मोदी सरकार ने जारी किया बजट‚ नौकरी, महंगाई और किसानों के लिए कुछ नही

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लखनऊ : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरी बजट को राजधानी लखनऊ के व्यापारियों ने सराहनीय तो कुछ लोगों ने निराशाजनक बजट बताया है. बजट को आंकड़ेबाजी और लोकल ट्रेडर्स के लिए निराशाजनक बताया गया है, वहीं अन्य लोगों ने बजट को राहत देने वाला बताया है.

केंद्रीय बजट को व्यापारियों ने बताया सराहनीय, बोले मिलेगी राहत : केंद्रीय बजट में हुए कई प्रावधानों को व्यापारिक संगठनों और व्यापारियों ने सराहनीय बताया है. चौक सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश पाटिल ने कहा कि सोने पर लगने वाले आयात कर को चार प्रतिशत घटाने के फैसले का हम स्वागत करते हैं. अब तस्करी के सोने पर लगाम लग सकेगी. पहले 10% आयात कर था, जिसे अब हटाकर 4% कर दिया गया है. इससे व्यापारियों को काफी सहूलियत मिलेगी. केंद्र सरकार ने आयात कर में चार फ़ीसदी की छूट दी है जो काफी सराहनीय पहल है इससे हम सब लोगों को काफी राहत मिलेगी.

लोकल ट्रेडर्स के लिए बजट में कुछ नहीं, ई कामर्स योजना लाने में भी सरकार फेल : लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा पेश हुए बजट में आंकड़ों की बाजीगरी दिखाई गई है. कहा कि अटल बिहारी बाजपेयी की जब सरकार नहीं आई थी, उसके पहले से भाजपा की मांग थी कि इनकम टैक्स में आय की सीमा ज्यादा होनी चाहिए. 2014 से पहले तो इनकी घोषणा पत्र में में उन्होंने पांच लाख तक के कर मुक्त आय की घोषणा की थी, जो कि आज तक ये नहीं कर पाए. जबकि आर्थिक आधार पर आरक्षण या 8 लाख पर देते हैं तो फिर 10 लाख तक की करमुक्त आय क्यों न होनी चाहिए. कहा कि बहुप्रतिक्षित था कि local traders को संरक्षित करने के लिए सरकार कोई योजना ई कॉमर्स लाएगी, परंतु मरते हुए व्यापार को ज़िंदा करने के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है.

सरकार का प्रयोग अब भी जारी : कहा कि GST को लागू हुए सात वर्ष पूरे हो गए हैं, लेकिन अभी भी सरकार का प्रयोग जारी है. ना तो ट्रिब्यूनल बना पाई है ना ही अधिकारियों के द्वारा किया जा रहा उत्पीड़न समाप्त कर पाई है. व्यापार जगत के लिए कोई भी अच्छी घोषणा नहीं सिर्फ़ आंकड़ों की बाज़ीगरी. अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन भाजपा अपने सबसे वोटर यानी मध्यम वर्ग और व्यापारी समाज को खो देगी.

व्यापारी समाज की उपेक्षा की : व्यापार मंडल अध्यक्ष अमर नाथ मिश्रा कहते हैं कि पूर्व में कई ज्ञापन मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री एवं रक्षा मंत्री के माध्यम से दिया गया यहां तक कि जिलाधिकारी और GST कमीशनर के माध्यम से भी भेजे गए, जिसमें लाइसेंस राज इंस्पेक्टर राज को खत्म करने के लिए तमाम सुझाव दिए गए. जैसे एक तरीक़े का कारोबार करने वाले व्यापारियों को एक ही पोर्टल पर एक बार लॉगिन करने पर सारे लाइसेंस मिल जाएं. जैसे ड्रग लाइसेंस फ़ूड लाइसेंस, आबकारी लाइसेंस , मंडी के लाइसेंस. मगर सरकार के द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. इसी तरह GST की विसंगतियों पर कई बार चर्चा के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ. कुल मिलाकर के मौजूदा सरकार हम व्यापारी समाज को उपेक्षित रखते हुए उसे के हितों का संरक्षण करने में असमर्थ है. व्यापारी समाज के लिए एक निराशाजनक बजट है.

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