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रूस में पुतिन का तानाशाही फरमान‚ देश से बाहर नही जा सकेंगे 18 – 65 साल के लोग

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New Delhi: साल 2020 में संविधान में संशोधन करने के बाद खुद को 2036 तक रूस का राष्ट्रपति घोषित करने वाले व्लादिमीर पुतिन का तानाशाही रवैया लगातार जारी है। यूक्रेन पर जबरन युद्ध थोपने के बाद अब तानाशाह व्लादिमीर पुतिन ने नया फरमान जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि देश में 18 साल से लेकर 65 वर्ष तक के लोगों के लिए छोड़ने पर पाबंदी लगा दी गई है।

मीडिया सूत्रों के अनुसार सरकार ने सभी एयरलाइंस कंपनियों को इस उम्र के व्यक्तियों (18-65) को हवाई टिकट नहीं बेचने का फरमान जारी कर दिया है‚ जिसके चलते एयरलाइंस कंपनियों ने अपनी वेबसाइट पर सभी टिकट बुक होने के बोर्ड चस्पा कर दिए हैं। रूस में हवाई यात्रा की टिकट बेचने वाली वेबसाइट एवियासेल्स ने अपनी वेबसाइट पर जॉर्जिया‚ आर्मेनिया‚ अज़रबैजान और कजाकिस्तान जाने के लिए सभी हवाई टिकट बुधवार को बुक कर दिए हैं।

वही तुर्की की एयरलाइंस ने भी अपनी वेबसाइट पर इस्तांबुल के लिए शनिवार तक सभी उड़ाने बुक करने की बात कही है। कई न्यूज वेबसाइट और पत्रकारों ने ट्विटर पर दावा किया है कि रूसी एयरलाइंस ने 18 से लेकर 65 साल के पुरुषों को टिकट बेचना बंद कर दिया है। ऐसे में रूस में मार्शल ला जारी होने का डर लोगों को सताने लगा है।

रक्षा मंत्रालय की अनुमति के बाद बाहर जा सकेंगे युवा

दावा किया गया है कि रूसी रक्षा मंत्रालय की अनुमति के बाद ही युवा देश से बाहर जा सकेंगे। दूसरी ओर सरकार के इस फैसले देश के भीतर ही गहरी आलोचना हो रही है। लोग इसे लोकतंत्र की हत्या बता रहे हैं। हालांकि सरकार ने हवाई टिकट पर पाबंदी या देश से बाहर जाने के आदेश पर अधिकारिक रूप से इसकी कोई घोषणा नही की है।

2020 में खत्म हो गया था लोकतंत्र

आपको बता दें कि साल 2020 में रूस में लोकतंत्र को दफन करते हुए संविधान संसोधन कर दिया गया था। जिसमें व्लादिमीर पुतिन को साल 2036 तक रूस का राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। इस फैसले के बाद रूस में लगातार मानव अधिकारों का हनन हो रहा है। देश में विपक्ष पूरी तरह से खत्म हो गया है‚ जिसके चलते सरकार अपनी मनमानी कर रही है। अपनी जिद और ईगो को पूरा करने के लिए व्लादिमीर पुतिन लगातार तानाशाही भरे फैसले ले रहे हैं। कोई उन्हे रोकने वाला नही है।

यूक्रेन को ले डूबी पुतिन की ईगो

युद्ध शुरू करके यूक्रेन को तबाह करने का फैसला भी पुतिन की जिद और ईगो का परिणाम है। जिसमें हजारों बेकसूर लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। युद्ध में कई सौ मासूम बच्चे भी जान गंवा चुका हैं‚ जिनका कोई कसूर नही है। अब तक पुनित ने लाखों लोगों का सुख चैन छीन लिया है‚ वहीं दुनिया भर की आर्थिक हालत खराब कर दी है।

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नैरोबी नेशनल पार्क के ऊपर बड़ा हादसा, 40 यात्रियों को ले जा रहे दो विमान हवा में टकराए

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World News: नैरोबी नेशनल पार्क के ऊपर बड़ा हादसा हुआ है। जानकारी के मुताबिक 40 यात्रियों को ले जा रहे दो विमान हवा में टकरा गए हैं. इस संबंध में पुलिस ने मंगलवार को बताया कि नैरोबी नेशनल पार्क के ऊपर हवा में दो विमान टकरा गए. इसमें छोटा विमान पार्क में दुर्घटनाग्रस्त हो गया और दो लोगों की मौत हो गई. डैश 8, सफ़ारीलिंक एविएशन एयरलाइन द्वारा संचालित एक बड़ा विमान, जिसमें चालक दल के पांच सदस्यों सहित 44 लोग सवार थे, तटीय रिसॉर्ट शहर डायनी की ओर जा रहा था। विल्सन हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद चालक दल ने एक जोरदार धमाके की सूचना दी और वापस लौटने का फैसला किया।

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‘मालदीव में 10 मई के बाद बिल्कुल न दिखे कोई भारतीय सैनिक…’ मुइज्जू ने भारत के खिलाफ फिर उगली आग

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मालदीव: राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत विरोधी बयानबाजी तेज कर दी है. उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 10 मई के बाद कोई भी भारतीय सैन्यकर्मी, यहां तक कि सिविल ड्रेस में भी, उनके देश के अंदर मौजूद नहीं रहेगा.

