UP Politics: मायावती मदद नही करती तो 33 के बजाए 17 सीटो पर ही सिमट जाती BJP

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को कोई सीट नहीं मिली, लेकिन उसने 16 सीटों को बीजेपी के खाते में जोड़ने में बड़ी भूमिकी निभाई. नतीजे का एनालिसिस करने वालों के मुताबिक अगर ऐसा नहीं होता यूपी में इस बार बीजेपी 17 सीटों पर ही सिमट कर रह जाती. 

आँखों देखी
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BSP Chief Mayawati: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे में देश के सबसे ज्यादा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को कोई सीट नहीं मिली, लेकिन उसने 16 सीटों को बीजेपी के खाते में जोड़ने में बड़ी भूमिकी निभाई. नतीजे का एनालिसिस करने वालों के मुताबिक अगर ऐसा नहीं होता यूपी में इस बार बीजेपी 17 सीटों पर ही सिमट कर रह जाती.

नतीजे के आंकड़े के मुताबिक यूपी की 16 लोकसभा सीटों पर बसपा को बीजेपी या उसके सहयोगी दल की जीत के अंतर से ज्यादा वोट मिले. इनमें से चौदह सीटें भाजपा ने और दो सीटें उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) और अपना दल (सोनीलाल) ने जीती थीं. अगर ये सीटें भी विपक्षी इंडी गठबंधन की झोली में चली जातीं, तो एनडीए की कुल सीटें घटकर 278 और बीजेपी की 226 हो जातीं.

यूपी में महज 17 सीटों पर सिमटती भाजपा

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक यूपी में 33 सीटें पाने वाली बीजेपी महज 17 सीटों पर सिमट सकती थी, जो 2019 में राज्य में 62 सीटें जीतने के बाद एक बड़ा झटका होता. बेशक, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि बसपा को मिले वोट उसकी गैरमौजूदगी में सपा-कांग्रेस गठबंधन को चले गए होते, लेकिन वास्तविक सबूत बताते हैं कि बसपा के मूल जनाधार वोट बैंक में से बड़ा हिस्सा (दलित और मुस्लिम) इस बार राज्य में इंडी गठबंधन में ट्रांसफर हो गए हैं.

भदोही में टीएमसी हारी, बसपा के चलते भाजपा जीती

सपा और टीएमसी यानी इन दोनों दलों ने अपने सूबे से बाहर इन दोनों राज्य में कोई लोकसभा सीट कभी नहीं जीत सकी है. हालांकि, टीएमसी उम्मीदवार को भदोही में लगभग 4.2 लाख वोट मिले, लेकिन वह बीजेपी उम्मीदवार से 44,072 के अंतर से हार गए. यहां, बसपा उम्मीदवार को लगभग 1.6 लाख वोट मिले, जिससे भाजपा उम्मीदवार डॉ. विनोद कुमार बिंद को जीत हासिल करने में मदद मिली.

यूपी के सभी इलाके की इन सीटों पर बसपा को जीत के अंतर से ज्यादा वोट

इसी तरह, मिर्जापुर में अपना दल (सोनीलाल) की उम्मीदवार अनुप्रिया पटेल ने सपा के रमेश चंद बिंद को 37,810 से हराया. बसपा के मनीष कुमार को यहां 1.4 लाख से अधिक वोट मिले. वे सीटें जहां बसपा की सीटें जीत के अंतर से अधिक थीं, वे किसी विशिष्ट क्षेत्र तक सीमित नहीं हैं और बिजनौर से लेकर मिर्ज़ापुर तक फैली हुई हैं. इसके अलावा अकबरपुर, अलीगढ़, अमरोहा, बांसगांव, बिजनौर, देवरिया, फर्रुखाबाद, फतेपुर सीकरी, हरदोई, मेरठ, मिश्रिख, फूलपुर, शाहजहांपुर और उन्नाव में बसपा को जीत के अंतर से ज्यादा वोट मिले.

मायावती ने लिया अकेले चुनाव लड़ने का फैसला

बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव 2024 के मैदान में अकेले उतरने का फैसला किया था. चुनाव नतीजे में बसपा को 9.39 फीसदी वोट मिले, लेकिन उसे एक भी सीट हासिल नहीं हुई. विपक्षी इंडी गठबंधन की अगुवाई कर रही देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के कुछ नेता आखिरी वक्त तक बसपा को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि, मायावती ने साफ कहा था कि इंडी गठबंधन में चुनाव लड़ने से बसपा को नुकसान होता.

10 साल के बाद यूपी में फिर से बसपा खाली हाथ

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बड़ा उलटफेर करते हुए समाजवादी पार्टी कुल 80 में से 37 सीटें जीतकर अव्वल आई हैं. वहीं, भाजपा 33 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर खिसक गई. 6 सीटों पर जीत के साथ कांग्रेस तीसरे स्थान पर है. हालांकि, लोकसभा चुनाव 2014 की तरह 2024 में भी बसपा यूपी में एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हो सकी है.

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