
उत्तर प्रदेश: मैनपुरी के एक गांव की बिजली बीते 15 दिनों से गुल है। गांव वालों का कसूर सिर्फ इतना है कि इन्होंने डिंपल यादव को वोट दिया था। ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग के कर्मचारी कहते हैं जाओ उन्हीं से बिजली चालू करवाओ जिनको वोट दिया है। यह गांव पूरी तरह से राजनीति का शिकार हो गया है। हालांकि इस मामले को लेकर सांसद डिंपल यादव ने डीएम से बातचीत की जिसके इसके बाद शुक्रवार को बिजली थोड़ी देर के लिए आई और फिर गुल हो गई।
जानकारी के अनुसार, मैनपुरी के भारापुर जरारा गांव के रहने वालो लोगो का कहना है कि लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को वोट देना उन्हें महंगा पड़ गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि बीते 15 दिनों से गांव में बिजली नहीं है। दिन ढलते ही पूरा गांव अंधेरे में डूब जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने जब विद्युत विभाग के अधिकारियों से सप्लाई शुरू करने की मांग की तो उन्होंने कहा कि आप लोगो ने सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को वोट दिया है, इसलिए लाइट नहीं देते हैं। साथ ही कहते है कि लाइट डिंपल यादव से ही ले लो।
बताया गया कि इस गांव की आबादी लगभग 1500-2000 के बीच है। ग्रामीणों ने बताया कि दो दिन पहले प्राइवेट लाइन मैन से लाइन जुड़वा ली थी। लेकिन एक दिन बाद ही उन लोगो ने फिर से पूरे गांव की लाइन काट दी। ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग ना तो मोबाइल चार्ज कर पा रहे हैं और न ही गायों को खेत से भगाने के लिए टॉर्च चार्ज कर पाते हैं। पूरा गांव अंधकार में डूबा हुआ है। विभाग के अफसर कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं। ग्रामीण भोला सिंह ने बताया कि बीते 15 दिनों से बिजली नहीं आ रही है।
ग्रामीणों के अनुसार, बिजली वाले कहते हैं कि आपने सांसद डिंपल यादव को वोट दिया हैं इसलिए बिजली काट दी है।हम लोग बहुत परेशान हैं। शिकायत के बावजूद बत्ती जोड़कर काट दी। इस बारे में बिजली विभाग के अफसर रवि प्रताप का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में आया है। ग्राम में बिजली सप्लाई बंद है। उन्होंने बताया कि करीब 94 उपभोक्ता ऐसे हैं जिन पर दस-दस हजार रुपए से अधिक का बिल बकाया है। पांच ऐसे उपभोक्ता हैं जिन पर पांच हजार रुपए से ज्यादा का बिल बकाया है। इस वजह से ट्रांसफार्मर को डिस्कनेक्ट किया है। इस वजह से आपूर्ति बाधित है।
रवि प्रताप ने बताया कि ग्रामीण आधा बिल जमा कर देंगे तो विद्युत आपूर्ति शुरू कर देंगे। डिंपल यादव को वोट देने पर बत्ती काटे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि विभाग दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कार्य करता है। विभाग का अन्य कोई उद्देश्य नहीं है। हालांकि नियम यह है कि जिस किसी पर विद्युत विभाग की बकाया राशि है उसका कनेक्शन डिस्कनेक्ट किया जा सकता है। पूरे गांव की बिजली नहीं काट सकते। जिससे अनुमान यह लगाया जा रहा है कि यह सब राजनीति से प्रेरित है।