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झटकाǃ एक बार फिर रिचार्ज के दाम बढ़ाने जा रही हैं Reliance Jio और Airtel

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Jio Airtel to hike Tariffs by 10 Percent: टेलिकॉम कंपनियां अपने टैरिफ की कीमतें 10 प्रतिशत तक बढ़ा सकती हैं। इसका मतलब है कि मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों की जेब पर एक बार फिर बोझ बढ़ने वाला है। देश की दो सबसे बड़े टेलिकॉम ऑपरेटर Reliance Jio और Bharti Airtel अपने रिचार्ज प्लान में 10 प्रतिशत का इजाफा कर सकते हैं।

Business Insider की एक रिपोर्ट में टेलिकॉम कंपनियों द्वारा देश में टैरिफ महंगे किए जाने का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पिछली बार टैरिफ में बढ़ोत्तरी के बाद मिलने वाले सभी फायदे लगभग खत्म हो चुके हैं और उन पर रेवेन्यू व लाभ बढ़ाने को लेकर लगातार दबाव है। इसके चलते टेलिकॉम कंपनियों को एक बार फिर टैरिफ में बढ़ोतरी करने की जरूरत पड़ गई है।’

रेवेन्यू पर लगातार पड़ रहा दबाव

टैरिफ महंगे होने के कारण का खुलासा भी इस रिपोर्ट में किया गया है। रेवेन्यू पर लगातार पड़ रहे दबाव, मॉडरेट लाभ और ARPU रेट में मार्जिन इस अनुमानित टैरिफ हाइक की एक वजह हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस जियो का ARPU रेट 0.8 प्रतिशत तक बढ़ा है और एयरटेल व वोडाफोन के ARPU रेट में 1 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इस रिपोर्ट में यह भी जिक्र किया गया है कि एयरटेल ने कुछ टेलिकॉम सर्किल में 99 रुपये वाले प्रीपेड प्लान को बंद करके टैरिफ में किए जाने वाली बढ़ोतरी को टेस्ट करना शुरू कर दिया गया है। इस प्लान में कंपनी 2.5 पैसे प्रति मिनट के हिसाब से कॉल और 200MB डेटा ऑफर करती है। इसके बाद इस प्लान को 57 फीसदी महंगा कर दोबारा लॉन्च किया गया था। अब इस प्लान में 155 रुपये में अनलिमिटेड कॉल और 1 जीबी डेटा ऑफर किया जा रहा है।

5G Services देने पर हो रहा बड़ा खर्चा

गौर करने वाली बात है कि हाल ही में केंद्रीय मंत्री देवसिंग चौहान ने कहा था कि फिलहाल टेलिकॉम ऑपरेटर्स देश में अपने ग्राहकों को 5G Services देने के लिए हर सप्ताह औसतन 2500 बेस स्टेशन इंस्टॉल कर रहे हैं। मंत्री ने राज्य सभा में कहा था कि 26 नवंबर तक देश में 20,980 मोबाइल बेस स्टेशन इंस्टॉल हो चुके हैं। इनमें से रिलायंस जियो और एयरटेल ने क्रमशः 17,687 और 3,293 बेस स्टेशन इंस्टॉल किए हैं। वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) भी अपने प्रतिद्वन्दियों के बाद टैरिफ के दाम में इजाफा कर सकती है।

 

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1 फरवरी से नया IMPS मनी ट्रांसफर नियम होगा लागू, आपके लिए ये जानना है जरूरी

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अगर ग्राहक की सहमति प्रदान नहीं की जाती है, तो बैंक लेनदेन को अस्वीकार कर देगा।

अगले महीने की शुरुआत यानी 1 फरवरी 2024 से आईएमपीएस के जरिये मनी ट्रांसफर करने के नए नियम लागू होने जा रहे हैं। इस तारीख से यूजर्स सिर्फ प्राप्तकर्ता का मोबाइल नंबर और बैंक खाता नाम जोड़कर IMPS के जरिये मनी ट्रांसफर कर सकेंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के मुताबिक, इसमें लाभार्थी जोड़ने की जरूरत नहीं है। लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, IFSC कोड की भी जरूरत नहीं है। ऑनलाइन मोड ने एक बैंक से दूसरे बैंक में धन हस्तांतरण को परेशानी मुक्त बना दिया है।

एनपीसीआई ने जारी किया था सर्कुलर

खबर के मुताबिक, 31 अक्टूबर, 2023 के एनपीसीआई सर्कुलर में कहा गया है कि सभी सदस्यों से रिक्वेस्ट है कि वे इस पर ध्यान दें और 31 जनवरी 2024 तक सभी आईएमपीएस चैनलों पर मोबाइल नंबर + बैंक नाम के माध्यम से फंड ट्रांसफर शुरू करने और स्वीकार करने का अनुपालन करें।

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सर्कुलर में कहा गया है कि बैंक मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग चैनलों पर भुगतानकर्ता/लाभार्थी के रूप में सफलतापूर्वक मान्य मोबाइल नंबर और बैंक नाम संयोजन जोड़ने का ऑप्शन भी देंगे।

आईएमपीएस

ऑनलाइन मनी ट्रांसफर में आईएमपीएस से फंड ट्रांसफर बड़ी संख्या में होता है। यह एक अहम पेमेंट सिस्टम है जो 24×7 तत्काल घरेलू धन हस्तांतरण सुविधा प्रदान करती है और इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग ऐप, बैंक शाखाओं, एटीएम, एसएमएस और आईवीआरएस जैसे विभिन्न चैनलों के माध्यम से पहुंच योग्य है। फिलहाल IMPS P2A (खाता + IFSC) या P2P (मोबाइल नंबर + MMID) ट्रांसफर मोड के माध्यम से लेनदेन प्रोसेस करता है।

