जाको राखे साइयां, मार सके न कोय… कलयुगी मां ने अपने कलेजे के टुकड़े को जिंदा दफन कर दिया, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। उसके रोने की आवाज एक महिला तक पहुंची और उसने उसकी जिंदगी बचा ली, लेकिन जब महिला ने उसे मिट्टी के नीचे निकाला तो वह नवजात की हालत देखकर रोने लगी।
फिलहाल नवजात खतरे से बाहर है और अस्पताल में उपचाराधीन है।
बुरी हालत में मिला नवजात
मामला उत्तर प्रदेश के कानुपर देहात के मूसानगर थाना क्षेत्र का है। गांव पोलंदर में शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने खेत में एक जगह अचानक मिट्टी को हिलते देखा। लोगों ने सोचा शायद भूकंप आया हो, लेकिन जब मिट्टी लगातार उड़ती रही तो गांव वालों ने उस जगह से मिट्टी हटाई। अचानक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी तो लोग घबरा गए। उन्होंने जगह की खुदाई की तो एक नवजात बुरी हालत में मिला।
सांस लेने में हो रही थी दिक्कत
नवजात के शरीर पर जख्म थे। वह मिट्टी से सना था। नाक में मिट्टी फंसी थी, लेकिन वह रूक-रूक सांसें ले रहा था। एक महिला ने उसके मुंह में पानी की बूंदें डाली और उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टर भी उसकी हालत देखकर चौंक गए। डॉक्टरों ने उसे तुरंत उपचार देना शुरू किया। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, लेकिन डॉक्टरों की कोशिश ने उसकी जान बचा ली। पुलिस भी मौके पर पहुंची।
दंपति ने अपनाने की इच्छा जताई
मूसानगर थाने के प्रभारी निरीक्षक और महिला पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचीं। CO भोगनीपुर रविकांत गौड़ ने बताया कि बच्चे को दफनाने वाले लोगों की तलाश जारी है। आस-पास अस्पतालों में पिछले कुछ घंटे पहले बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। आरोपियों का पता लगाकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एक दंपति ने नवजात को अपनाने की इच्छा जताई है, लेकिन कानूनी अड़चन के कारण उन्हें फिलहाल इसे दिया नहीं जा सकता।