प्रयागराज में SSF के जवानो ने थाने में घुसकर दरोगा को धुना

आँखों देखी
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धूमनगंज में विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) के सिपाही व एक दरोगा के बीच विवाद के बाद जमकर बवाल हुआ। आरोप है कि पहले दरोगा ने कुछ लोगों के साथ मिलकर सिपाही को गेस्ट हाउस के भीतर बंधक बनाकर पीटा। इससे आक्रोशित अन्य सिपाहियों ने थाने में घुसकर दरोगा पर लात-घूंसे बरसाए। आधी रात तक धूमनगंज थाना अखाड़ा बना रहा। हालांकि मामले में 24 घंटे बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।

विवाद शाम सात बजे के करीब शुरू हुआ। धूमनगंज निवासी एसआई आशीष यादव एक अफसर के पीआरओ हैं। शाम को वह अपनी कार से घर की ओर जा रहे थे और इसी दौरान कन्हईपुर के पास कार में बाइक छू जाने पर उनका एसएसएफ के दो सिपाहियों से विवाद हो गया।

बात गालीगलौज और फिर मारपीट तक पहुंच गई। आरोप है कि इसी दौरान कुछ स्थानीय लोग जुट गए और फिर दरोगा ने उनके साथ मिलकर दोनाें सिपाहियों को पीट दिया। आरोप यह भी है कि एक सिपाही को वहीं स्थित गेस्ट हाउस के भीतर घसीट ले जाया गया और फिर बंधक बनाकर पीटा गया।

तब तक धूमनगंज थाने की पुलिस पहुंची और दरोगा व सिपाही को थाने ले गई। उधर इसकी जानकारी दूसरे सिपाही ने दी तो बड़ी संख्या में एसएसएफ के सिपाही थाने में पहुंच गए। साथी की पिटाई की जानकारी होते ही सिपाही भड़क गए और फिर उन्होंने थानेे में घुसकर दरोगा को पीट दिया।

इससे वहां अफरातफरी मच गई। किसी तरह थाने के पुलिसकर्मियों ने दरोगा को बचाया और फिर मामला शांत हुआ। घटना की जानकारी पर एसएसएफ के साथ ही पुलिस अफसर भी मौके पर पहुंचे। देर रात तक दोनों पक्षों में पंचायत चलती रही।

दरोगा ने निकाल ली थी पिस्टल

सूत्रों का कहना है कि थाने में हुई घटना के दौरान उस समय भगदड़ मच गई जब दरोगा ने पिस्टल निकाल ली। यह देख वहां मौजूद पुलिसकर्मियों में भगदड़ मच गई। वहां मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों ने दरोगा का हाथ पकड़कर उसे काबू में किया और तब जाकर मामला संभला।

मामले में दोनों पक्षों से तहरीर लेकर उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया है। पुलिस व एसएसएफ दोनों की ओर से विभागीय जांच भी शुरू करा दी गई है। – राजकुमार मीना, एसीपी धूमनगंज

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