Good News: उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक‚ कहा- रातों रात नहीं हटाए जा सकते 50 हजार लोग

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SUPREME-COURT
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Haldwani- हल्द्वानी के बनभूलपुरा (Banbhulpura) में रह रहे लोगों के लिए बेहद ही राहत भरी खबर सामने आयी है।  सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा (Banbhulpura of Haldwani, Uttarakhand)  में 78 एकड़ रेलवे की जमीन से 4000 परिवारों को बेदखल करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) के आदेश पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के इस आदेश के बाद अब 4000 परिवारों के घर फिलहाल नहीं टूटेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भेजते हुए इस मामले पर उत्तराखंड सरकार और रेलवे से भी जवाब मांगा है.

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कोर्ट ने कहा कि आप 50 हजार लोगों को रातोंरात नहीं हटा सकते। यह एक मानवीय मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए हमें एक व्यावहारिक समाधान खोजना होगा। इसे हल करने का यह सही तरीका नहीं है। भूमि की प्रकृति, अधिकारों की प्रकृति, स्वामित्व की प्रकृति आदि कई कोण पैदा करते हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्हें हटाने के लिए केवल एक सप्ताह का समय बहुत कम है। उनके पुनर्वास पर पहले विचार किया जाना चाहिए।

अपने घर को बचाने के लिए संघर्ष करतीं महिलाएं

बता दें कि जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस. ओक की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी. अब अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा 50-60 सालों से रह रहे लोगों का क्या होगा?: 
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस पूरे मामले में उत्तराखंड सरकार का स्टैंड क्या है।  अदालत ने पूछा कि जिन लोगों ने नीलामी में जमीन खरीदी है, उसे आप कैसे डील करेंगे? लोग 50/60 वर्षों से वहां रह रहे हैं। उनके पुनर्वास की कोई योजना तो होनी चाहिए।

स्कूलों-कॉलेजों को इस तरह से नहीं गिरा सकते: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उस जमीन पर आगे कोई निर्माण नहीं होगा। पुनर्वास योजना को ध्यान में रखा जाना चाहिए। ऐसे स्कूल, कॉलेज और अन्य ठोस ढांचे हैं जिन्हें इस तरह नहीं गिराया जा सकता है।

यह है पूरा मामला
दरअसल इस विवाद की शुरुआत उत्तराखंड हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद हुई। इस आदेश में रेलवे स्टेशन से 2.19 किमी दूर तक अतिक्रमण हटाए जाने का फैसला दिया गया। खुद अतिक्रमण हटाने के लिए सात दिन की मोहलत दी गई थी। जारी नोटिस में कहा गया है कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन 82.900 किमी से 80.710 किमी के बीच रेलवे की भूमि पर सभी अनाधिकृत कब्जों को तोड़ा जाएगा।

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