उत्तर प्रदेश में हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई मुगलगढ़ी गांव में भोले बाबा का सत्संग था। सत्संग के समापन पर भगदड़ मच गई। इसमें 121 लोगों की जान चली गई। इसके बाद लोगों में नारायण साकार हरि उर्फ भोले भोले बाबा और आयोजनकर्ताओं के प्रति आक्रोश है। वहीं कुछ अनुयायी अब भी सबक लेने को तैयार नहीं हैं। वह साकार हरि को भगवान कह रहे हैं।
हादसे के बाद नारायण साकार हरि के मैनपुरी के बिछवां क्षेत्र स्थित आश्रम में होना बताया जा रहा है। खबर फैली तो अनुयायी इस आश्रम में पहुंचने लगे। वह बाबा के लिए पुलिस तक से भिड़ने को तैयार थे। उनका साफतौर पर कहना था कि भोले बाबा को बाबा मत कहो। वह भगवान हैं। उन्हें भगवान कहो। वह नाराज हो जाएंगे तो धरती को नष्ट कर देंगे। वह साधारण मानव नहीं हैं।
पुलिस ने इसे समझाने की कोशिश की तो वह पुलिस से भी भिड़ने को तैयार दिखा। हालांकि कुछ देर बाद पुलिस ने उसे वहां से रफूचक्कर कर दिया। इसके बाद भी अनुयायी आते रहे। उन्हें आश्रम के अंदर नहीं जाने दिया गया। इस पर वह आश्रम के गेट पर ही माथा टेककर लौट गए। इसमें महिला-पुरुष दोनों शामिल रहे। बड़ी बात यह है कि लोग 121 लोगों की मौत को बाद भी सबक लेने को तैयार नहीं हैं।