New Delhi: संसद से गायब हुआ लोकतंत्र? 22 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 146 सांसद निलंबित

Ravi Chauhan
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New Delhi: क्या लोकसभा से लोकतंत्र की विदाई हो चुकी है‚ ये सवाल इसलिए है कि भारी हंगामे के बीच आज फिर तीन विपक्षी सांसदो को सदन से निलंबित कर दिया गया है। अब तक कुल मिलाकर 146 सांसदों का निलंबन किया जा चुका है। एक सांसद लगभग 15 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। इस हिसाब से लगभग 22 करोड़ लोगों की आवाज सदन से बाहर कर दी गई। यानि 22 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले माननीयों को सदन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

निलंबित किये गए सभी सांसद पूरे सत्र के लिए बाहर रहेेगे। हैरानी की बात यह है इन सांसदो की गैरमौजूदगी में ही आपराधिक कानूनों से जुड़े तीन बिल लोकसभा से पास हो गए हैं। यानि बिना बहस के ही सरकार ने ये बिल पास कर दिये हैं। ऐसे में यह सवाल जायज है कि क्या संसद में अब लोकतंत्र खत्म हो गया है। यह बड़ा चिंता का विषय है।

आपको बता दें कि गुरुवार को लोकसभा से तीन और सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें नकुलनाथ, डीके सुरेश और दीपक बैज शामिल हैं। तीनों का निलंबन शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए प्रभावी रहेगा। इससे पहले सदन में 143 सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा से निलंबित किया जा चुका है। इस तरह संसद के दोनो सदनों से निलंबित किए गए सांसदों की संख्या 146 हो गई है। इनमें लोकसभा के 100 और राज्यसभा के 46 सांसद हैं।

क्यों की जा रही विपक्षी सांसदो पर कार्रवाई

दरअसल, विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के सांसद 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई चूक की घटना को पिछले एक सप्ताह से गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे हैं। लेकिन गृहमंत्री इस विषय पर बोलने के लिए तैयार नही हैं। हालांकि अमित शाह एक टीवी चैनल पर अपना जवाब दे चुके हैं। यही जवाब सांसद सदन के अंदर मांग रहे हैं। इसके अलावा विपक्षी सांसद संसद हमले के आरोपियो काे पास जारी करने वाले बीजेपी सांसद पर भी कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं।

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