
Meerut: आजकल चार पहिया गाड़ी के डैशबोर्ड पर दारोगाजी की टोपी रखकर चलने के मानो फैशन सा हो गया है। हालत यह है कि आपको हर दसवीं गाड़ी के डेशबोर्ड पर सजी दरोगा की टोपी नजर आ जाएगी। खासब यह है कि टोपी को देखकर सड़क पर सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी गाड़ी को दारोगाजी की गाड़ी समझकर रोकते भी नही है।
पुलिस इस गाड़ी को बिना किसी पूछताछ और चैकिंग के जाने देती है। इस टोपी की वजह से अपराधी किस्म के अपराधी भी बेखौफ होकर सफर करते है। और चेक प्वाइंटो को आसानी से पार कर लेते हैं। उत्तर प्रदेश के लगभग सभी शहर की सड़कों पर आपको ऐसी अनेकों गाडियां फर्राटे भर्ती हुई नजर आ जाएगी जिनके डैशबोर्ड पर यह टोपी रखी हुई मिल जायेगी।
मजे की बात तो यह है कि इन गाड़ियों में से कुछ ऐसी गाड़ियां भी होती हैं जिनका पुलिस विभाग से दूर दूर तक कोई लेना देना नही है। फिर भी वह इस टोपी की वजह से दारोगजी बना बैठा हुआ है। कुछ के दूर या नजदीक का रिश्तेदार या कोई मोहल्ले के व्यक्ति पुलिस में भर्ती होता है और वह शान से टोपी रखकर चलता है।
सवाल यह है कि दरोगा की टोपी वाली इन गाडियों पर पुलिस कार्रवाई क्यों नही करती है।