एप्पल कंपनी ने विपक्षी नेताओं और पत्रकारों को दी चेतावनी‚ ‘सरकार-प्रायोजित’ हमलावरो द्वारा बनाया जा सकता है निशाना

नई दिल्ली: भारत में विपक्षी दलों के कई शीर्ष नेताओं और कम से कम तीन पत्रकारों को मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी एप्पल से एक संदेश मिला है, जिसमें कहा गया है कि ‘एप्पल का मानना ​​है कि आपको सरकार-प्रायोजित हमलावरों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, जो आपके एप्पल आईडी से जुड़े आईफोन से दूर से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं.’

एप्पल ने जिन लोगों को उनके आईफोन से छेड़छाड़ करने के प्रयासों के बारे में सूचित किया है, उनमें निम्नलिखित लोग शामिल हैं:

1. महुआ मोइत्रा (तृणमूल कांग्रेस सांसद)
2. प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना (यूबीटी) सांसद)
3. राघव चड्ढा (आप सांसद)
4. शशि थरूर (कांग्रेस सांसद)
5. असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम सांसद)
6. सीताराम येचुरी (सीपीआई (एम) महासचिव और पूर्व सांसद)
7. पवन खेड़ा (कांग्रेस प्रवक्ता)
8. अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी अध्यक्ष)
9. सिद्धार्थ वरदराजन (संस्थापक संपादक, द वायर)
10. श्रीराम कर्री (रेजिडेंट एडिटर, डेक्कन क्रॉनिकल)
11. समीर सरन (अध्यक्ष, ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन)
12. रेवती (स्वतंत्र पत्रकार)
13. केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस सांसद)
14. सुप्रिया सुले (एनसीपी सांसद)
15. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के कार्यालय में काम करने वाले कई लोग
16. रेवंत रेड्डी (कांग्रेस सांसद, तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष)
17. टीएस सिंहदेव (छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता)
18. रवि नायर (पत्रकार, ओसीसीआरपी)
19. केटी रामा राव (तेलंगाना के मंत्री और बीआरएस नेता)
20. आनंद मंगनाले (क्षेत्रीय संपादक, दक्षिण एशिया, ओसीसीआरपी)

एप्पल द्वारा भेजे गए ईमेल का शीर्षक ‘अलर्ट: सरकार प्रायोजित हमलावर आपके आईफोन को निशाना बना रहे हैं’ है.

इसमें आगे कहा गया है, ‘आप कौन हैं या आप क्या करते हैं, ये हमलावर संभवतः आपको व्यक्तिगत रूप से निशाना बना रहे हैं. अगर आपके डिवाइस के साथ किसी सरकार-प्रायोजित हमलावर ने छेड़छाड़ की है, तो वे आपके संवेदनशील डेटा, संचार, या यहां तक कि कैमरा और माइक्रोफोन तक दूर से पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं.’

यह भी कहा गया है, ‘हालांकि यह संभव है कि यह एक गलत चेतावनी हो, कृपया इस चेतावनी को गंभीरता से लें.’

जहां एप्पल की चेतावनी की भाषा वही है, जो इस फोन निर्माता ने अतीत में दुनिया भर में स्पायवेयर के पीड़ितों को सचेत करने के लिए इस्तेमाल की है, तथ्य यह है कि भारत में कम से कम पांच व्यक्तियों को एक ही समय (30 अक्टूबर 2023 को रात 11:45 बजे) में एक ही चेतावनी संदेश प्राप्त हुआ था, जिससे पता चलता है कि जिन लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, वे विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा हैं.

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एप्पल की ओर से भेजे गए चेतावनी मेल को ट्वीट किया है. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इसकी जानकारी अपने एक्स एकाउंट पर दी है. मोइत्रा ने कहा कि सरकार का डर देखकर उस पर तरस आता है.

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी एप्पल से मिले संदेश को एक्स पर साझा किया और पूछा, ‘प्रिय मोदी सरकार, आप ऐसा क्यों कर रहे हैं?’

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हमले के बारे में पोस्ट करते हुए कहा, ‘एक एप्पल आईडी, threat-notifications@apple.com से ईमेल प्राप्त हुआ, जिसे मैंने सत्यापित कर लिया है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि हो गई है. मेरे जैसे करदाताओं के खर्चे पर अल्प-रोजगार अधिकारियों को व्यस्त रखने में खुशी हुई! लगता है करने के लिए और कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है?’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर यह छिपाने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आरोप लगाया कि उन्होंने ‘सरकार को अडानी को बेच दिया है’.

उन्होंने कहा, ‘आप जितना चाहें हमें हैक कर लें, लेकिन हम आपसे सवाल करना बंद नहीं करेंगे.’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जाति जनगणना की मांगों से ध्यान भटकाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.

उन्होंने आगे पूछा, ‘अडानी वास्तव में किससे चोरी कर रहे हैं?’ फिर खुद जवाब दिया कि यह आम लोग और हाशिये पर रहने वाले लोग थे, जो कीमत चुका रहे हैं.

द वायर जिन अन्य लोगों से इस बात की पुष्टि कर सका है, जिन्हें एप्पल से चेतावनी मिली है, वे जाने-माने लोग हैं, जो नरेंद्र मोदी सरकार के खुले आलोचक हैं.

इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (आईएफएफ) के नीति निदेशक प्रतीक वाघरे ने द वायर से बातचीत में कहा, ‘एप्पल से मिले चेतावनी संदेश को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है और मालवेयर हमले के स्रोत और सीमा को निर्धारित करने के लिए जांच की आवश्यकता है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘यह देखते हुए कि अतीत में भारतीयों – विशेष रूप से पत्रकारों, सांसदों और संवैधानिक पदाधिकारियों – को भी कथित तौर पर पेगासस (स्पायवेयर) से निशाना बनाया गया है, यह हमारे लोकतंत्र के लिए गहरी चिंता का विषय है.’

आईएफएफ के संस्थापक निदेशक अपार गुप्ता ने एक्स पर पोस्ट करके बताया कि इन्हें ‘गलत चेतावनी’ क्यों नहीं कहा जा सकता.

उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले तो तमाम रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि भारत इजरायली फर्म एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर को इस्तेमाल किए जाने की जमीन रहा है. अक्टूबर 2019 में सरकार के हमलावरों ने कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया और जुलाई 2021 में उन्होंने सार्वजनिक अधिकारियों और पत्रकारों तक अपनी पहुंच बढ़ा दी थी.’

उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में इन गतिविधियों से स्पष्ट रूप से इनकार नहीं किया है. इसके अलावा एमनेस्टी, सिटीजन लैब की जांच और वॉट्सऐप के नोटिफिकेशन इसके उपयोग की पुष्टि करते हैं, जो भारत में एक पैटर्न का सुझाव देते हैं.’

अपार ने कहा, ‘एक्सेस नाउ और सिटीजन लैब ने पिछले महीने मेडुज़ा के प्रकाशक सहित रूसी पत्रकारों को भेजे गए एप्पल के चेतावनी नोटिफिकेशन की वैधता की पुष्टि की है. ये पुष्टियां ऐसी सूचनाओं को उच्च विश्वसनीयता प्रदान करती हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘इसके अलावा फाइनेंशियल टा