अंतरराष्ट्रीय अपराधिक कोर्ट ने जारी किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ वारंट‚ भारत को करना पड़ेगा गिरफ्तार ?

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पुतिन और PM मोदी
पुतिन और PM मोदी

World News: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (war between russia and ukraine) को एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है।  इस बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस के खिलाफ दर्जनों देशों ने सैकड़ों प्रतिबंध लगाएं।  इस कड़ी में अब एक बड़ा अपडेट सामने आया है। अंतरराष्ट्रीय अपराधिक (international criminal court) कोर्ट यानी ICC ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। पुतिन पर जबरन युद्ध थोपने और यूक्रेन में बच्चों के अपहरण और निर्वासन का आरोप लगाया गया है।

क्या गिरफ्तार होंगे पुतिन

वारंट जारी होने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादीमीर जेलेंस्की ने इसे न्याय की दिशा में पहला कदम बताया है।  इस बीच चर्चा हो रही है कि आईसीसी कोर्ट द्वारा जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट के बाद क्या रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।  अगर ऐसा होता है तो कौन से देश की पुलिस उन्हें गिरफ्तार करेगी। 

रूस ने जारी की प्रतिक्रिया

गिरफ्तारी वारंट पर रूस ने जो अपनी प्रतिक्रिया दी है उसको भी जान लेना जरूरी है।  इंटरनेशनल कोर्ट की ओर से जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट के बाद रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया जारी की है।  रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिजा झरकोवा ने बयान जारी कर कहा है कि रूम रोम स्टेट्यूट का हिस्सा नहीं है।  इसलिए उस पर यह गिरफ्तारी वारंट प्रभावी नहीं है।

क्या है रोम स्टेट्यूट (अंतरराष्ट्रीय अपराधी कोर्ट)

युद्ध के दौरान नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच करने के लिए साल 1998 में आईसीसी कोर्ट का गठन किया गया था।  जिसे रोम कानून के रूप में जाना जाता है।  इस कोर्ट के सदस्य देशों की सूची में ब्रिटेन अमेरिका और भारत भी शामिल है। खास बात यह है कि इंटरनेशनल अपराधिक कोर्ट के पास अपनी कोई पुलिस नहीं है। इस कोर्ट की ऑफिशियल मीटिंग नीदरलैंड के द हेग में होती है लेकिन इसकी कार्यवाही कही भी हो सकती है, किसी भी देश में हो सकती है। मतलब यह है कि अगर पुतिन ICC सदस्यों देशों में कहीं भी यात्रा पर जाते हैं तो वहां उन्हे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 

पुतिन के खिलाफ कार्रवाई का इन देशों ने किया समर्थन

बता दें कि फरवरी 2022 के आखिरी हफ्ते में रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था।  इसके बाद कई देशों ने रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाया था। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक कोर्ट में पुतिन के खिलाफ प्रस्ताव जारी किया। जिस पर करीब 39 देशों ने हस्ताक्षर किए थे। इस सूची में ब्रिटेन, फ्रांस, नीदरलैंड समेत अन्य देश शामिल थे। जांच पूरी होने के बाद ICC के चीफ प्रॉसिक्यूटर करीम असद अहमद खान ने अरेस्ट वारंट इश्यू कराया है।

क्या भारत में हो सकती है गिरफ्तारी

गिरफ्तारी की बात करें तो वारंट जारी होने के बाद अंतरराष्ट्रीय अपराधिक कोर्ट के सदस्य देशों की जिम्मेदारी बढ़ गई है।  रूस के राष्ट्रपति अगर इन देशों में यात्रा करने के लिए आते हैं तो उन्हें यहां गिरफ्तार किया जा सकता है। भारत भी ICC का सदस्य है और पुतिन G-20 बैठक में शामिल होने के लिए भारत आने वाले हैं।  ऐसे में क्या भारत पर इसका दबाव रहेगा कि रूस के राष्ट्रपति को गिरफ्तार कर लिए जाए।

लेकिन खबरों की माने तो ऐसा होना संभव नहीं है।  इसकी वजह है कि भले ही भारत ICC का सदस्य देश क्यों न हो लेकिन इसके नियमों को मानने वाले ‘रोम स्टेट्यूट’ की सूची में भारत शामिल नहीं है। युद्ध और परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को शामिल न करने के मुद्दे पर ऐतराज जताते हुए भारत ने रोम स्टेट्यूट पर जून-जुलाई 1998 में हुई वोटिंग में पार्टिसिपेट नहीं किया था।

 

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