कैसरगंज सांसद व भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अपने ऊपर लगे महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों पर कहा कि वह किसी भी महिला से बंद कमरे में नहीं मिले। जहां तक सवाल गले लगाने का है तो वह पहलवान ही मेडल जीतने की खुशी में मुझसे लिपट गई थीं, मैं नहीं। अगर यह अपराध है तो उत्साह जताने की परंपरा ही खत्म हो जाएगी। सांसद ने कहा कि जांच में आरोप की पुष्टि हो जाती है तो सजा भुगतने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि मुझे जांच पर पूरा भरोसा है।
विश्वनोहरपुर में मंगलवार को आरोपों का जवाब देते हुए बृजभूषण ने कहा कि महिला पहलवान के पास मोबाइल नहीं था, तो वह अपने पिता से बात करने मेरे पास आईं थीं। मैंने उनके पिता से बात कराई और फिर गले लगा लिया। वहां मेरी नीयत बिल्कुल साफ थी, मगर जब वह असहज हुईं तो मैंने कहा कि उन्होंने इसको एक पिता की तरह गले लगाया है। बृजभूषण ने कहा कि मैंने कभी किसी महिला पहलवान से गलत व्यवहार नहीं किया। मेडल पाने का मतलब यह नहीं है कि कोई झूठ नहीं बोल सकता। एक ओलंपियन तो जेल में है। इससे समझा जा सकता है कि मेडल जीतने के बाद कोई कुछ भी कर सकता है।
सवालों से तिलमिलाए सांसद ब्रजभूषण ने कहा कि पहलवानों की मांग पर ही जांच कमेटी बनी और जांच हुई। मगर उन लोगों ने जांच रिपोर्ट का इंतजार नहीं किया और सुप्रीम कोर्ट चले गए। अब एफआईआर हो गई है और दिल्ली पुलिस जांच कर रही है। यदि दिल्ली पुलिस पर भी विश्वास नहीं है तो पहलवान अपने अधिवक्ता कपिल सिब्बल से मिल लें और सीबीआई जांच करा लें। सिर्फ बयानबाजी कर सभी जांचों पर सवाल कब तक उठाते रहेंगे। जहां से संतुष्ट हों, वहां से जांच कराएं।