सिपाही गोपीचंद( फाइल फोटो)

मेरठ। पिछले एक महीने से लापता चल रहे दिल्ली पुलिस के सिपाही गोपीचंद की हत्या कर दी गई। पत्नी से छुटकारा पाने के लिए सिपाही जिस तांत्रिक से मिलने जाता था उसी तांत्रिक ने सिपाही की हत्या कर सर काट कर गंगा में फेंक दिया। पुलिस ने इस हत्याकांड का शुक्रवार को खुलासा कर दिया है।

सिपाही गोपीचंद मेरठ के पोहल्ली गांव का रहने वाला था। वह दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल था‚ और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में तैनात था।  26 मार्च को गोपीचंद छुट्‌टी पर मेरठ अपने घर आया। इसी दिन बैंक गया और लोन के 14 लाख रुपए निकाले और घर से चला गया। जिसके बाद वह वापस नहीं लौटा

सिपाही ने ड्यूटी से 8 अप्रैल तक की छुट्‌टी ले रखी थी। सिपाही के वापस घर नहीं लौटने पर घर वालों ने उसकी खोजबीन शुरू की काफी खोजबीन के बावजूद भी सिपाही गोपीचंद का कोई सुराग नहीं लगा तो सिपाही गोपीचंद की पत्नी ने रेखा ने 30 मार्च को सरधना थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

आरोपी तांत्रिक

सरधना थाने से कोई मदद ना मिलने पर बुधवार को गोपीचंद का भाई आदित्य मौर्य और उसकी पत्नी रेखा एसपी देहात कमलेश बहादुर से मिलने पहुंचे।  उन्हें सारे जानकारी देते हुए बताया कि अब तक पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। साथ ही आदित्य ने शक जताया कि भाई गोपीचंद हस्तिनापुर में किसी साधु से मिलने जाता था। 26 मार्च को भी भाई घर पर सिर्फ 15 मिनट रुके थे। फिर बाबा के पास जाने की बात कहकर निकल गए थे।

उनकी लास्ट लोकेशन भी इंचौली थाना क्षेत्र के कस्बा लावड़ की मिली थी। जबकि उनकी बाइक हस्तिनापुर के गांव सिरजेपुर के पास जंगल में लावारिस मिली है। मृतक सिपाही गोपीचंद के भाई आदित्य मौर्य की बात सुनने के बाद पुलिस हस्तिनापुर पहुंची। और तांत्रिक गणेशानंद को शुक्रवार रात मेरठ पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है।

पुलिस ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस को जानकारी देते हुए तांत्रिक ने बताया कि वह मूल रूप से फतेहपुर के सिमौरा गांव का रहने वाला है। ओर बताया कि ढाई साल पहले गोपीचंद अपनी पत्नी रेखा को तंत्र-मंत्र से मरवाने के लिए शुक्रताल में मिला था।

क्योंकि गोपीचंद का किसी और युवती से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। जिसके चलते उसकी पत्नी रेखा उसकी प्रेम कहानी में रोड़ा बन रही थी। गोपीचंद को लगता था कि पत्नी के रहते वो प्रेमिका से शादी नहीं कर पाएगा। इसलिए उसने तंत्र मंत्र द्वारा पत्नी को जान से मारने के लिए कहा और रकम दी थी। साथ ही तांत्रिक ने बताया कि इसके बाद कॉन्स्टेबल लगातार मुझसे मिलता था।

अपनी पत्नी को तंत्र-मंत्र से मरवाने के लिए दबाव बनाता था। इसके बदले मैंने कॉन्स्टेबल से एक साल के अंदर करीब ढाई लाख रुपए लिए। जिसमें कुछ नगद और कुछ ऑनलाइन-पे के माध्यम से दिया था। 24 मार्च को गोपीचंद ने मेरे खाते में एक लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। साथ ही साथ तांत्रिक ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसे पता था कि कॉन्स्टेबल गोपीचंद की पत्नी रेखा को वह तंत्र मंत्र से नहीं मार सकता। उसे तो बस उससे रुपए ऐंठने थे।

तांत्रिक ने बताया, 25 मार्च को भी 90 हजार रुपए गोपीचंद ने मेरे खाते में ट्रांसफर किए थे। कुल मिलाकर सिपाही से मैंने साढ़े चार लाख रुपए लिए थे। जब गोपीचंद ने पूछा कि उसकी पत्नी क्यों नहीं मरी। तांत्रिक ने बताया कि मुझे डर था कि कहीं मेरी सारी करतूत सामने न आ जाए।  सिपाही मुझसे अपनी रकम वापस ना मांग ले। और मुझे जेल ना भेज दे।

इसी डर से मैंने सिपाही दीपचंद की हत्या की योजना बनाई। तांत्रिक ने कहां की हत्या की योजना के अनुसार मैंने सिपाही को 26 मार्च को किसी बहाने से उसे डेढ़ लाख रुपए और एक मुर्गा लेकर हस्तिनापुर अपने आश्रम पर बुलाया था। गोपीचंद अपनी बाइक से एक मुर्गा लेकर मेरे आश्रम पहुंचा। मैं उसे लेकर सिरजेपुर गांव के पास गंगा किनारे तंत्र-मंत्र करने पहुंचा। यहां मैं तंत्र-मंत्र करने लगा और गोपीचंद वहीं पास में लेट गया।

तांत्रिक ने बताया, पहले मैंने मुर्गे की बलि दी, फिर हेड कॉन्स्टेबल के गले पर प्रहार कर घायल कर दिया। इससे गोपीचंद की मौके पर ही मौत हो गई। फिर गंगा में गोपीचंद के शव को फेंक दिया। उसके मोबाइल को भी गंगा में फेंक दिया।

एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि गोपीचंद दिल्ली पुलिस में सिपाही था। 26 मार्च को लापता था। 30 मार्च को पत्नी रेखा ने लापता की रिपोर्ट की थी। 12 अप्रैल को गंगा किनारे सिपाही की बाइक मिली। बाद में तांत्रिक के संपर्क की बात सामने आई थी। जांच में पता चला कि हेड कॉन्स्टेबल तंत्र विद्या से पत्नी को मरवाना चाहता था। तांत्रिक ने बाद में कॉन्स्टेबल को मारा और भाग गया था। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। और कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

आँखों देखी