चीन और पाकिस्तान के उड़ेंगे होश, 45 हजार करोड़ की सबमरीन खरीदेगा भारत, इस देश ने दिया ऑफर

4 Min Read

Submarine Deal with Germany: अपने दोनों पड़ोसी दुश्मन देशों के साथ बढ़ते खतरे के बीच भारत लगातार अपने डिफेंस को और ज्यादा मजबूत करने पर काम कर रहा है। भारत अत्याधुनिक हथियारों के जखीरे को लगातार बढ़ा रहा है। कई हथियार विदेशों से खरीद रहा है, तो कई हथियार और टेेक्नोलॉजी को भारत में ही विकसित कर रहा है। हाल के समय में चीन हिंद महासागर में अपनी दखल को लगातार बढ़ा रहा हैै। ऐसे में चीन के खतरे से निपटने के लिए भारत ने बड़ी डील की है। यह डील खतरनाक पनडुब्बियों की है। 45 हजार करोड़ रुपए की पनडुब्बियों की इस डील से चीन और पाकिस्तान को बड़ा झटका लगेगा।

भारत अपनी समुद्री सीमाओं का पहरा बढ़ाने और समुद्री ताकत में वृद्धि करने के उद्देश्य से 45 हजार करोड़ रुपए की बड़ी राशि की किलर पनडुब्बियां खरीदेगा। इसके लिए भारत को यूरोपीय देश जर्मनी ने बड़ा ऑफर दिया है। जर्मन सरकार ने भारत को ऑफर दिया है कि दोनों सरकारों के बीच 6 अत्‍याधुनिक पनडुब्‍बी खरीदने का सौदा किया जाए। भारत और जर्मनी के बीच इस बड़े सौदे को लेकर बातचीत हुई है। जर्मनी के साथ साथ एक और यूरोपीय देश स्‍पेन भी भारत को पनडुब्बियां बेचना चाहता है। ये पनडुब्बियां एआईपी से लैस हैं और लंबे समय तक समुद्र के अंदर छिपी रहने में सक्षम होंगी।

हिंद महासागर में बढ़ रहा चीन का दखल

हिंद महासागर में हाल के समय में चीन और पाकिस्तान की नौसेनाओं की बढ़ती ताकत और चीनी जहाजों द्वारा भारतीय समुद्री नौसेना की ताकत की जासूसी करने की कुत्सित कोशिशों के बीच भारत लंबे समय से पनडुब्बियों की बड़ी डील करने की कोशिशों में जुटा रहा है।

जर्मनी के रक्षामंत्री ने भी ली दिलचस्पी

इससे पहले जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्‍तोरियस जून 2023 में भारत आए थे। इस दौरान पनडुब्बी के लिए खुलकर लामबंदी की थी। यह सबमरीन जर्मन कंपनी टीकेएमएस ने निर्मित की है। वहीं स्पेन की कंपनी जिसका नाम ‘नेवंतिया‘ है, उसने भारत की एलएंडटी कंपनी के साथ मिलकर पनडुब्बी डील के लिए हाथ मिलाया है। जर्मनी के रक्षा मंत्री ने कहा है कि यह सबमरीन डील दोनों देशों के बीच शानदार परियोजना साबित हो सकती है। तकनीक रूप से केवल जर्मनी और स्‍पेन की ही पनडुब्बियां भारत के प्रोजेक्‍ट पी 75एल  के लिए योग्‍य पाई गई हैं।

स्‍पेन ने भारत को दिया ये ऑफर

जर्मन कंपनी ने पहले एल एंड टी के साथ बातचीत की थी, लेकिन बाद में उसने एमडीएल के साथ हाथ मिला लिया। जानकारी के मुताबिक स्‍पेन अपनी  एस80 क्‍लास की सबमरीन के आधार पर भारत के लिए डिजाइन बनाएगा। एस 80 सबमरीन को सबसे पहले साल 2021 में बनाया गया था। इसे साल 2023 में स्‍पेन की नौसेना को सौंप दिया गया। स्‍पेन और जर्मनी दोनों के ऑफर पर अभी विचार चल रहा है।

Share This Article
Exit mobile version