर नगर की अवैध बस्ती को गिराने की कार्रवाई दिसंबर महीने में हुई थी, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगाते हुए बस्ती के लोगों को राहत दे दी थी.