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DRDO ने किया बड़ा ऐलान, मार्च तक शुरू होगा देश की इस शक्तिशाली सुपरसोनिक मिसाइल का निर्यात

भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एक बड़ी घोषणा की है। डीआरडीओ ने घोषणा की है कि वह इस साल मार्च तक देश की शक्तिशाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का निर्यात शुरू कर देगा। माना जा रहा है कि रक्षा क्षेत्र में देश के पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने की कोशिश में यह एक बड़ी उपलब्धि होगी. इस घोषणा की जानकारी खुद डीआरडीओ प्रमुख समीर वी. कामत ने समाचार एजेंसी एएनआई के जरिए दी है।

आ सकते हैं विदेशों से ऑर्डर

डीआरडीओ प्रमुख समीर वी. कामत ने जानकारी देते हुए कहा कि डीआरडीओ इस साल मार्च तक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का निर्यात शुरू कर देगा। उन्होंने आगे कहा कि डीआरडीओ अगले 10 दिनों में इन मिसाइलों के ग्राउंड सिस्टम का निर्यात शुरू कर देगा। इसके अलावा, DRDO द्वारा विकसित और भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स जैसी निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा निर्मित 307 ATAGS गन को भी इस वित्तीय वर्ष के अंत तक विदेशों से ऑर्डर मिल सकते हैं।

इस देश के साथ हुआ था मिसाइलों को लेकर सौदा

जनवरी 2022 में भारत और फिलीपींस के बीच ब्रह्मोस मिसाइलों के लिए 375 मिलियन डॉलर की डील पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके तहत फिलीपींस को मिसाइलें बेची जाती हैं। 290 किमी रेंज की इन मिसाइलों के लिए भागीदारों के बीच समझौता अपनी तरह का पहला समझौता था। इस मिसाइल के तहत 2 पूर्व एंटी-शिप वर्जन की 3 मिसाइल बैटरियां भी निर्यात की जा रही हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इन ब्रह्मोस मिसाइलों को फिलिप्स को निर्यात किया जाएगा।

कई देशों ने दिखाई थी दिलचस्पी

जानकारी के लिए बता दें कि दक्षिण एशिया के कई देशों ने ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। जिसमें इंडोनेशिया, वियतनाम जैसे देश शामिल हैं। पिछले साल ही खबर आई थी कि वियतनाम ब्रह्मोस मिसाइल के लिए भारत के साथ 625 मिलियन डॉलर की डील करना चाहता है।

शिवराज के ‘मामा के घर’ पर नेता प्रतिपक्ष की नजर, आखिर इस बंगले पर क्यों जता रहे हैं अपना दावा?

शिवराज सिंह

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आवास ‘मामा का घर’ के नाम से जाना जाता है. अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की नजर चाचा के इस घर पर है. उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह आवास आवंटित करने का अनुरोध किया है.

शिवराज ने ‘मामा का घर’ रखा नए बंगले का नाम

दरअसल, शिवराज सिंह चौहान 18 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर रहे और अब वह बीएससी हैं। 74 बांग्ला क्षेत्र में. 8-9 में रहते हैं. बी 8-9 दो बंगले थे जिन्हें मिलाकर एक बंगला बनाया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने इस आवास का नाम ‘मामा का घर’ रखा है. वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर बी-9 आवास आवंटित करने का अनुरोध किया है.

उमंग सिंघार ने बताई ये वजह

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में वर्षों तक मध्य प्रदेश की आदिवासी समुदाय से आने वाली पहली महिला उप मुख्यमंत्री जमुना देवी को शासकीय आवास क्रमांक बी-9 आवंटित किया गया है. आदिवासी समुदाय की नेता होने के साथ-साथ वह मेरी चाची भी थीं और मैंने बचपन से ही उन्हें इस बी-9 सरकारी आवास में राज्य के सर्वहारा वर्ग की सेवा में दिन-रात लगे देखा है। मैं इस सरकारी आवास से भावनात्मक रूप से भी जुड़ा हुआ हूं।’ उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते उन्हें उक्त सरकारी आवास आवंटित किया जाये.

