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उत्तरप्रदेश

POLICE पुलिस ने फिर कराई फजीहत‚ DIG ने कहा फायरिंग करो‚ तो बंदूक की नली में गोली भरने लगा दरोगा

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बंदूक नाल में गोली भरता दरोगा

उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) का एक वीडियो सोशल मीडिया (Viral Video) पर वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिसकर्मी फायरिंग टेस्ट में फेल होते दिखाई दे रहे हैं। खलीलाबाद चौकी पर पहुंचे बस्ती मंडल (Basti Mandal) के डीआईजी आरके भारद्वाज (DIG R.K. Bhardwaj) ने जब पुलिस के जवानों का फायरिंग टेस्ट लिया तो कुछ ऐसा हुआ कि वह खुद भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। डीआईजी ने चौकी इंचार्ज से जब रबड़ बुलेट गन को फायर करने के लिए कहा तो चौकी इंचार्ज बंदूक की नली से गोली भरने लगे। इस पर डीआईजी खुद अपनी हंसी नहीं रोक पाए।

खलीलाबाद (संत कबीर नगर) का है वायरल वीडियो

वीडियो में दिखाई दे रहा है कि डीआईजी आरके भारद्वाज (DIG RK Bhardwaj) कुछ पुलिसकर्मियों के साथ खड़े हैं। उन्होंने चौकी इंचार्ज श्याम मोहन सिंह को फायरिंग करने के लिए कहा। श्याम मोहन सिंह गोली को बंदूक की नली (जहां से गोली बाहर निकलती है) में भरते दिखाई दिए। इसके बाद वह फायर भी करने वाले थे लेकिन तब तक डीआईजी ने उहें गोली निकालने के लिए कहा और हंस पड़े। DIG ने कहा कि अब फायर करो तो SI श्याम मोहन सिंह ने फायर किया।

सोशल मीड‍िया पर लोग ले रहे मजे

सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश पुलिस के इस वायरल वीडियो पर तरह-तरह की प्रत‍िक्रि‍याएं आ रही हैं। ज्‍यादातर लोग यूपी पुल‍िस का मजाक उड़ा रहे हैं। @AshwiniUpadhyay यूजर ने लिखा कि वसूली के चक्कर में बंदूक चलाना भूल गए। @Sudhanshu_321 यूजर ने लिखा कि गोली ना चले तो मुंह से ही ठांय-ठांय बोल दीजिए, मुर्ग़ा हलाल हो जाएगा। @mkpandey67 यूजर ने लिखा कि ऐसी पुलिस पर कौन भरोसा कर पाएगा, अपनी जान माल की सुरक्षा का? इन्हें तो बंदूक में गोली भरना तक नही आता, चलाना तो दूर की बात है।

@new__thinking यूजर ने लिखा कि लोग ऐसे ही इस पुलिस को बदनाम करते हैं और कहते हैं कि ये गोली चलाती है। @Gauraw2297 यूजर ने लिखा कि जब मुंह से ठांय-ठांय करके फायर हो सकती है तो फिर नाल से कारतूस डालकर गोली चलाना, कौन सी बड़ी बात है? @gauravcsawant यूजर ने लिखा कि आखिरी बार ये पुलिसकर्मी फायरिंग रेंज में कब गया था? हथियार चलाने का प्रशिक्षण कब दिया गया? उनके फायरिंग कौशल का रिकॉर्ड कौन रखता है? उस पुलिसवाले से ज्यादा सवाल तो पुलिस व्यवस्था पर उठाना चाहिए।

वायरल वीड‍ियो पर क्‍या बोले डीआईजी

खलीलाबाद चौकी का निरीक्षण करने के बाद डीआईजी आरके भारद्वाज ने कहा, ‘कोतवाली में निरीक्षण के दौरान जो भी खामियां मिली हैं, वे कहीं न कहीं ट्रेनिंग या अभ्यास न होने का नतीजा था। जो कमी आई है, उस कमी को हम अभ्यास और ट्रेनिंग से पूरा करेंगे।’

