Panna Mews: हीरा नगरी के नाम से मशहूर पन्ना में रहने वाले एक गरीब की किस्मत उस वक्त चमक उठी जब उसे 70 लाख रुपया का हीरा खुदाई के दौरान मिला। गरीब किसान को हीरा खदान से 14.09 कैरेट का ये बेशकीमती हीरा बुधवार को मिला है। इस हीरे की अनुमानित कीमत ₹70 लाख बताई जा रही है। हालांकि मजदूर ने यह हीरा अपने 7 साथियों के साथ मिलकर खुदाई के बाद बरामद किया है।
आपको बता दें कि पन्ना जिले की रतनगर्भा धरती इन दिनों बेशकीमती हीरे उगल रही है। पिछले 3 दिनों में ही लगभग तीन हीरे यहां मिल चुके हैं। सोमवार को भी एक मजदूर को एक साथ दो हीरे मिले थे। तो बुधवार को भी गरीब किसान को यह बेशकीमती हीरा मिला है।
गौरतलब है कि एनएमडीसी कॉलोनी में रहने वाले रामप्यारे विश्वकर्मा ने अपने 7 साथियों के साथ मिलकर कृष्ण कल्याणपुर पट्टी की पुतली हीरा खदान में हीरा कार्यालय से पट्टा बनवाया है। जिसके बाद वह खुदाई कर रहा था। रामप्यारे का कहना है कि उसने अपने सभी साथियों के साथ मिलकर रात-दिन एक कर दिया। जिसका फल उन्हें जेम्स क्वालिटी के हीरे के रूप में मिला है।
मिली जानकारी के अनुसार हीरा मिलने के बाद रामप्यारे ने सभी साथियों के साथ हीरे को हीरा कार्यालय में जमा करा दिया। जिसके बाद खुद डीएम ने अपने हाथों से रामप्यारे और उसके साथियों को फूल माला पहनाकर बधाई दी। जिलाधिकारी ने अन्य मजदूरों को हीरा खदान लगाने के लिए भी प्रेरित किया है। हीरा अधिकारी का कहना है कि हीरे को अगले माह में होने वाली नीलामी में रखा जाएगा। जिससे भारी राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।
कहां है पन्ना
मध्यप्रदेश की विध्या रेंज में लगभग 240 किलोमीटर के अंदर हीरे की खदाने हैं। 6 हजार साल पहले यहां कच्चे हीरे मिले थे। इन्हें पन्ना की खदानों के नाम से भी जाना जाता है। यहां हीरे की खुदाई के लिए 1968 में नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन(एनएमडीसी) की स्थापना की गई थी।
एनएमडीसी पन्ना जिले के मझगांव में हीरे की खदान का संचालन करती है, जो अब तक कई नायाब हीरे दे चुकी है। कहा जाता है कि यहां से निकला हीरा साउध अफ्रीका की खदानों से भी अच्छा होता है। ये चमकदार होता है और काटने में कम वेस्ट होता है। एनएमडीसी की मानें तो ये खदान साल भर में करीब 80 हजार कैरेट हीरा उत्पादन कर सकती है।