UP: उन्नाव में फसल की रखवाली करते हुए किसान की मौत‚ आवारा पशुओं से मुक्ति दिलाने का वादा करके सो गई सरकार

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कब मिलेगी आवारा पशुओ से मुक्ति

कब मिलेगी आवारा पशुओ से मुक्ति सरकारॽ

Uttar Pradesh Stray Animal Issue: उत्तर प्रदेश में साल 2017 में जब योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सत्ता में आए तो उन्होंने ऐलान किया कि यूपी में गाय नही कटने देंगे।  इसके बाद पूरे प्रदेश में चुन-चुन कर सैकड़ों अवैध बूचड़खाने (illegal slaughter houses) रातों-रात बंद कर दिए गए।  कटान बंद हुआ तो किसानों के पशुओं को (गोवंश) व्यापारियों ने खरीदना बंद कर दिया। इन पशुओं ने दूध देना बंद किया तो किसानों को भी यह बोझ लगने लगे।

फ्री में चारा खिलाना न पड़े इसलिए किसानो ने ऐसे गोवंशो को खुला छोड़ना शुरू दिया। सर्दी‚ बारिश और तेज गर्मी इन बेजुबानो ने खुले आकाश के नीचे काटनी शुरू कर दी।  आलम यह हुआ कि योगी सरकार के पिछले 5 वर्ष के कार्यकाल के दौरान इन आवारा मवेशियों ने ना जाने कितने हेक्टेयर फसल बर्बाद कर दी।  इसके अलावा सैकड़ों लोगों को भी मौत के घाट भी उतार दिया।

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2022 में योगी एक बार फिर वोट लेने के लिए जनता के बीच पहुंचे तो उनके सामने आवारा पशुओं का मुद्दा जोर-शोर से उठा। किसानो ने वोट देने से पहले आवारा पशुओ से मुक्ति दिलाने की मांग की। विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाया तो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामने आए। उन्हाेने लोगों को भरोसा दिलाया कि चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले आवारा पशुओं को लेकर कार्य योजना तैयार की जाएगी और इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा।

फसल की रखवाली करते हुए किसान की मौत

मृतक किसान

उत्तर प्रदेश में दूसरी बार सरकार बनाने के 9 महीने बाद भी भारतीय जनता पार्टी या योगी सरकार के पास आवारा पशुओ को लेकर कोई जवाब नही है।  नतीजा यह हुआ कि उन्नाव में आवारा पशुओं से फसल की रखवाली करते वक्त ठंड लगने से एक और किसान की मौत हो गई।  52 वर्षीय नन्ना सिंह लोधी फसल की रखवाली के लिए इस भयानक सर्दी में अपने खेत पर पहरा दे रहा था। 

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किसान की मौत के बाद यह सवाल खड़ा हो चला है कि आखिर अन्नदाता को आवारा पशुओं से मुक्ति कब मिलेगी। अगर सरकार आवारा पशुओ को लेकर कोई समाधान निकाल लेती तो शायद नन्हे सिंह लोधी आज जीवित होते। परिजनों का कहना है कि छुट्टा मवेशियों से फसल को बचाने के लिए वह रोजाना खेत पर जाते थे।  परिजनों का दावा है कि खेत पर सर्दी लगने से ही मौत हुई है।

4 लाख मुआवजे का ऐलान

सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। एसडीएम ने परिवार को 4 लाख रूपए मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि शीतलहर की वजह से किसान की मौत हुई है। यह भी बताया जा रहा है कि किसान टीवी से भी पीड़ित था। किसान की एक तलाकशुदा बेटी और एक छोटा बेटा है। फिलहाल परिवार में कमाने वाले नन्हे सिंह लोधी ही थे।

मामले को लेकर विपक्ष सवाल खड़े करें इससे पहले ही प्रशासन परिजनों को घर दिलाने की बात भी कह रहा है। हालांकि आवारा पशुओं पर रोक कब लगेगी इस बारे में कोई सरकार या प्रशासन के पास कोई जवाब नही है। 

उन्नाव ही नहीं प्रदेश के कई अन्य जिलों से इस तरह की खबरें सामने आ चुकी है। प्रदेश भर की सड़कों पर भी खुलेआम आवारा पशुओं को देखा जा सकता है।  इनकी चपेट में आकर हर साल दर्जनों वाहन चालक अपनी जान गवा रहे हैं। हालांकि सरकार के पास कोई समाधान नजर नहीं आता है। 

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