मेरठ। रेडियंट वार्मर मशीन में जलने से नवजात बच्ची की मौत‚ अस्पताल के खिलाफ बैठी जांच

बताया जा रहा है कि नवजात को रेडियंट वार्मर मशीन में रखा गया था‚ जहां कर्मचारियो की लापरवाही से नवजात बच्ची जल गई और उसकी मौत हो गई। अब डॉक्टर इससे पीछा छुटा रहे हैं। बता दें कि रेडियंट वार्मर मशीन नवजात बच्चो को हीट देने के लिए होती है। इसे एक निश्चित तापमान पर चलाया जाता है लेकिन अगर यह तापमान थाेड़ा भी ज्यादा हो जाए तो बच्चे की मौत हो सकती है।

आँखों देखी
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मेरठ के हापुड़ रोड स्थित युग अस्पताल में नवजात के इलाज में लापरवाही का वीडियो सामने आया है। वीडियो युग अस्पताल का है। वायरल वीडियो में परिजनों के हाथ में मृत नवजात है। परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टर पर नवजात को मारने का आरोप लगाया है। आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण नवजात की जलकर मौत हो गई।

रात को भर्ती बच्ची सुबह मृत मिली

मासूम की पीठ पर था जलने का निशान
मासूम की पीठ पर था जलने का निशान

मेरठ के युग हॉस्पिटल में नया कारनामा सामने आया है जहां डॉक्टरों ने मानवता को शर्मसार किया है। एक उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती था जो बच्चा रात तक ठीक था और सुबह में मृत पाया गया जब उसे पलट का देखा गया तो वह जला हुआ था। उक्त कारनामे को लेकर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, डीएम और कमिश्नर मेरठ से शिकायत की गई है।

सीएमओ ने गठित की जांच समिति
वहीं वीडियो वायरल होने पर सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने पूरे मामले पर जांच बैठा दी है। सीएमओ का कहना है कि नवजात की युग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। नवजात के कमर पर जलने का निशान है। यह बच्चा 5 जून को अस्पताल में भर्ती हुआ था। अस्पताल के डॉक्टरों से पूछताछ की गई तो उन्होंने नवजात को सेप्टीसीमिया बताया। परिजनों ने इलाज में लापरवाही से मौत बताई है। मामले में दो सदस्यीय जांच समिति गठित कर जल्द रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट के आधार पर एक्शन होगा।

डीएम ने एसीएम को सौंपी जांच
जिलाधिकारी मेरठ द्वारा एसीएम-2 (सिविल लाइन) मेरठ को मेडिकल टीम के साथ जांच समिति का सदस्य नामित करते हुए प्रकरण की जांच 07 दिवस में करने के निर्देश दिए गए हैं।

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