पहले भी हो चुका है ऐसा

बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब यूपी पुलिस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। संभल जिले में पुलिस रात में एक एनकाउंटर करने निकली थी, बदमाश को एक खेत में घेरा गया था, इस दौरान के कांस्टेबल बंदूक न चलने पर मुंह से ठांय-ठांय की आवाज निकाल रहा था। सोशल मीडिया पर इसे लेकर यूपी पुलिस का खूब मजाक उड़ा था।

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Hapur: पहली बार मतदान करने वाले युवाओं को DM ने दी शुभकामनाएं‚ पोस्टकार्ड से किया सम्मानित

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युवाओं को पोस्टकार्ड देकर सम्मानित करते हुए DM

Hapur: आरआर इंटर कालेज में प्रथम बार मतदान करने वाले युवाओं का कार्यक्रम मंगलवार को आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा, उप जिलाधिकारी संतोष उपाध्याय, प्रधानाचार्या आरबी सिंह ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवलित और पुष्प अर्पित कर किया गया। इस दौरान कार्यक्रम में युवाओं को पोस्टकार्ड देकर सम्मानित किया। डीएम ने पहली बार मतदान करने के लिए युवाओं को हार्दिक शुभकामनाएं दी गई। कार्यक्रम में मतदाताओं को जिलाधिकारी ने वोटर पर्ची और वाटर गाइड का वितरण भी किया गया। इस दौरान अन्य लोगों को भी मतदान करने के लिए भी जागरुक किया गया।

डीएम प्ररेणा शर्मा ने कहा कि मतदान करना हमारा अधिकार है। इसमें हमें लापहरवाही नहीं बरतनी चाहिए। प्रथम बार मतदान करने वाले युवा मतदान अवश्य करें। इस अवसर पर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अखिलेश त्रिपाठी, सुपरवाइजर सुशील तोमर, बीएलओ मनीष कुमार, संगीता शर्मा, संदीप कुमार, विनोद कुमार, मुर्शीद अली, ब्रह्मपाल सिंह, राजेश कुमार, कुलदीप, शकील अहमद, महेश चंद्र गुप्ता, दीपक कटारिया, कुसुम रानी आदि मौजूद रहें।

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Meerut: पांच साल पहले जब्त किये गए 22 ऊंटों को हज़म कर गई मेरठ पुलिस‚ हाईकोर्ट पहुंचा मालिक

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मेरठ: खबर यूपी के मेरठ से है‚ जहां साल 2019 में लिसाड़ी गेट पुलिस ने कुर्बानी के लिए आए 22 ऊंट को जब्त कर लिया था‚ लेकिन पांच साल बाद भी अभी तक मालिक को वापस नही किये।  ऊंटों को वापस लेने के लिए कई बार ऊंट मालिक ने पुलिस सहित प्रशासन से गुहार लगाई है। ऊंट नहीं मिलने पर ऊंट मालिक ने हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट ने इस प्रकरण पर मेरठ पुलिस प्रशासन से जवाब मांगा है।

सांकेतिक चित्र

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शम्स-ऊ-जमां का कहना है कि जब पुलिस ने ऊंट पकड़े तो मालिक को वापस भी करना होगा। उधर, सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ कोतवाली ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। लिसाड़ी गेट इंस्पेक्टर से रिपोर्ट तलब की है।

मेरठ में वर्ष 2019 के अगस्त माह में ईद के दौरान मेरठ पुलिस व जिला प्रशासन ने ऊंट की कुर्बानी पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस दौरान 22 ऊंट लिसाड़ी गेट पुलिस ने पकड़ लिये थे। पुलिस ने उस समय बताया था कि सभी 22 ऊंट को संरक्षण केंद्र में भिजवा दिया गया है।