जानें इस सरकारी बंगले की कहानी

दरअसल, इस सरकारी बंगले की कहानी कुछ यूं है कि बी-8, बी-9 से सटा हुआ 74 बंगला मामा का घर है. मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद शिवराज सिंह चौहान यहीं शिफ्ट हो गए हैं. समीपवर्ती बी-9 में शिवराज सिंह चौहान का कार्यालय संचालित होता है। 74 के बी-9 बंगले का मामला विधानसभा में भी गूंज चुका है. तत्कालीन कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने उन पर शिवराज सिंह चौहान के घर से सटे बी-9 सरकारी आवास को तोड़ने का आरोप लगाया था और करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद सरकारी आवास को तोड़ने पर भी सवाल उठाए थे.

Haridwar News: ब्लड कैंसर ठीक करने के लिए मां ने बच्चे को गंगा में डुबोया, अंधविश्वास ने ले ली जान!

Haridwar News: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के हरिद्वार कोतवाली क्षेत्र में बुधवार दोपहर एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। दिल्ली से एक परिवार 7 साल के बच्चे के कैंसर का इलाज कराने हरि की पैड़ी पहुंचा था और यहीं बच्चे की मौत हो गई. वहां मौजूद लोगों का कहना है कि बच्चे के साथ आई महिला ने उसे डुबाकर मार डाला. अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि महिला का बच्चे से क्या संबंध है। मामले की जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली तो उन्होंने तुरंत बच्चे को अस्पताल पहुंचाया लेकिन डॉक्टर ने देखते ही बच्चे को मृत घोषित कर दिया.

UP News: ठंड तोड़ रही रिकॉर्ड: 57 साल में सबसे सर्द रही रात, कांपे लोगों के हाड़, जानें- 28 जनवरी तक कैसा रहेगा मौसम

बीती रात का तापमान पिछले 57 साल में पहली बार 1.5 डिग्री दर्ज किया गया. नवीनतम तापमान शून्य तक पहुंच गया है। वहीं, रात का तापमान बढ़ गया है और बादलों का असर कम नहीं हो रहा है. सुबह से घने कोहरे के कारण समुद्र तट पर सूरज के दर्शन नहीं हो सके. 28 जनवरी तक सीजन का शेड्यूल ऐसा ही रहने की उम्मीद है. मौसम विभाग ने ठंड की चेतावनी जारी की है.

मौसम विभाग के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 1967 से लेकर 2024 तक सोमवार की रात सबसे ठंडी रही है. पिछले 57 साल में पहली बार 1.5 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है. पहली बार जनवरी में सर्दी का सितम देखने को मिल रहा है। तापमान में लगातार गिरावट से मौसम ठंडा बना हुआ है।
वहीं, मंगलवार सुबह घना कोहरा छाया रहा और हाईवे पर वाहन रेंगते नजर आए. कोहरे में वाहनों की रफ्तार भी कम रही और विजिबिलिटी भी कम रही. मौसम कार्यालय पर दिन का अधिकतम तापमान 13.9 डिग्री और रात का न्यूनतम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

सर्दी के कारण वृक्ष भी छोड़ रहे हैं अपनी पत्तियां

इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिसके कारण मानव जीवन के साथ-साथ पेड़-पौधों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। इन दिनों अत्यधिक ठंड के कारण पौधों की पत्तियां झड़ रही हैं। आमतौर पर इस प्रकार का प्रभाव पहाड़ी इलाकों और विदेशों में सर्दियों के दौरान देखा जाता है, जब शरद ऋतु दिखाई देती है। अधिकांश पेड़ों की पत्तियाँ झड़ जाती हैं और वसंत की शुरुआत के साथ, फिर से नई कोपलें निकल आती हैं। पत्तियाँ तने से जुड़ी रहती हैं, लेकिन जब बहुत ठंड होती है, तो पाले से कोशिकाएँ मर जाती हैं, इसलिए पत्तियाँ मर जाती हैं और गिर जाती हैं। – डॉ. आरएस सेंगर, वैज्ञानिक कृषि विश्वविद्यालय