मोबाइल नंबर से जुड़े कई खातों के लिए

एनपीसीआई सर्कुलर के मुताबिक, मोबाइल नंबर से जुड़े कई खातों के लिए, लाभार्थी बैंक प्राथमिक/डिफ़ॉल्ट खाते में क्रेडिट करेगा। ग्राहक की सहमति का इस्तेमाल करके प्राइमरी/डिफ़ॉल्ट खाते की पहचान की जाएगी। अगर ग्राहक की सहमति प्रदान नहीं की जाती है, तो बैंक लेनदेन को अस्वीकार कर देगा।

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10वीं के स्टूडेंट की गोद में चढ़ महिला टीचर ने कराया ‘ फोटोशूट’‚ एक-दूसरे किया चुंबन‚ मचा बवाल

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कर्नाटक की एक महिला टीचर और स्टूडेंट का फोटोशूट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, फोटो सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। कोई इसे असामाजिक बता रहा है तो कोई इसे सस्ती लोकप्रियता पाने का नशा करार दे रहा है। हालाँकि फोटो वायरल होने के बाद महिला टीचर मुसीबत में आ गई है। छात्र के परिजनों ने महिला टीचर के खिलाफ जांच की मांग की है।

कर्नाटक के चिंतामणि के मुरुगमल्ला गांव में एक सरकारी स्कूल की महिला प्रिंसिपल छात्रों के साथ एक एजुकेशनल टूर पर गई थीं, जहां उन्होंने दसवीं के छात्र के साथ रोमांटिक फोटोशूट करवाया। फोटोशूट तस्वीरें लीक हो गईं और सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। फोटो वायरल होने के बाद माता पिता हैरान रह गए और BEO से जांच कर प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

वायरल हो रहे फोटो में छात्र कुर्ता और जींस पहने हुए दिखाई दे रहा है जबकि शिक्षिका साड़ी पहनी हुई है। छात्र टीचर को गले लगाते, चूमते और उसकी साड़ी खींचते हुए दिखाई दे रहा है। दावा किया जा रहा है कि टीचर ने यह तस्वीरें उस वक्त अपने फोन में खिंचवाई, जब वह एक एजुकेशनल टूर पर गई थी।

वायरल फोटो पर बवाल

फोटो सामने आने के बाद एक तरफ माता-पिता ने शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है तो वहीं सोशल मीडिया पर भी तमाम लोगों ने इस फोटोशूट पर सवाल उठाया है। @satya_AmitSingh नाम के X यूजर ने तस्वीरों को शेयर कर लिखा है कि हमारा समाज अब किस दिशा में जा रहा है? एक ने लिखा कि टीचर के साथ ही उस छात्र पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, जो फोटोशूट करवा रहा है, वह बच्चा नहीं है।

एक ने लिखा कि मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ गलत है, हालांकि उन्हें थोड़ा कंट्रोल जरूर करना चाहिए था। एक ने लिखा कि बहुत लोगों का कहना है कि इसमें कुछ गलत नहीं है लेकिन सोचो अगर महिला टीचर की जगह कोई पुरुष और छात्र की जगह कोई छात्रा होती तो क्या होता? एक अन्य ने लिखा कि जब टीचर पर ही फोटोशूट का खुमार सवार हो गया है तो छात्रों को क्या ही समझाया जाए।

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OMG: खाली बैठने के लिए अपने CEO को 8,300 करोड़ देगी माइक्रोसॉफ्ट

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Microsoft pay one Billion dollar former CEO Steve Ballmer: दुनिया के छठे सबसे अमीर शख्स और माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व सीईओ स्टीव बाल्मर को नए साल के मौके पर हजारों करोड़ रुपये का गिफ्ट मिलने वाला है,  उन्हें कंपनी में कुछ नहीं करने के लिए 8,300 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके पीछे की वजह है, उनके कंपनी में 33.32 करोड़ शेयर हैं, इस पर उन्हें डिविडेंड दिया जाएगा। बाल्मर की माइक्रोसॉफ्ट में 4% हिस्सेदारी है।

20 प्रतिशत टैक्स भी देना पड़ेगा

माइक्रोसॉफ्ट ने अपने डिविडेंड में 10 फीसदी की दर से बढ़ोतरी की है, ऐसे में स्टीव बाल्मर को इससे हजारों करोड़ रुपये का फायदा मिलेगा। हालांकि, उन्हें इसके लिए 20 प्रतिशत टैक्स भी देना पड़ेगा, जो एक बिलियन डॉलर के हिसाब से 1600 करोड़ रुपये होता है। अमेरिका में वार्षिक आय 5 लाख डॉलर या उससे ज्यादा होने पर 20 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी 2003 से शेयर धारकों को डिविडेंड दे रही है, तब से लेकर कंपनी का डिविडेंड बढ़ता ही रहा है।

दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स बनने के करीब

स्टीव बाल्मर ने 1980 में माइक्रोसॉफ्ट को जॉइन किया था। उस समय वह कंपनी के 30वें एम्प्लॉई थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कंपनी में अहम योगदान दिया और 2000 में उन्हें कंपनी ने सीईओ बनाया था। इस पद पर वह 2014 बन रहे थे और बाद में सत्या नडेला कंपनी के नए सीईओ बने थे। हालांकि, बाल्मर कुछ समय तक कंपनी के निदेशक मंडल में भी शामिल रहे थे। इसके अलावा बाल्मर नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए) के लॉस एंजिल्स क्लिपर्स के मालिक हैं और बाल्मर ग्रुप के को-फाउंडर भी हैं। बता दें कि स्टीव बाल्मर दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स बनने के बहुत करीब हैं।

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