राजस्थान: महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा/नरेगा) योजना में आपने अभी तक कई तरह के घोटालों की खबरें जरूर सुनी होगी। लेकिन वर्तमान में इस योजना के तहत अलग तरीके से घोटाला किया जा रहा है। जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
ताजा मामला राजस्थान के पाली जनपद से सामने आया है। जहां मनरेगा के तहत फर्जी हाजिरी लगाकर मजदूर दिन में निजी ठेकेदार के लिए काम कर रहे हैं। हमारे संवाददाता ने मौके पर जाकर जांच पड़ताल की तो पूरी घटना सच साबित हुई। सुबह मनरेगा के तहत काम पर जाने वाले दर्जनों मजदूर दोपहर में निजी ठेकेदार के लिए कार्य करते हुए पाए गए।
सरपंच से लेकर ब्लाॅक स्तर तक घोटाला
दरअसल रायपुर ब्लॉक और तहसील के गांव कालब कलां में सरपंच गुणवंती देवी है। सरपंच का बेटा लक्ष्मण सिंह पूरा कार्य देखता है। वर्तमान में गांव में कच्चा रास्ता‚ और नाली बनवाने के लिए मनरेगा के तहत कार्य कराया जा रहा है। लेकिन जांच में सामने आया कि मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाकर पैसा निकाला जा रहा है। जिन मजदूरों ने नाम से हाजिरी लगाकर नरेगा कार्य कराया जा रहा है वो लोग दिन में दूसरी जगह कार्य करते हुए पाए गए हैं।
इस पूरे मामला का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हाे रहा है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि नरेगा के तहत फर्जी हाजिरी से मिलने वाले रूपयों में से 70 फीसदी हिस्सा ग्राम प्रधान काे और 30 फीसदी हिस्सा मजदूरों को दिया जाता है। प्रधान इस हिस्से में आधी रकम ब्लॉक स्तर के अधिकारियों भेजता है। बताया जा रहा है कि जनपद के अन्य गांवो में भी इसी तरह से फर्जीवाडा किया जा रहा है और मनरेगा योजना से सरकार को चूना लगाया जा रहा है। इस मामले में ग्राम प्रधान ही नहीं ब्लॉक स्तर के अधिकारी भी शामिल है।
इस बारे में हमने जब VDO अतुल सोलंकी से बात की तो उन्होने बताया कि उन्हे इस मामले की कोई जानकारी नही है। वो जांच कराकर कार्यवाही कराएंगे। हालांकि VDO साहब के इस बयान में कितनी सच्चाई है यह बात सभी लोग जानते हैं। माना जा रहा है कि अकेले ग्राम प्रधान अपने दम पर इतना बड़ा घोटाला नही कर सकता है।