छत्तीसगढ़: राजधानी रायपुर के धरसींवा इलाके के नीनवा गांव में एक शख्स ने नवरात्रि में शनिवार को अपने घर के अंदर स्थित देवस्थान के सामने कैंची से अपनी गर्दन काटकर बलि दे दी। घटना के बाद देवस्थान वाला कमरा खून से लथपथ हो गया। इस घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। 55 वर्षीय मृतक ने अपने घर के दरवाजे को अंदर से बंद कर लिया था। मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस जांच में जुट गई।
दरअसल, अंधश्रद्धा में बलि प्रथा की बात की जाए तो प्रदेश के कुछ मंदिरों में आज भी बलि प्रथा चली आ रही है। यहां आए दिन मनौती मांगकर बड़ी संख्या में बकरों की बलि दी जाती है। हालांकि समय के साथ इस बलि प्रथा का विरोध भी होता रहा है। इसके बाद भी कई मंदिरों में अभी भी देवी देवताओं को प्रसन्न करने के नाम पर जीवों की बलि देने की प्रथा जारी है। इसी का दुष्परिणाम निनवा गांव में देखने को मिला है।
जानकारी के अनुसार, धरसींवा के निनवा गांव में रहने वाले भुनेश्वर यादव ने अपने घर के अंदर स्थित देवस्थान के सामने कैंची से अपनी गर्दन काटकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद देवस्थान वाला कमरा खून से लथपथ हो गया। घटना कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है।
ग्रामीणों का मानना है कि अंधविश्वास के चलते भुनेश्वर यादव ने अपनी बलि दे दी। हालांकि पुलिस मामले की जांच करते हुए यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह सचमुच आत्महत्या है या फिर इसमें हत्या का कोई एंगल भी हो सकता है। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं कर रही की यह अंधविश्वास का मामला है।