ऊंट मालिक मो. अनस का आरोप है कि पकड़े गए ऊंट उसे वापस नहीं मिले। जबकि इस संबंध में कई बार सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट से विधिक स्वामी के पक्ष में ऊंट को सौंपने का आदेश दिया गया था। इसके बाद 2022 में मो. अनस ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ऊंट वापस दिलाने की गुहार लगाई गई।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शम्स-ऊ-जमां का कहना है कि हाईकोर्ट ने 12 जनवरी 2023 को आदेश पारित कर ऊंट वापस दिलाने को कहा है। इस आदेश का अनुपालन नहीं हुआ। अब पुनः याचिका दायर की गई है। उन्होंने बताया कि इस बार प्रदेश सरकार के गृह सचिव, मेरठ मंडल की कमिश्नर, डीएम, एसएसपी और सिटी मजिस्ट्रेट को पार्टी बनाया गया है। सरकार और प्रशासन से ऊंट वापस दिलाने की गुहार लगाई गई है। जब पुलिस ने जब्त किया है तो वापस भी दिलाने का काम तो करेगी। 18 मार्च को हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई होगी।

22 ऊंट प्रकरण में सिटी मजिस्ट्रेट अनिल कुमार श्री वास्तव ने कहा की माननीय न्यायालय का मामला है। इस पर कुछ नहीं कह सकते। पुलिस को पत्र लिख भेजा है जानकारी मिलने पर न्यायाल को अवगत करवा दिया जायेगा। वहीं सीओ कोतवाली आशुतोष कुमार ने कहा की पुराना मामला है पत्रवालियां निकलवाई जा रही है। उच्चाधिकारी और न्यायालय को अवगत करवा दिया जायेगा ।

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उत्तरप्रदेश

केजरीवाल के बाद अब अखिलेश को घेरने में जुटी BJP‚ दस साल पुराने में मामले CBI ने भेजा समन

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लखनऊ: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी एक-एक करके सभी विपक्षी दलों पर कानूनी शिकंजा कसती जा रही है‚ ताकि चुनाव में कोई उसे टक्कर न दे सके। कांग्रेस‚ टीएमसी‚ झामुमो और आम आदमी पार्टी के बाद अब निशाने पर यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आ गए हैं। बताया जा रहा है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को उन्हे अवैध खनन मामले में समन भेजा है। CBI ने अखिलेश को 29 फरवरी यानी गुरुवार को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया है।

अखिलेश

जानकारी के मुताबिक, अखिलेश इस मामले में बतौर गवाह पेश होंगे। हालांकि, सपा प्रवक्ता फखरुल हसन ने कहा कि मीडिया से जानकारी मिली है कि CBI ने अखिलेश यादव को नोटिस जारी किया है। हालांकि अभी तक ऑफिशियल रूप से नोटिस नहीं मिली है। बता दें कि साल 2012-13 में सीएम रहते खनन विभाग अखिलेश यादव के पास था, उस समय अवैध खनन को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए थे।

क्या है पूरा मामला

दरअसल सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हमीरपुर में 2012 से 2016 के बीच अवैध खनन का मामला सामने आया था। योगी सरकार बनने पर इस मामले में सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग एक्ट समेत कई अन्य मामलों में एफआईआर दर्ज की गई थी। इनमें तत्कालीन जिलाधिकारी बी. चंद्रकला समेत सभी 11 लोगों को नामजद किया गया था। सीबीआई ने आईएएस अफसर बी. चंद्रकला के घर भी छापा मारा था। इस मामले में आईएएस बी. चंद्रकला और सपा एमएलसी रहे रमेश चंद्र मिश्रा समेत 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

IAS बी चंद्रकला पर भी लगे थे आरोप

साल 2016 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच शुरू हुई तो उसमें पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का नाम सामने आया। इतना ही नहीं अखिलेश यादव सरकार में कई जिलों की डीएम रहीं बी. चंद्रकला पर भी आरोप लगे और उनके यहां भी छापेमारी हुई। वहीं पिछले काफी समय से अखिलेश यादव सीबीआई और ईडी को लेकर बीजेपी सरकार पर हमलावर रहे हैं। वे लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि चुनाव के वक्त सरकार सीबीआई और ईडी को राजनेताओं पीछे लगा देती है। ऐसे में अब सीबीआई के समन पर भी यूपी की सियासत गरमाने वाली है। माना जा रहा है कि सीबीआई अखिलेश यादव को गिरफ्तार भी कर सकती है।

 

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