हाथरस: हाथरस में एक सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से अभी तक 107 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल है. मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है. घटना ने पूरे देश को झकझाैर दिया है। चारों तरफ चीख पुकार मची हुई है. पुलिस प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है. सूचना के बाद घटना स्थल के लिए प्रशासनिक अधिकारी रवाना हुए हैं. बताया जा रहा है कि LIU ने जिला प्रशासन को पहले ही भारी भीड़ पहुंचे और कोई हादसा हाेने की आशंका जाहिर की थी‚ लेकिन बावजूद बड़े अधिकारी आँखें मूंदे रहे।
हादसे के बाद सीएम योगी काफी नाराज बताए जा रहे हैं‚ सीएम ने कई बड़े अधिकारियो पर गुस्सा जाहिर किया है‚ माना जा रहा है कि कई बड़े अफसरो पर गाज गिर सकती है।
बता दें कि यह सत्संग हाथरस के फुलरई मुगलगढ़ी में आयोजित हुआ था. साकार नारायण विश्व हरी भोले बाबा का यह सत्संग बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि प्रवचन ख़त्म करने बाद बाबा के पैर छूने और आशीर्वाद लेने की वजह से भगदड़ मची.
दुर्घटना पर मुख्यमंत्री ने दुःख जताते हुए गहन जांच के आदेश दिए हैं. मृतकों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश भी दिए गए हैं. कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध एफआईआर की जाएगी और बड़ी कार्रवाई की तैयारी में शासन में है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में हुए हादसे का संज्ञान लिया है. CM ने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के संवेदना प्रति व्यक्त की है. CM ने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं और साथ ही घायलों के समुचित उपचार के दिए निर्देश हैं.
एसएसपी एटा राजेश कुमार सिंह द्वारा सबसे पहले दी गई जानकारी में बताया गया कि भगदड़ में लोगों की मौत हुई है. पोस्टमॉर्टम के लिए 27 डेड बॉडी आई हैं, जिनमें 23 महिलाएं हैं, 3 बच्चे हैं और एक पुरुष है. हाथरस हादसे की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है. एडीजी आगरा जोन के नेतृत्व में कमेटी इस बड़े हादसे की जांच करेगी. अलीगढ़ के कमिश्नर भी इसकी जांच करेंगे.
जानिए कौन हैं बाबा नारायण साकार हरि
साकार हरि को पटियाली वाले बाबा नारायण साकार हरि के नाम से भी जाना जाता है. इनके सत्संग में हमेशा ही हजारों की तादाद में लोग आते हैं. 2 साल पहले भी जब देश में कोराना की लहर चल रही थी, उस समय उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में मई, 2022 में इनके सत्संग का आयोजन किया गया. जिला प्रशासन ने सत्संग में केवल 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50,000 से अधिक लोग सत्संग में शामिल हुए थे. यहां उमड़ी भीड़ के चलते शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई. उस समय भी जिला प्रशासन ने आयोजकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी.