मेरठ। कालका कॉलेज में छात्राओ का हंगामा‚ बोलीं- हमारे मंगलसूत्र उतरवाए

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मेरठ के परतापुर थाना क्षेत्र के कालका इंस्टिट्यूट में शुक्रवार को छात्र-छात्राओं ने जमकर हंगामा कर दिया। छात्राओं का कहना है कि कॉलेज प्रशासन जबरदस्ती पैसे वसूलने का काम करता है। जो ड्रेस बाहर 1100 रुपये की मिलती है, उसे कॉलेज में 6000 रुपए में खरीदने का दबाव बनाते हैं। बैग, ड्रेस और भी कई चीजें न खरीदने पर प्रशासन भविष्य खराब करने की धमकी देता है।

छात्राओं का आरोप है कि कॉलेज के टीचर परीक्षा में एंट्री देने से पहले उनके मंगलसूत्र उतरवाते हैं। कहते हैं कि मंगलसूत्र पहनकर परीक्षा में एंट्री नहीं देंगे।

वहीं कुछ छात्राओं ने टीचर्स पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है टीचर उनकी पेंट उतरवाकर चेकिंग करने के लिए कहते हैं। ऐसे में छात्राओं की मांग है कि जिन छात्राओं को एग्जाम नहीं देने दिया गया है, उनका रि-एग्जाम कराया जाए और प्रिंसिपल को हटाया जाए।

छात्राओं बोलीं- कॉलेज हम पर इतना ज्यादा प्रेशर बनाता है, कि हमारे पास अपने भविष्य को बचाने का कोई चारा नहीं रहता है। मन में सिर्फ सुसाइड करने का ख्याल आता है। बस फैमिली के बारे में सोचकर रुक जाते हैं।

इसके बाद क्लास की कुछ छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन का विरोध करने का सोचा तो टीचर्स ने उनको परीक्षा में नहीं बैठने दिया। ​​​वहीं सूचना पर परतापुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची है और पूरे मामले की जांच कर रही है।

कॉलेज प्रशासन का कहना है कि जो आरोप लगाए हैं वह तीन छात्रों के द्वारा फीस नहीं जमा करने से जुड़े हैं। तीन छात्रों ने फीस जमा नहीं की है। जिसके कारण वह इस तरह के गंभीर आरोप लगा रहे हैं। मौके पर भारी हंगामा चल रहा है। इस पर छात्राओं ने नो ड्यूश की रिसीप्ट दिखाई। जिसमें फीस पेड की मोहर लगी हुई है।

मौके पर पहुंचे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता आर्यन प्रजापति बोले- आज से तीन दिन पहले भी हम यहां आए थे। हमें काफी लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि ये कॉलेज छात्राओं का उत्पीड़न कर रहा है। यहां ड्रेस देने का लगातार दवाब बनाया जा रहा है। कॉलेज 6000 की ड्रेस दे रहे हैं जबकि बाहर 1100 रुपए की मिल रही है।

यहां 3 छात्राएं ऐसी हैं जिनकी आर्थिक स्थिति सही नहीं थी। तो उन्होने बाहर से खरीद ली। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने उन्हें परीक्षा देने से मना कर दिया था।

ऐसे में हमारी मांग है कि छात्राओं की परीक्षा फिर से कराई जाए। उनकी परीक्षा का दोबारा का शुल्क पुलिस प्रशासन जमा करें। छात्र कुछ समय पहले अपनी समस्या लेकर टीचर के पास गए थे, लेकिन टीचर ने अप्लीकेशन फाड़कर उनके मुंह पर फेंक दिया। फिर बोलीं- मेरा कुछ बिगाड़ सकते हो तो बिगाड़ लो।

वैरिफिकेशन के नाम पर छात्रों की 10वीं-12वीं की मार्कशीट प्रशासन ने कब्जा रखी है। जो कॉलेज प्रशासन का रवैया है वो इतना गंदा है कि आम छात्र इसे फेस नहीं कर सकता है। हम संगठन के कार्यकर्ता हैं। हमने अपनी आंखों से देखा है जो व्यवहार यहां आई एक महिला टीचर था। उसे कोई बर्दाश्त नहीं कर सकता है। कॉलेज प्रशासन लगातार छात्रों का भविष्य खराब करने की धमकी देता है। जिससे उनके पास आखिरी रास्ता सुसाइड ही बचता है।

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