नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर सहित चार प्रदेशों के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक को दिल्ली पुलिस ने R K पुरम थाने में रोका है। DCP साउथ-वेस्ट ने उनकी गिरफ्तारी से इनकार किया है। बताया गया कि शनिवार दोपहर को 12 बजे पूर्व राज्यपाल को थाने में ले जाया गया। जिसके पश्चात कई राज्यों के खाप पंचायत प्रतिनिधि थाने के बाहर एकत्रित होने लगे हैं। किसी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए थाने में सीआरपीएफ की तैनाती की गई है।
दरअसल, पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का सम्मान करने के लिए हरियाणा,दिल्ली राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खाप प्रतिनिधि, आरके पुरम के सेक्टर-12 स्थित सेंट्रल पार्क में एकत्रित हुए थे। शनिवार दोपहर लगभग 12 बजे जैसे ही सत्यपाल मलिक वहां पहुंचे तो दिल्ली पुलिस ने उन्हें कार्यक्रम में भाग लेने से रोक दिया। पार्क में लगा उनका टेंट गिरा दिया गया। सम्मान करने आए खाप पंचायत प्रतिनिधियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। वह सामान भी इधर-उधर बिखरा पड़ा था। पुलिस ने कहा, पार्क में आयोजन की मंज़ूरी नहीं ली गई थी।
डीसीपी साउथ-वेस्ट ने बताया कि सत्यपाल मालिक के बेटा और बेटी आरके पुरम इलाके में रहते हैं। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मालिक भीड़ के साथ एक पार्क मीटिंग कर रहे थे। जिसकी वजह से जब पुलिस ने उनसे पूछा की सार्वजनिक जगह पर मीटिंग की परमिशन है, तो उन्होंने परमिशन के लिए मना कर दिया, जिसके बाद सत्यपाल मालिक अपनी कार से थाने आए। पुलिस ने उनको न तो बुलाया और न ही हिरासत में लिया है।
आपको बता दें कि 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 14 फरवरी को पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। उस वक्त जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल थे। अभी हाल फिलहाल में सत्यपाल मलिक ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा, केंद्रीय गृह मंत्रालय की चूक के कारण फरवरी 2019 में पुलवामा में जवानों पर घातक हमला हुआ, मुझे उसके बारे में बोलने से मना किया था। मलिक ने कहा कि नरेंद्र मोदी से बात हुई तो उन्होंने इस बारे में चुप रहने और किसी को न बताने के लिए कहा था। एनएसए अजीत डोभाल ने भी उन्हें चुप रहने और इस बारे में बात न करने के लिए कहा।
मलिक ने कहा, उन्हें फौरन एहसास हुआ कि यहां इरादा पाकिस्तान पर दोष मढ़ना और सरकार और भाजपा के लिए चुनावी फायदा पाना था। बतौर सत्यपाल मलिक, वह हमला गृह मंत्रालय की ‘अक्षमता और लापरवाही’ का नतीजा था। उस समय राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे। सत्यपाल मलिक ने कहा, सीआरपीएफ ने एयरक्रॉफ्ट की मांग की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विमान देने से इनकार कर दिया था। सड़क मार्ग पर प्रभावी ढंग से सुरक्षा इंतजाम नहीं थे।