उत्तर प्रदेश: प्रयागराज में बहुचर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार शाम स्वचालित हथियार से गोली मार कर हत्या कर दी गई। गोली और बम की तड़तड़ाहट से इलाका थर्रा उठा। उनकी सुरक्षा में लगे दो गनर भी गंभीर रूप से घायल हो गए। उपचार के दौरान एक गनर की भी मौत हो गई। घटना के बाद हमलावर बाइक से भाग निकले। पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने हत्या की पुष्टि की। वारदात के बाद धूमनगंज और आसपास का इलाका छावनी में तब्दील हो गया।
आपको बता दें कि अतीक अहमद के सांसद बनने से रिक्त हुई शहर पश्चिमी सीट से राजू पाल विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर विधायक बने थे। विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को धूमनगंज इलाके में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उमेश पाल मुख्य गवाह थे। पेशे से वकील उमेश ने लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में राजू पाल हत्याकांड की पैरवी की थी। इसी कारण अतीक गिरोह से उनकी खुलेआम दुश्मनी हो गई थी। कोर्ट में गवाही देने गए उमेश का 2016 में अपहरण कर लिया गया था। अपहरण कांड में अतीक, उसके भाई अशरफ समेत कई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। तभी से उनको दो गनर भी मिले हुए थे।
अपहरण के उसी मामले में शुक्रवार को गवाही थी। उमेश वकील की यूनिफार्म में अपने दोनों गनर संदीप निषाद और राघवेंद्र सिंह के साथ गवाही के लिए जिला कचहरी गए थे। करीब साढ़े चार बजे वे क्रेटा गाड़ी से वापस धूमनगंज स्थित अपने घर के लिए चल दिए। करीब 5:15 पर जैसे ही गेट पर गाड़ी रोककर उमेश उतरे, पहले से घात लगाए बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। उमेश गोली लगने से गिरने के बाद उठकर घर के भीतर भागे। साथ में उनकी सुरक्षा में लगे दोनों सिपाही भी उन्हें बचाने के लिए घर के अंदर भागे।
लेकिन, हमलावरों ने दुस्साहस का परिचय देते हुए घर के अंदर घुसकर स्वचालित हथियारों से लगातार गोलियां बरसाईं। इस दौरान बदमाशों ने बम भी चलाए। बम और गोलियों की बौछार से इलाका थर्रा गया। हमलावर वहां से बाइक से फरार हो गए। इस हमले में उमेश पाल, सिपाही संदीप और राघवेंद्र लहूलुहान हो गए जिनको एसआरएन हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने करीब एक घंटे बाद उमेश पाल को मृत घोषित कर दिया। देर रात गनर संदीप की भी मौत हो गई। बवाल की आशंका को देखते हुए एसआरएन हॉस्पिटल में जिले के एक दर्जन से अधिक थानों की फोर्स को बुला ली गई। धूमनगंज में एहतियातन पीएसी तैनात कर दी गई।
उमेश पाल हत्याकांड में घटना के कुछ देर बाद ही अतीक अहमद के दो बेटों असद व अहजम को पुलिस ने उठा लिया। उन्हें गोपनीय स्थान पर ले जाकर पूछताछ चलती रही। इसके अलावा उनके दो दोस्तों और तीन अन्य लोगों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जाती रही। पुलिस ने शाइस्ता परवीन से भी पूछताछ की। दरअसल सूत्रों के मुताबिक, घटना के बाद जो सीसीटीवी फुटेज जारी हुआ, उसमें एक हमलावर को देखकर इस हत्याकांड में शक की सुई सबसे ज्यादा अतीक अहमद पर है।
प्रयागराज कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया कि राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हमले में मौत हो गई। सुरक्षा में तैनात दोनों सिपाहियों को भी गोली लगी है। एक की हालत बेहद नाजुक है। शहर में सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं। सीसीटीवी फुटेज भी मिले हैं। परिवार वाले जो भी तहरीर देंगे। उसी के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।