karnataka election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को कर्नाटक में बड़ा झटका लगा है। विधानसभा चुनाव से चंद दिनों पहले कर्नाटक बीजेपी में बड़ी बगावत की खबरें सामने आ रही हैं। पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी सहित कई विधायक टिकट ना मिलने से नाराज हो गए हैं। लक्ष्मण सावदी ने तो पार्टी और पद दोनाें से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने अकेले ही पार्टी के खिलाफ ताल ठोक दी है। पूर्व सीएम ने खुले मैदान में रैली करते हुए भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी है‚ टिकट नहीं मिलने से नाराज लक्ष्मण सावदी के हजारों समर्थक बगावत पर उतर आए हैं। पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी विधानसभा में बड़ी सभा की है।
बताया जा रहा है कि उनकी इस रैली में करीब 40 हजार लोगों ने हिस्सा लिया है। खास बात यह है कि बीजेपी के पूर्व सीएम कांग्रेस नेताओं के साथ बैठे हुए नजर आए है। बताया जा रहा है कि बीएस येदुरप्पा के कहने पर इनका टिकट काटा गया है। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व चुप बैठा रहा।
कुमारस्वामी को भी टिकट नही दिया गया है। टिकट नहीं मिलने पर उन्होने बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि की वजह से मुदिगेरे सीट से उनका टिकट काट दिया गया। जिसके बाद बताया जा रहा है कि कुमारस्वामी जेडी(एस) में शामिल हो सकते है या निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं।
लक्ष्मण सावदी ने पद से इस्तीफा दे दिया है‚ उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी है। हालांकि येदुरप्पा का कहना है कि लक्ष्मण सावदी को सब कुछ दिया लेकिन वह ना खुश क्यों हैं। आपको बता दें कि लक्ष्मण सावदी लिंगायत समुदाय से आते हैं। कर्नाटक में लिंगायत समुदाय का बहुत बड़ा प्रभाव है। उनका इस तरह से पार्टी के खिलाफ बगावत करना बीजेपी के लिए बड़ी परेशानी बन सकता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि नाराज नेता और कार्यकर्ताओ की वजह से BJP दस सीटों को गवा सकती है।
मीडिया नही कर रहा कवरेज
हैरानी की बात है कि इतनी बड़ी खबर होने के बावजूद भी मैन मीडिया में इसकी जरा भी चर्चा नहीं है। कांग्रेस के छोटे नेताओं के भी पार्टी छोड़ने पर घंटों खबर चलाने वाला भारत का मेन मीडिया इतनी बड़ी खबर दे भी चुप्पी साधे हुए है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी ने बीएस येदियुरप्पा को रूठे गए विधायकों को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है।