
लखनऊ, विशेष संवाददाता। उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह ने कहा है कि निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण देने संबंधी रिपोर्ट तीन माह में राज्य सरकार को सौंप दी जाएगी। उनकी यह प्रक्रिया छह माह में पूरी हो जाएगी।
आयोग के अध्यक्ष शनिवार को नगर विकास अभिकरण (सूडा) में सदस्यों और अधिकारियों के साथ पहली बैठक करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पहले दिन इन बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया कि क्या कार्यप्रणाली अपनाई जानी है। यह भी देखा जाएगा कि सीटों के आरक्षण की जारी अनंतिम अधिसूचना में क्या कमी रह गई। ट्रासजेंडर के मामले में हाईकोर्ट के आदेश का अध्ययन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण दिलाने के लिए नियमों का पालन होगा। पिछड़ों का आंकड़ा जिलेवार एकत्र करने के संबंध में जल्द ही एक विस्तृत अ दिशा-निर्देश आयोग द्वारा जारी किया वि जाएगा। इसके आधार पर काम को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आयोग रोजाना बैठक करेगा, जिससे तय समय के अंदर काम पूरा कर लिया जाए।
उन्होंने कहा कि हमारे सामने चुनौतियां हैं। इसलिए यूपी के अलावा अन्य राज्यों के माडल का भी अध्ययन किया जाएगा। आयोग के सदस्य प्रदेश के सभी मंडलों और जिलों में जाएंगे, जिससे जिलेवार पिछड़ों का पूरा ब्योरा एकत्र किया जाएगा। इसके लिए जिला स्तरीय अधिकारियों की मदद ली जाएगी।
जनप्रतिनिधियों से भी मिलेंगे और बात करेंगे, ताकि अफसरों ने अगर कोई गलत जानकारी दी तो क्रॉस चेक किया जा सके। विपक्षी पार्टियों के नेताओं से भी मिलेंगे, जिससे उनका पक्ष भी जाना जा सके।