उत्तर प्रदेश के लखनऊ जेल में बंद केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन के खिलाफ ईडी को ठोस सबूत नहीं पेश कर पायी। कप्पन की जमानत याचिका पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने कप्पन को निजी मुचलके पर जमानत दे दी, जिसके बाद आज गुरुवार सुबह रिहा कर दिए गए। ED ने पत्रकार कप्पन के ऊपर प्रतिबंधित संस्था पीएफआई (PFI) से संबंध रखने और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया था।
आपको बता दें कि बहुचर्चित हाथरस रेप कांड की कवरेज करने आ रहे पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को प्रतिबंधित संस्था PFI का सक्रिय सदस्य बताते हुए पुलिस ने अक्टूबर 2020 में मथुरा से गिरफ्तार किया था। उस समय आरोप था कि कप्पन कवरेज की आड़ में वह हाथरस की कानून व्यवस्था को प्रभावित करने आ रहे हैं।कप्पन की गिरफ्तारी भी प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) में हुई थी।इस मामले में कई दिनों तक ईडी की हिरासत और करीब दो साल तक जेल की सजा काटने के बाद आज गुरुवार सुबह पत्रकार कप्पन जेल से रिहा हो गए।
पत्रकार कप्पन ने जेल से बाहर आने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके ऊपर जानबूझ कर झूठे आरोप लगाए गए, लेकिन वह मीडिया के आभारी हैं कि उनकी बात गंभीरता से उठाई गई। उन्होंने कहा कि वह 28 माह बाद वह जेल से बाहर आए हैं। कप्पन के वकील इशान बघेल ने बताया कि सेशन कोर्ट ने बुधवार को ही पत्रकार कप्पन की जमानत पर साइन कर दिए थे। लेकिन जेल से उनकी रिहाई गुरुवार की सुबह हो पायी है।
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