मालदीव के स्थानीय समाचार पोर्टल Edition.mv की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन समर्थक मुइज्जू ने एटोल की अपनी यात्रा के दौरान बा एटोल ऐधाफुशी आवासीय समुदाय को संबोधित करते हुए ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि ‘लोग स्थिति को खराब करने के लिए झूठी अफवाहें फैला रहे हैं’, क्योंकि उनकी सरकार ‘भारतीय सैनिकों को देश से बाहर निकालने’ में ‘सफल’ हो गई है. उनका बयान भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी के लिए दोनों देशों द्वारा सहमत 10 मार्च की समय सीमा से पहले द्वीप राष्ट्र में तीन विमानन प्लेटफार्मों में से एक का कार्यभार संभालने के लिए मालदीव में एक भारतीय नागरिक टीम के पहुंचने के एक हफ्ते से भी कम समय बाद आया है। यह समय सीमा से काफी पहले था.

न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, मुइजू ने कहा, ‘ये लोग [भारतीय सेना] नहीं जा रहे हैं। वे यहां सेना के जवानों को वर्दी की जगह सिविल कपड़ों में वापस भेजना चाहते हैं. हमें ऐसी चालों में नहीं फंसना चाहिए, जो हमारे दिलों में संदेह पैदा करें और झूठ फैलाएं।’

10 मई को देश में कोई भी भारतीय सैनिक न तो सैन्य वर्दी में होगा और न ही सिविल ड्रेस में… भारतीय सेना किसी भी तरह के कपड़े पहनकर इस देश में नहीं रहेगी. मैं यह बात विश्वास के साथ कहता हूं।’ उन्होंने यह बात उस दिन कही जब उनके देश ने चीन के साथ मुफ्त सैन्य सहायता प्राप्त करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं.

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Pakistan News: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ इंजमाम उल हक ने साधा निशाना, मोहम्मद हफीज को हटाने का किया विरोध

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Pakistan News: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के भीतर विवाद जारी है। जब से इमरान खान की सरकार गिरी है और रमीज राजा को चेयरमैन पद से हटाया गया है. इसके बाद से बोर्ड के भीतर उथल-पुथल मची हुई है. नजम सेठी और जका अशरफ के बाद अब मोहसिन नकवी ने यह पद संभाला है लेकिन अभी भी बोर्ड के अंदर सबकुछ ठीक नहीं है. हाल ही में मोहम्मद हफीज को कुछ महीनों के लिए टीम का डायरेक्टर बनाया गया था. इसलिए पूर्व तेज गेंदबाज वहाब रियाज को मुख्य चयनकर्ता नियुक्त किया गया। लेकिन ऑस्ट्रेलिया और फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के बाद हफीज को बाहर कर दिया गया। जबकि रियाज अपनी चौकी पर मौजूद रहे. अब इसे लेकर पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने बोर्ड पर निशाना साधा है.

इंजमाम उल हक ने साफ कहा कि बोर्ड को खिलाड़ियों का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने यहां तक सवाल उठाए कि जब वहाब रियाज को मुख्य चयनकर्ता के पद से नहीं हटाया गया तो फिर हफीज से निदेशक का पद क्यों छीना गया. आपको बता दें कि हफीज को टीम के अंदर कलह और ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ शर्मनाक हार के बाद हटा दिया गया था. इस बारे में इंजमाम ने कहा कि पूर्व खिलाड़ियों को उनके पद को लेकर निशाना बनाना सही नहीं है. पिछले महीने ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने हफीज को पीछे छोड़ दिया था. खेल मंत्रालय के आदेश के बाद ही हफीज को उनके पद से हटाया गया.\

इंजमाम उल हक ने क्या कहा?

इस पूरे विवाद को लेकर इंजमाम उल हक ने एक पाकिस्तानी टीवी शो के बोर्ड पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, ‘क्या कोई बता सकता है कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दौरे के बाद मोहम्मद हफीज को टीम डायरेक्टर पद से हटाने और वहाब रियाज को मुख्य चयनकर्ता बनाए रखने के पीछे क्या वजह है? क्या दोनों की नियुक्ति एक ही समय में नहीं हुई? ये तो उन दोनों की ज़िम्मेदारी थी, फिर इसके लिए सिर्फ़ हाफ़िज़ ज़िम्मेदार कैसे, रियाज़ नहीं? इंजमाम यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, ‘पीसीबी चेयरमैन का पद बिना किसी संदेह के एक सम्मानित पद है। लेकिन क्या पूर्व कप्तानों और दिग्गज खिलाड़ियों को बोर्ड अधिकारियों से सम्मान मिलना चाहिए?

जका अशरफ पर आरोप

इसके बाद इंजमाम ने मुख्य चयनकर्ता का पद छोड़ने का मुद्दा उठाया और कहा कि हितों के टकराव के मामले में पूर्व चेयरमैन जका अशरफ ने मेरा बिल्कुल भी सम्मान नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘जब यह मामला सामने आया तो मैं पीसीबी अधिकारियों सलमान नसील और आलिया राशिद के साथ बैठकर उनका इंतजार कर रहा था और बैठक का इंतजार करता रहा. लेकिन वह (ज़का अशरफ) अकादमी गए और आलिया और नसीर को वहां बुलाया। उस वक्त भी मैं वहीं बैठा इंतजार करता रहा. मैं उसके व्यवहार से बहुत दुखी हुआ. पाकिस्तान क्रिकेट इस तरह जारी नहीं रह सकता.’

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