कानपुर: जिले में साउथ के गोविंद नगर थाना क्षेत्र में 12 साल के बच्चे को खरीदने का मामला सामने आया है. सोमवार की रात पुलिस को सूचना मिली थी कि गोविंद नगर के बी-ब्लॉक में फर्नीचर कारोबारी अंकित आनंद के घर में 12 साल के बच्चे को बंधक बनाकर मजदूरी करवाई जा रही है. विरोध करने पर बच्चे के पिता को पीटा भी गया था.
इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी के घर से बच्चे को बरामद किया. बच्चे के गले और चहरे पर चोट के निशान थे. बच्चा मिलने के बाद पुलिस ने बच्चे से पूछताछ की. पुलिस ने बताया कि बच्चे के पिता का नाम भगवान मेहतो उर्फ रामू है. यह बिहार के मोतीहारी का रहने वाला है. बच्चे के माता-पिता गुड़गांव में मजदूरी करते हैं.
लगभग 3 महीने पहले बच्चे को रुपये कमाने का लालच दिया गया. पप्पू यादव उसे उसके चचेरे भाई दिव्यांशु को लखनऊ के आलमबाग में रहने वाले सुनील के घर काम करने ले आया. लखनऊ में दोनों भाइयों से घर के टॉयलेट की साफ-सफाई के साथ घर के काम कराए जाते थे. लेकिन, बच्चे को एक भी रुपया नहीं मिला. इसके बाद उसे लखनऊ से कानपुर में अंकित आनंद के घर में छोड़ दिया.
डीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने बताया कि पूछताछ के बाद पुलिस ने फर्नीचर कारोबारी अंकित आनंद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. 30 हजार में एक कंपनी के जरिए लखनऊ में रहने वाले अंकित के ससुर सुनील मलिक ने इस बच्चे को खरीदा था. इसके बाद बच्चे को कुछ दिन अपने यहां रखने के बाद कानपुर भेज दिया. 12 साल के बच्चे को बंधक बनाकर मजदूरी कराने और उसे बेरहमी से पीटने के मामले में आरोपी कारोबारी अंकित आनंद, साक्षी, सुनील मलिक और पप्पू यादव के खिलाफ मानव तस्करी, बंधक बनाकर मजदूरी कराने, मारपीट करने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. इसके साथ ही ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को भी इसकी सूचना दी गई है.