Electricity in Elmagund Village: भारत का एक ऐसा गांव है जहां आजादी के 77 साल बाद भी लोग बिजली को तरस रहे थे‚ इस गांव में सूरज ढलने के बाद पूरी तरह अंधेरा छा जाता था। 21वीं सदी में जहां हर कोई टेक्नोलॉजी और टेक्नोलॉजी की दौड़ में लगा हुआ है, वहीं इस गांव के लोग दीये जलाकर अपना गुजारा करते थे, लेकिन अब इस गांव में भी रोशनी की किरण आ गई है। 77 साल अंधेरे में रहने के बाद इस गांव में पहली बार बल्ब 14 अगस्त को लाइट जली तो लोगों के चेहरे खिल उठे।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यह गांव छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में है। नक्सल प्रभावित सुकमा के एल्मागुंडा गांव के घरों में पहली बार बिजली पहुंची है. कहा जाता है कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर यहां के सभी घरों में बिजली पहुंचा दी गई हैं। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड और जिला पुलिस के प्रयासों से गांव वालों को पहली बाद गांव में बिजली के दर्शन हो पाए हैं।
अधिकारियों को मशक्कत करनी पड़ी
बताया जाता है कि 14 अगस्त तक एल्मागुंडा गांव के लोगों की जिंदगी मुश्किलों से भरी थी. पुलिस अधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों को नक्सलियों की गतिविधियों के बारे में जागरूक करने और उन्हें अपने गांव के विकास पर जोर देने के लिए मनाने में काफी मेहनत करनी पड़ी. ग्रामीणों के साथ कई दौर की बैठकें हुईं. ग्रामीणों से भी नक्सलियों से दूरी बनाए रखने की अपील की गई है.