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दुनिया

विनाशकारी भूकंप में अब तक 24 हजार से ज्यादा की मौत‚ 5 दिन बाद भी मलबे से निकल रहे हैं शव

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Turkey Earthquake Death Update: सोमवार 6 फरवरी सुबह करीब 4:30 बजे तुर्की और सीरिया में आए महाविनाशकारी भूकंप में अपनी जान गवाने वाले लोगों की संख्या लगभग 24 हजार के करीब पहुंच गई है।  बेहद दुखद बात यह है कि मरने वालों में छोटे- मासूम बच्चों की संख्या भी हजारों में है। मलबे में दबे शवों को निकालने और जिंदा बचे लोगों की आस में राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है।  यहां हर मिनट मलबे से शव निकल रहे हैं।

विनाशकारी भूकंप में जहां लाखों लोग घायल हुए हैं तो करीब 10 लाख से ज्यादा लोग बेघर भी हो चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अकेले सीरिया में ही बेघरों की संख्या 5.3 मिलियन तक पहुंच सकती है। इन लोगों के पास खाने तक के लिए राशन और पैसे नहीं है। कड़ाके की सर्दी में ये लोग खुले आसमान के नीचे समय गुजारने के लिए मजबूर हैं।  बचाव और रेस्क्यू अभियान में भी ठंड भी रोड़ा अटका रही है।  हाड़ कपा देने वाली ठंड में बचाव कर्मी लगातार अभियान चला रहे हैं। जिसमें भारी परेशानी हो रही है। 

राहत की बात यह है कि बीच-बीच में मलबे से एक दो जिंदगियां सुरक्षित भी निकल रही है।  जो अभियान को जारी रखने में हौसला बढ़ा रही है।  दक्षिण पूर्वी तुर्की के गाजियांटेप प्रांत के नूरदागी जिले में जाहिद ए काया नाम की एक गर्भवती महिला को 115 घंटे बाद जिंदा मलबे से बाहर निकाल लिया गया है।  उसकी 6 साल की बेटी को भी करीब 1 घंटे पहले मलबे से बाहर निकाला गया था।  फिलहाल दोनों अस्पताल में भर्ती है।

तुर्की और सीरिया में भयानक तस्वीरें भी लगातार सामने आ रही है।  कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं।  दिल को झकझोर कर देने वाले एक वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स अपने मासूम बच्चे की लाश को सीने से लगाकर रो रहा है। बार-बार अपने मासूम बच्चे का माथा चूमता हुआ भी नजर आ रहा है।  भूकंप की त्रासदी का यह दृश्य सीरिया का बताया जा रहा है।  जब तक मरने वालों की संख्या कई हजार में पहुंच चुकी है। 

भारत सहित कई देशों ने भेजी टीम

भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य भी तेजी से चल रहा है। भारत सहित दुनिया के कई देशों ने तुर्की और सीरिया में बचाव टीम भेजी है। सीरिया में ही अकेले अब तक 4000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। सैकड़ों लोग अभी भी लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं। तुर्की में दर्जनों देशों की ठीम राहत-बचाव कार्य के लिए पहुंची है। भारत की ओर से NDRF की टीम भी पहुंची है जो दिन-रात कड़ी मेहनत कर रही है। ठंड के में वह लगातार शांति के साम कर रहे हैं, ताकि कंक्रीट के नीचे किसे के बचे रहने की आवाज सुनी जा सके। 

भाई के समेत 17 घंटे मलबे में दबी रही बच्ची 

विनाशकारी भूकंप के कई डरावने वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक बड़े पत्थर के मलबे में दबी 7 वर्षीय एक बच्ची की तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसने अपने नन्हें भाई को आगोश में छुपाए रखा है। ताकि मौत उसका बाल बांका न कर सके। इस पत्थर के नीचे अपने भाई के समेत यह बच्ची 17 घंटे तक दबी रही। इस दौरान बच्ची मदद की बाट जोहती रही। उसने खुद भी हिम्मत नहीं हारी और अपने नन्हें व मासूम भाई का भी हौसला नहीं टूटने दिया। बाद में इस बच्ची को रेस्क्यू कर लिया गया। बीच-बीच में इस तरह की तस्वीरे सामने आने से बचावकर्मियों और पीड़ित परिजनों को हौंसला बढ़ रहा है। 

https://twitter.com/OfficialShehr/status/1622955388021747712

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नैरोबी नेशनल पार्क के ऊपर बड़ा हादसा, 40 यात्रियों को ले जा रहे दो विमान हवा में टकराए

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World News: नैरोबी नेशनल पार्क के ऊपर बड़ा हादसा हुआ है। जानकारी के मुताबिक 40 यात्रियों को ले जा रहे दो विमान हवा में टकरा गए हैं. इस संबंध में पुलिस ने मंगलवार को बताया कि नैरोबी नेशनल पार्क के ऊपर हवा में दो विमान टकरा गए. इसमें छोटा विमान पार्क में दुर्घटनाग्रस्त हो गया और दो लोगों की मौत हो गई. डैश 8, सफ़ारीलिंक एविएशन एयरलाइन द्वारा संचालित एक बड़ा विमान, जिसमें चालक दल के पांच सदस्यों सहित 44 लोग सवार थे, तटीय रिसॉर्ट शहर डायनी की ओर जा रहा था। विल्सन हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद चालक दल ने एक जोरदार धमाके की सूचना दी और वापस लौटने का फैसला किया।

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‘मालदीव में 10 मई के बाद बिल्कुल न दिखे कोई भारतीय सैनिक…’ मुइज्जू ने भारत के खिलाफ फिर उगली आग

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मालदीव: राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत विरोधी बयानबाजी तेज कर दी है. उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 10 मई के बाद कोई भी भारतीय सैन्यकर्मी, यहां तक कि सिविल ड्रेस में भी, उनके देश के अंदर मौजूद नहीं रहेगा.