फिर से बढ़ गया एक्यूआई 

मौसम के बिगड़ने से मंगलवार को फिर से एनसीआर में एक्यूआई बढ़ गया है। मेरठ का एक्यूआई 205 दर्ज किया गया। इसके अलावा जयभीमनगर 186, गंगानगर 170, पल्लवपुरम 224, दिल्ली रोड 258, बेगमपुल 290 दर्ज किया गया। पिछले 24 घंटे में सभी जगह का ही एक्यूआई बढ़ गया है। अभी आगे भी एक्यूआई के बढ़ने के आसार है।

मौसम विभाग के 1967 से 2024 के उपल्ब्ध डाटा के अनुसार, सोमवार की रात सबसे सर्द रही है। पहली बार रात का तापमान 1.5 डिग्री दर्ज किया गया है। इससे पहले का रिकाॅर्ड उपब्लध नहीं है। हो सकता है कि इससे पहले भी सबसे सर्द रात रही हो। इस समय उत्तर पश्चिमी जेट स्ट्रीम हवाओं के कारण अगले पांच दिन 28 जनवरी तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लागभग सभी जिलों में वर्तमान शीतलहर का दौर जारी रहने व मौसम शुष्क रहने के आसार है। रात्रि का तापमान तीन से छह के आसपास व दिन का तापमान 14 से 16 डिग्री रहने की संभावना है।

Greater Noida से गुजरने वाले जरा संभलकर! 25 जनवरी को डायवर्ट रहेगा रूट

नोएडा: ग्रेटर नोएडा से गुजरने वाले कृपया ध्यान दें। शहर में कल यानी 25 जनवरी को रूट डायवर्ट रहेगा. इसके लिए नोएडा पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की है. 25 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूपी के बुलंदशहर में बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है. इस कारण पुलिस ने रूट डायवर्ट करने का निर्णय लिया है.

जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार 25 जनवरी को बीजेपी की एक बड़ी रैली के लिए बुलंदशहर जा सकते हैं. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य के अन्य मंत्री और पार्टी नेता भाग लेंगे. ऐसे में पीएम के दौरे से पहले यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए पुलिस के साथ रूट डायवर्जन का प्लान बनाया गया है.

रूट डायवर्जन को लेकर एडवाइजरी जारी

पुलिस की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक, नोएडा एक्सप्रेसवे, ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे के रूट में थोड़े समय के लिए बदलाव हो सकता है. एडवाइजरी में डायवर्जन के अलावा वैकल्पिक रास्ते भी सुझाए गए हैं. ट्रैफिक डीसीपी अनिल कुमार यादव के मुताबिक, पीएम मोदी के कार्यक्रम के चलते वीआईपी और वीवीआईपी मूवमेंट रहेगा. इस दौरान डीएनडी, चिल्ला बॉर्डर, महामाया और नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे समेत यमुना एक्सप्रेसवे पर अस्थायी डायवर्जन लागू किया गया है.

इन सड़कों से गुजर सकेंगे

ज़ीरो पॉइंट से यमुना एक्सप्रेसवे मार्केट की ओर जाने वाली सोसायटी को परी चौक की ओर डायवर्ट किया जाएगा। इधर कासना, समुद्र, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से वाहन चालक गंतव्य की ओर जा रहे हैं। इसके अलावा आगरा की ओर से जाने वाले साबूता अंडरपास को गिरपुरी की ओर से डायवर्ट कर दिया गया। परी चौक से ग्रेनो एक्सप्रेस-वे की ओर जाने वाली जनता को सूरजपुर की ओर डायवर्ट किया जाएगा। आगरा की ओर से आने वाली सीमेंट डबल सर्विस रोड लक्ष्य, सेक्टर-151 की ओर जाएं। ग्रेटर एक्सप्रेस-वे से चरखा गोलचक्कर की ओर मोड़ दिया गया है। इसके साथ ही पुजारी और इमरजेंसी सोसायटी को भी पुजारी से दूर भेज दिया जाएगा.

