MP: पेशाब कांड में पीड़ित की जगह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने धोए किसी और के पैर‚ फिर मचा बवाल

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पेशाब में फिर शुरू हुई सियासत

पेशाब में फिर शुरू हुई सियासत

MP Pesab scandal: मध्य प्रदेश के सीधी जनपद में हुए पेशाब कांड में अब एक और नया मोड़ आया है। दावा किया जा रहा है कि जिस व्यक्ति के चेहरे पर कथित बीजेपी नेता प्रवेश शुक्ला ने पेशाब किया था‚ मुख्यमंत्री ने उसकी बजाए किसी दूसरे व्यक्ति के पैर धोए हैं।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित आदिवासी युवक की जगह किसी दूसरे शख्स के पैर धोए हैं और उसे मुआवजा दिया है।  बताया जा रहा है कि जिस दशमत रावत के पैर मुख्यमंत्री ने धोए हैं उसकी कद-काठी‚ हुलिया और रंग पीड़ित युवक से काफी अलग है।

पेशाब कांड़ में यह खुलासा करते हुए कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा है कि शिवराज सिंह ने किसी और के पांव धोकर नौटंकी की है‚ जबकि असली पीड़ित लापता है? कांग्रेस ने कहा है जनता माफ नही करेगी।  इससे पहले यूजर्स ने भी तरह-तरह की बातों से पीड़ित के असली और नकली होने के दावे किए थे। 

एक शख्स ने लिखा था कि मेरे हिसाब से आरोपी प्रवेश शुक्ला ने जिस आदिवासी लड़के के ऊपर पेशाब किया था वह दशमत रावत से काफी अलग है।  दावा किया जा रहा है कि पीड़ित की उम्र 16 से 17 साल थी‚ जबकि मुख्यमंत्री ने जिस व्यक्ति के पैर धोए हैं उसकी उम्र करीब 35 से 38 साल लग रही है। यह भी दावा किया जा रहा है कि जिस लड़के के चेहरे पर बीजेपी नेता पेशाब कर रहा है‚ उसके बाल घने काले और घुंघराले हैं‚ जबकि मुख्यमंत्री ने जिस व्यक्ति के पैर धोए हैं उसके बाल सफेद और बेहद कम है।

मामला सामने आने के बाद एक फिर इसे लेकर हंगामा और राजनीति शुरू हो गई है। कोई इसे प्रशासन की चूक बता रहा है तो कोई साजिश करार दे रहा है। हालांकि इस मामले में सीधी पुलिस अधीक्षक ने खंडन करते हुए कहा है कि ऐसा कुछ भी नहीं है। पीड़ित व्यक्ति को ही मुख्यमंत्री आवास पर ले जाकर सम्मान दिलवाया गया है।  सीधी जिला अधिकारी ने इस खबर का खंडन किया है।

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आपको बता दें कि 4 जुलाई को सोशल मीडिया पर एक वीडिया वायरल हुआ था जिसमें कथित बीजेपी नेता प्रवेश शुक्ला सामने बैठे आदिवासी युवक के चेहरे पर पेसाब करता हुआ नजर आ रहा था। वीडियो सामने आने के बाद देश भर में हंगामा खड़ा हो गया था। सीएम शिवराज सिंह के आदेश पर पुलिस ने तुरन्त आरोपी प्रवेश शुक्ला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसके घर पर भी बुल्डोजर चलाया गया था।

घटना के बाद शिवराज सिंह सरकार को बुरी फजीहत झेलनी पड़ी थी। इसके बाद डैमेज कंट्रोल करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित को अपने सरकारी आवास पर बुलाकर उसके पैर धाेते हुए माफी मांगी थी। साथ पीड़ित दशमत रावत को पांच लाख रूपए का मुआवजा और डेढ़ लाख रूपए घर ठीक कराने के नाम पर भी दिए थे। हालांकि अब कांग्रेस का दावा है कि पीड़ित दशमत रावत नही है काेई और है। 

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