बिजनौर: नजीमाबाद में आदमखोर गुलदार से निजात दिलाने के लिए वन विभाग की ओर से चलाए जा रहे धरपकड़ अभियान में एक गुलदार वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया है। गुलदार अपने अधूरे शिकार को खाने की तलाश में दोबारा आया तो पिंजरे में कैद हो गया। अधिकारियों के आदेश पर गुलदार को कानपुर में भेजा जा रहा है।
जानकारी के अनुसार तहसील के ग्राम कंडरावाली में वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे में शिकार की तलाश में आया एक गुलदार फस गया। सुबह जब खेतों पर काम करने किसान पहुंचे तो गुलदार की दहाड़ सुनकर ग्रमीणों के होश उड़ गए। काफी संख्या में लोग इकट्ठा होकर जब पिंजरे के पास पहुंचे तो देखा कि एक गुलदार पिंजरे में कैद हो चुका था। ग्रामीणों की ओर से वन विभाग को सूचना दी गई तो मौके पर वन विभाग के आला अधिकारी पहुंचे जिन्होंने रेस्क्यू कर गुलदार के पिंजरे को एक पिक अप में चढ़ाकर कानपुर के लिए रवाना कर दिया।
बता दे कि पिछले आठ महीने में अब तक गुलदार के हमले से 13 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 3 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं । गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग ने कई जगह पिंजरे लगा रखे है साथ ही एक्सपर्ट की टीम भी गुलदार की तलाश के लिए लगातार सर्च अभियान चला रही है। वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे में अब तक चार गुलदार कैद हो चुके हैं।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पिछले काफी दिनों से गांव के आसपास गुलदार देखा जा रहा था जिसके चलते वन विभाग ने पिंजरा लगाया था। एक दिन पहले गुलदार गांव में एक बछिया को खा गया था ग्रामीणों ने उस खाई हुई बछिया को पिंजरे में ही लगा दिया। गुलदार अपने छूटे हुए शिकार को फिर से खाने के लिए आया तो खुद ही जाल में फस गया ।
इस संबंध में डीएफओ आशुतोष पांडे का कहना है कि जिले में गुलदार की बढ़ती तादाद को देखते हुए पकड़े गए गुलदार को कानपुर चिड़ियाघर में भेजने का फैसला लिया गया है। गुलदार को आसपास छोड़े जाने की स्थिति में उसके फिर से आने की संभावना बनी हुई थी जो वहां पर खुले वातावरण में रहेगा। पकड़े गए गुलदार के आदमखोर होने के संकेत नहीं मिले हैं। जिले से गुलदार पकड़ने का अभियान जारी रहेगा।