उज्बेकिस्तान में भारतीय कफ सिरप से 18 बच्चों की मौत के मामले में कंपनी का लाइसेंस निरस्त

उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर भारतीय दवा निर्माता कंपनी का कफ सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत हो गई है। इसके बाद यूपी सरकार ने फैक्टरी में दवा उत्पादक बिक्री पर रोक लगा दी गई थी।

कंपनी का लाइसेंस निरस्त

उत्तर प्रदेश फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) ने सेक्टर 67 स्थित दवा कंपनी मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड का लाइसेंस अगले आदेश तक रद्द कर दिया है। कच्चा माल और दवा का रिकॉर्ड समय पर जमा नहीं करने के कारण यह कदम उठाया गया है।

उज्बेकिस्तान में भारतीय दवा कंपनी द्वारा बनाई गई खांसी की दवाई पीने के बाद बच्चों की मौत के कारण कारखाने से औषधीय उत्पाद की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के खाद्य एवं औषधि प्रशासन, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) मेरठ के संयुक्त अभियान में अब तक कंपनी के कुल 32 नमूने लिए गए हैं।

18 मासूम बच्चों की मौत होने का दावा

27 दिसंबर को रीजनल ड्रग रेगुलेटर (आरटीडीएस), चंडीगढ़ को दो कफ सिरप, एक टैबलेट, सिरप बनाने में इस्तेमाल होने वाले दो कच्चे माल के सैंपल भेजे गए थे. हालांकि 15 दिन बीत जाने के बाद भी सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जिला औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने बताया कि उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अगले आदेश तक लाइसेंस रद्द किया गया है. यह जानकारी दवा कंपनी को दी गई है। उत्पादन बंद करने के आदेश की कॉपी कंपनी को दे दी गई है। हालांकि अभी दवा के सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है।
मिली जानकारी के मुताबिक उज्बेकिस्तान भेजा गया कफ सिरप मई 2021 में तैयार किया गया था. अप्रैल 2024 में इसकी एक्सपायरी हो रही है. जून में सिरप की सप्लाई हुई.

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