मध्यप्रदेश राज्य में अनियंत्रित कोरोना संक्रमित लोगों की मृत्यु बढ़ रही है। गुरुवार को भोपाल के भदभदा विश्रामघाट में इतने सारे शव पहुंचे कि कोरोना संक्रमित के लिए शमशान घाट में उनके क्रियाकर्म के लिए निर्धारित स्थान छोटा हो गया। इसके बाद नई जगह तैयार कर अंतिम संस्कार किया गया। शवों का आना शाम तक जारी रहा। कई लोगों को देर शाम होने के कारण दूसरे दिन आने के लिए कहा गया।
गौरतलब है कि राजधानी में गुरुवार को 41 कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार किया गया था। इनमें से 36 शवों को भदभदा विश्राम घाट लाया गया। इन 36 में से 31 शव कोरोना रोगियों के थे। इनमें से 18 शव बाहर के थे और 13 शव भोपाल शहर के थे। गौरतलब है कि अभी तक एक दिन में इतने शवों का पूरे राज्य में अंतिम संस्कार नहीं किया गया था।
भदभदा शमशान घाट के अध्यक्ष तरुण चौधरी ने कहा कि 36 शवों के बाद भी, 8 परिवार अंतिम संस्कार के लिए संपर्क कर रहे थे। लेकिन देर रात होने के लिए उन्हें दूसरे दिन आने के लिए कहा गया। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में दाह संस्कार किया गया है। सुभाष नगर विश्राम घाट के ट्रस्ट मैनेजर शोभराज सुखवानी ने बताया की 5 संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार किया, उनमें से चार भोपाल के थे और एक होशंगाबाद का था। वहीं, झडा कब्रिस्तान में गुरुवार को पांच शवों को दफनाया गया है। इससे पहले भोपाल में कोरोना प्रोटोकॉल से एक दिन में अंतिम संस्कार की संख्या पिछले साल दिसंबर में 28 तक पहुंच गई थी। इंदौर में, 25 कोरोना रोगियों का 6 अप्रैल को अंतिम संस्कार किया गया था।
इधर, 8 महीने की बच्ची को कोरोना संक्रमण से नहीं बचाया जा सका। 12 दिनों तक एम्स में भर्ती रही आदिबा का निधन होने के बाद भोपाल में कोरोना के किसी मरीज की यह सबसे कम उम्र की मौत है। आपको बता दें अदीबा अपने परिवार में अकेली बच्ची थी। उसे बुखार था। उनके घर में कोई और संक्रमित नहीं है।