चुनाव धांधली का आरोप लगाने वाले अधिकारी ने लिया यू-टर्न, अब इमरान की पार्टी पर साधा निशाना

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पाकिस्तान चुनाव: पाकिस्तान में सैन्य दबाव में क्या नहीं हो सकता? दरअसल, जिस अधिकारी ने खुद विल्सन पर पाकिस्तान में धांधली का आरोप लगाया था, उसी अधिकारी ने यू-टर्न ले लिया है. इतना ही नहीं, जिस अधिकारी ने चुनाव में धांधली का आरोप सेना और सरकार पर लगाया था, उसी अधिकारी ने अब इमरान खान की पार्टी को राजनीतिक दल नियुक्त कर दिया है. जानकारी के मुताबिक पिछले हफ्ते रावलपिंडी के पूर्व कमिश्नर लियाकत अली चट्ठा ने दावा किया था कि रावलपिंडी से पहले 13वें जिले को जबरदस्ती विजेता घोषित कर दिया गया था. अब उसी अधिकारी का कहना है कि उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने एक वरिष्ठ नेता के दबाव में ऐसी दावा याचिका दी थी.

पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) को पत्र लिखते हुए चट्ठा ने कहा कि पिछले हफ्ते एक वरिष्ठ नेता की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा, “इस प्रस्तावित प्रेस कॉन्फ्रेंस का प्राथमिक उद्देश्य PILA द्वारा फिल्मांकन को बढ़ावा देने के लिए नाटक का विज्ञापन और प्रचार करना था। मैं अपने काम की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।” खुद को अधिकारियों के सामने पेश करते हुए।” मैं आत्मसमर्पण करता हूं।”

छठ ने कहा, मुख्य न्यायाधीश की कोई भूमिका नहीं थी

चट्ठा ने इस सुझाव को भी खारिज कर दिया कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश की चुनाव प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं थी, उन्होंने कहा कि जबकि उनकी पार्टी के नेताओं ने विशेष रूप से नाम नहीं लिया, वे इमरान के नेतृत्व वाली पार्टी की तरह गति पैदा करने की कोशिश कर रहे थे। सीजेपी का नाम लेने को कहा गया. मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ पहले से ही संदेह और अविश्वास का बीजारोपण किया जा रहा है।

जानिए अधिकारी ने लगाया चुनाव में धांधली का क्या आरोप?

इससे पहले पाकिस्तान के एक कमिश्नर चट्ठा ने पाकिस्तान चुनाव में धांधली के आरोप पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इसमें उसने कहा था कि उसकी देखरेख में हत्या की गयी और सोलो से 50 हजार रुपये की जीतना लूट ली गयी. अधिकारी ने कहा कि उन्होंने अपने देश के साथ अन्याय किया है. इसलिए उसे फांसी दी जानी चाहिए.’ उन्होंने रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और धांधली के समर्थकों की बात स्वीकार करते हुए कहा कि यह सब उनकी निगरानी में हुआ था. इसके बाद अधिकारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस घटना के बाद पाकिस्तान में जबरदस्त हमला हुआ.

पहले आरोप, अब पीछे हटे छठ

अब रावलपिंडी के पूर्व कमिश्नर लियाकत अली चट्ठा गुरुवार को अपने सहयोगियों से पलट गए और कहा कि पिछले हफ्ते की प्रेस कॉन्फ्रेंस पाकिस्तान तहरीक के एक वरिष्ठ नेता के आदेश पर आयोजित की गई थी। दूसरी ओर, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने मुख्य चुनाव आयुक्त के संबंध में चट्ठा के दावे को दृढ़ता से खारिज कर दिया

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