मेरठ पुलिस ने पार्टी में जाने के लिए कंट्रोल रूम पर बवाल की फर्जी सूचना भेज दी। PRV पर तैनात पुलिस वालों कहा- बवाल हो गया है। जहां पार्टी होनी थी, वहां की लोकेशन बता दी। इसके बाद कंट्रोल रूम मैसेज सर्कुलेट होते ही, खुद को मौके पर हाजिर दिखा दिया, फिर पार्टी करने चले गए।
पार्टी में पहुंचते ही कंट्रोल रूम को सूचना दी- यहां सब कुछ सामान्य है, मामूली विवाद था। मामले का खुलासा तब हुआ, जब UP-112 हेड ऑफिस ने मेरठ SSP विपिन ताडा से घटना का फीडबैक मांगा। इसके बाद SSP ने जांच बैठा दी।
जांच में यह सामने आया कि 23 अक्टूबर को PRV में तैनात 4 सिपाहियों को पार्टी के लिए इनवाइट किया गया था। यह लोग सरकारी गाड़ी से पहुंचे। इसके बाद 30 अक्टूबर को हेड कॉन्स्टेबल यशपाल सिंह, कॉन्स्टेबल प्रमोद कुमार, जितेंद्र कुमार और राजन को सस्पेंड कर दिया।
राह चलते आदमी से लिया फोन, बोले- जल्दी आओ- मवाना थाना पुलिस ने बताया कि कंट्रोल रूम को जिस फोन नंबर से कॉल आई थी। उस आदमी को दोबारा फोन कर फीडबैक मांगा गया। उससे पूछा गया कि आपने जो सूचना दी, क्या पुलिस ने कार्रवाई की।
इसके बाद उसने कहा- मैं अपने घर जा रहा था। तभी पुलिस की डायल-112 गाड़ी रुकी। एक सिपाही ने मुझसे कहा कि हमारे फोन में नेटवर्क नहीं है। इमरजेंसी है, बात करवा दो।
मैंने पुलिस वालों को फोन दे दिया। इसके बाद उन्होंने कहां फोन किया, क्यों फोन किया, यह मैं नहीं जानता। करीब 5 मिनट बाद मुझे मेरा फोन वापस देते हुए, एक सिपाही ने थैंक्यू कहा। हमारे यहां तो कोई झगड़ा नहीं हुआ था।