मुजफ्फरनगर में अंधविश्वास की बलि चढ़ी बालिका का शव नहीं हुआ बरामद, मां बाप ने ही कर दिया था कत्ल

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उत्तर प्रदेश: भले ही आज वैज्ञानिक युग में जी रहे हो, परन्तु अभी भी लोग अंधविश्वास में कितना यकीन रखते हैं। जीता-जागता सबूत मुजफ्फरनगर जिले के भोपा थाना क्षेत्र के ग्राम बेलड़ा में देखने को मिला। जिन्न का साया होने के शक में तांत्रिक की शरण में पहुंचे दंपत्ति ने तांत्रिक के कहने पर अपने 37 दिन की अबोध बालिका का गला घोंटकर उसकी बलि दे दी और शव जंगल में फेंक दिया। ग्रामीणों द्वारा पुलिस का मामले का पता चला तो पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए आरोपी पति-पत्नी के अलावा तांत्रिक को भी गिरफ्तार कर लिया।

शव को तलाश करती पुलिस

पुलिस ने घंटों अभियान चलाकर बच्ची का शव ढूंढने का प्रयास किया, परन्तु कई घंटे तक जंगलों की खाक छानने के दौरान चरी के खेत से खून से सने कपड़े बरामद हुए, लेकिन बच्ची के शव का कुछ पता नाहीं चल सका। पूछताछ में आरोपी पिता ने शव को खेत से उठाकर गंग नहर में फेंकना आरोपी दंपत्ति को जेल भेजने के साथ ही भोपा पुलिस मासूम बालिका के शव की तलाश में जट जुट गई है।

जागरूक ग्रामीणों की वजह से बच्ची की मौत का चला पता

दरअसल, बच्ची ने कुछ दिन पहले ही जन्म लिया था। इसलिए ममता को दूध आता था। जिससे वह परेशान थी। गोपाल ने गांव में ही एक मेडिकल स्टोर के यहां जाकर दूध सुखाने की दवाई देने को कहा तो उससे कारण पूछा गया। उसने बेटी की मौत होने की बात बताते हुए दवाई देने को कहा। इसके बाद से यह बात पूरे गांव में फैल गई थी। मामला पुलिस तक जा पहुंची थी।

दरिंदे गोपाल ने दो बार फेंकी शगुन की लाश

जन्म के बाद से ही गोपाल शगुन से नफरत कर रहा था। पहले गला दबाकर हत्या की और इसके बाद पति-पत्नी काले कपड़े में शव लपेट कर मोपेड पर सवार होकर रहमतपुर मार्ग पर पहुंचे। यहां खेत में शव फेंक आए। घर आकर गोपाल ने नहाकर पूजा की। रात में एक बार फिर साइकिल पर गोपाल जंगल पहुंचा और शव को उठाकर वहां से दो किमी दूर बेलड़ा गंगनहर में फेंक आया। जबकि पहले दंपती ने बच्ची की मौत बीमारी से बताकर पुलिस को गुमराह किया था। लेकिन क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज ने सच खोलकर रख दिया

भोपा सीओ ने पूरी घटना को विस्तार से बताया

क्षेत्राधिकारी भोपा रविशंकर मिश्र ने प्रेसवार्ता में बताया कि भोपा थानाक्षेत्र के बेलड़ा निवासी गोपाल ने पहली पत्नी से अलगाव और दूसरी पत्नि की मौत के बाद परतापुर निवासी पांच माह की गर्भवती ममता से तीसरी शादी की थी। ममता ने करीब एक माह पूर्व एक स्वस्थ्य बच्ची को जन्म दिया। बड़े चाव से बालिका का नाम शगुन रखा। शगुन ममता के पूर्व पति की संतान होने के कारण गोपाल उसको पसंद नहीं करता था। शगुन के पैदा होने बाद मां ममता भी काफी बीमार रहने लगी थी। उन्होंने एक तांत्रिक से पूछा तो उसने दंपती से कहा कि ममता के ऊपर जिन्न का साया है और बलि देने से यह ठीक हो जाएगी।

अंधविश्वास के चलते और तांत्रिक के कहने में आकर दंपती ने मंगलवार की देर रात अपनी एक माह की नवजात बच्ची की गला घोंटकर हत्या कर दी। पड़ोस में किसी को बच्ची के रोने की आवाज सुनाई नहीं दी तो पड़ोसियों को उन पर शक हुआ और मामले की सूचना पुलिरा को दी गई। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। जिसके बाद पुलिस ने दंपती को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने सच उगल दिया। जिसके बाद उनको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि पुलिस अभी बच्ची का शव बरामद नही कर पाई है।

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