गुजरात: पांच साल में लापता हो गई 40 हज़ार से ज़्यादा महिलाएं- NCRB ने किया खुलासा

3 Min Read
Demo Pick
Demo Pick

New delhi: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड यानी एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार गुजरात में पिछले 5 सालों के दौरान 40000 से ज्यादा महिलाएं लापता हो गई हैं‚ इन महिलाओं के बारे में पुलिस कोई सुराग नही लगा पायी है।  डाटा सामने आने के बाद हर कोई हैरान है‚  वहीं गुजरात राज्य सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं।

एनसीआरबी ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि 2016 में 7105 लड़कियां लापता हुई ‚  2017 में 7712 ‚ 2018  में 9246 और 2019 में 9268 महिलाएं लापता हुई है।  वहीं साल 2020 में 8290 महिलाओं के लापता होने की सूचना मिली थी‚  जिसके बाद यह आंकड़ा कुल 41621 तक पहुंच गया है। 

गुजरात सरकार ने 2021 में विधानसभा में दिए गए एक बयान में कहा था कि अहमदाबाद और बड़ोदरा में केवल 1 साल के दौरान ही 4742 महिलाएं लापता हो गई थी।

इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है‚  गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता हिरन बैंकर ने कहा है कि भाजपा नेता केरल में महिलाओं के बारे में बात करते हैं‚  लेकिन देश के पीएम और गृह मंत्री के गृह राज्य गुजरात में भी 40000 से ज्यादा महिलाएं गायब है‚  इन पर जवाब क्यों नहीं दिया जाता है।

यह खबर सबसे पहले इंडियन एक्सप्रेस पर प्रकाशित की गई तो एक पूर्व आईएएस अधिकारी और गुजरात राज्य मानव अधिकार आयोग के सदस्य रह चुके सुधीर सिंह ने कहा है कि कुछ लापता व्यक्तियों के मामले को मैंने देखा है।  उन्होंने बताया कि लड़कियों और महिलाओं को कभी-कभी गुजरात के अलावा अन्य राज्यों में भी भेजा जाता है और वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जाता है।

उन्होने आगे कहा कि पुलिस की समस्या यह है कि वह गुमशुदी के मामले को गंभीरता से नहीं लेती‚  ऐसे मामले हत्या से भी गंभीर हो जाते हैं।  उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि जब कोई बच्चा लापता होता है तो माता-पिता अपने बच्चे के लिए सालों तक इंतजार करते हैं।

गुमशुदगी के मामले की हत्या के मामले की तरह ही सख्ती से जांच होनी चाहिए। पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ रंजन प्रियदर्शी ने कहा कि लड़कियों के लापता होने के लिए मानव तस्करी ही जिम्मेदार हैं।  उनका कहना है कि मेरे कार्यकाल के दौरान मैंने देखा कि अधिकांश लापता महिलाओं को अवैध मानव तस्करी समूह द्वारा उठाया जाता है‚  जो उन्हें दूसरे राज्यों में ले जाते हैं और बेच देते हैं। 

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Exit mobile version