मालदीव के स्थानीय समाचार पोर्टल Edition.mv की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन समर्थक मुइज्जू ने एटोल की अपनी यात्रा के दौरान बा एटोल ऐधाफुशी आवासीय समुदाय को संबोधित करते हुए ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि ‘लोग स्थिति को खराब करने के लिए झूठी अफवाहें फैला रहे हैं’, क्योंकि उनकी सरकार ‘भारतीय सैनिकों को देश से बाहर निकालने’ में ‘सफल’ हो गई है. उनका बयान भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी के लिए दोनों देशों द्वारा सहमत 10 मार्च की समय सीमा से पहले द्वीप राष्ट्र में तीन विमानन प्लेटफार्मों में से एक का कार्यभार संभालने के लिए मालदीव में एक भारतीय नागरिक टीम के पहुंचने के एक हफ्ते से भी कम समय बाद आया है। यह समय सीमा से काफी पहले था.

न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, मुइजू ने कहा, ‘ये लोग [भारतीय सेना] नहीं जा रहे हैं। वे यहां सेना के जवानों को वर्दी की जगह सिविल कपड़ों में वापस भेजना चाहते हैं. हमें ऐसी चालों में नहीं फंसना चाहिए, जो हमारे दिलों में संदेह पैदा करें और झूठ फैलाएं।’

10 मई को देश में कोई भी भारतीय सैनिक न तो सैन्य वर्दी में होगा और न ही सिविल ड्रेस में… भारतीय सेना किसी भी तरह के कपड़े पहनकर इस देश में नहीं रहेगी. मैं यह बात विश्वास के साथ कहता हूं।’ उन्होंने यह बात उस दिन कही जब उनके देश ने चीन के साथ मुफ्त सैन्य सहायता प्राप्त करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं.

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Pakistan News: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ इंजमाम उल हक ने साधा निशाना, मोहम्मद हफीज को हटाने का किया विरोध

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Pakistan News: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के भीतर विवाद जारी है। जब से इमरान खान की सरकार गिरी है और रमीज राजा को चेयरमैन पद से हटाया गया है. इसके बाद से बोर्ड के भीतर उथल-पुथल मची हुई है. नजम सेठी और जका अशरफ के बाद अब मोहसिन नकवी ने यह पद संभाला है लेकिन अभी भी बोर्ड के अंदर सबकुछ ठीक नहीं है. हाल ही में मोहम्मद हफीज को कुछ महीनों के लिए टीम का डायरेक्टर बनाया गया था. इसलिए पूर्व तेज गेंदबाज वहाब रियाज को मुख्य चयनकर्ता नियुक्त किया गया। लेकिन ऑस्ट्रेलिया और फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के बाद हफीज को बाहर कर दिया गया। जबकि रियाज अपनी चौकी पर मौजूद रहे. अब इसे लेकर पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने बोर्ड पर निशाना साधा है.

इंजमाम उल हक ने साफ कहा कि बोर्ड को खिलाड़ियों का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने यहां तक सवाल उठाए कि जब वहाब रियाज को मुख्य चयनकर्ता के पद से नहीं हटाया गया तो फिर हफीज से निदेशक का पद क्यों छीना गया. आपको बता दें कि हफीज को टीम के अंदर कलह और ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ शर्मनाक हार के बाद हटा दिया गया था. इस बारे में इंजमाम ने कहा कि पूर्व खिलाड़ियों को उनके पद को लेकर निशाना बनाना सही नहीं है. पिछले महीने ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने हफीज को पीछे छोड़ दिया था. खेल मंत्रालय के आदेश के बाद ही हफीज को उनके पद से हटाया गया.\

इंजमाम उल हक ने क्या कहा?

इस पूरे विवाद को लेकर इंजमाम उल हक ने एक पाकिस्तानी टीवी शो के बोर्ड पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, ‘क्या कोई बता सकता है कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दौरे के बाद मोहम्मद हफीज को टीम डायरेक्टर पद से हटाने और वहाब रियाज को मुख्य चयनकर्ता बनाए रखने के पीछे क्या वजह है? क्या दोनों की नियुक्ति एक ही समय में नहीं हुई? ये तो उन दोनों की ज़िम्मेदारी थी, फिर इसके लिए सिर्फ़ हाफ़िज़ ज़िम्मेदार कैसे, रियाज़ नहीं? इंजमाम यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, ‘पीसीबी चेयरमैन का पद बिना किसी संदेह के एक सम्मानित पद है। लेकिन क्या पूर्व कप्तानों और दिग्गज खिलाड़ियों को बोर्ड अधिकारियों से सम्मान मिलना चाहिए?

जका अशरफ पर आरोप

इसके बाद इंजमाम ने मुख्य चयनकर्ता का पद छोड़ने का मुद्दा उठाया और कहा कि हितों के टकराव के मामले में पूर्व चेयरमैन जका अशरफ ने मेरा बिल्कुल भी सम्मान नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘जब यह मामला सामने आया तो मैं पीसीबी अधिकारियों सलमान नसील और आलिया राशिद के साथ बैठकर उनका इंतजार कर रहा था और बैठक का इंतजार करता रहा. लेकिन वह (ज़का अशरफ) अकादमी गए और आलिया और नसीर को वहां बुलाया। उस वक्त भी मैं वहीं बैठा इंतजार करता रहा. मैं उसके व्यवहार से बहुत दुखी हुआ. पाकिस्तान क्रिकेट इस तरह जारी नहीं रह सकता.’

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