Bihar News: कर्पूरी ठाकुर को मिलेगा भारत रत्न’, बीजेपी का कदम, बिहार में गरमाई सियासत

लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए प्रगति कर रही है, जिसकी बानगी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन देखने को मिली, वहीं दूसरी तरफ इस सबसे बड़े उत्सव के दूसरे ही दिन देश, केंद्र की बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने बिहार के लिए बड़ा ऐलान किया है. एक राजनीतिक जुआ खेला गया है. इस दांव में किसी का पलड़ा भारी नहीं है क्योंकि कर्पूरी ठाकुर जन नेता रहे हैं और बिहार की जनता के दिलों में उनकी अमिट छाप है. महिला आरक्षण हो या दलित उत्थान, आज जो भी चर्चा हो रही है, वह बिहार के लिए पहले ही कर चुके हैं. बिहार के दिग्गज समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर की जयंती 24 जनवरी को है और उससे ठीक एक दिन पहले केंद्र सरकार ने उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा कर लोकसभा चुनाव से पहले मास्टरस्ट्रोक खेला है.

भाजपा के इस दांव ने बिहार की राजनीति में हलचल तेज कर दी है और महागठबंधन की सरकार को लेकर कई तरह की आशंकाओं और कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है। पहले से ही जदयू और राजद के रिश्ते में अनबन को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही थीं तो वहीं मंगलवार के दिन नीतीश कुमार के राज्यपाल से मुलाकात की बात इस रिश्ते में कयासबाजी को खूब हवा दी और कई तरह की खबरें लोगों को देखने को मिलीं। 40 मिनट तक चली इस मुलाकात ने कई आशंकाओं और संभावनाओं को हवा दे दी है।

बिहार में सियासी सरगर्मी तेज हुई

सीएम नीतीश कुमार और राज्यपाल की मुलाकात से शुरू हुआ अटकलों का दौर पूरे दिन चलता रहा और फिर शाम होते-होते केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा कर दी. इस खबर से जहां बिहार की आम जनता हैरान है वहीं राजनीतिक महकमे में भी बड़ी हलचल शुरू हो गई है. एक तरफ जहां नीतीश कुमार ने इसके लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया और अपने पहले वाले ट्वीट को एडिट कर पोस्ट किया, वहीं दूसरी तरफ राजद नेता इस फैसले से ज्यादा खुश नहीं दिखे और उन्होंने बीजेपी पर जमकर आरोप लगाए और इसे वोट बैंक का बड़ा दांव बताया. . वहीं, बीजेपी के सहयोगी दल जो बिहार से ताल्लुक रखते हैं और गठबंधन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं, उन्होंने भी इस मुद्दे पर जेडीयू के प्रति नरमी दिखाई है.

कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के क्या हैं सियासी मायने? 

पेशे से शिक्षक और एक सफल राजनेता जननायक कर्पूरी ठाकुर अपनी ईमानदारी और स्वच्छ छवि के मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण की समाजवादी वैचारिक विरासत को आगे बढ़ाया। वह अपनी ईमानदारी और जनहित में लिए गए अहम फैसलों के लिए भी जाने जाते हैं। लालू और नीतीश दोनों ने कर्पूरी ठाकुर की राह पर चलकर बिहार में अपनी राजनीति की है और अब बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले और आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार में पैठ बनाने के लिए एक बार फिर अपना बड़ा दांव खेला है. इसे भुनाने की कोशिश भी की है. साथ ही इस दांव से बीजेपी नीतीश के दिल में भी जगह बनाने की कोशिश करेगी.

कर्पूरी ठाकुर के नक्शे कदम पर चले नीतीश

आज जिस आरक्षण की बात हो रही है, उसे कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए लागू किया था. उस समय बिहार देश का एकमात्र राज्य था जहां ओबीसी को आरक्षण दिया जाता था और नौकरियों में 26 फीसदी कोटा ओबीसी के लिए आरक्षित था. इतना ही नहीं कर्पूरी ठाकुर ने सीएम रहते हुए बिहार में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था. नीतीश के ये फैसले उन्हीं से प्रेरित हैं. बिहार के राजनेता हों या आम लोग, कर्पूरी ठाकुर लोगों के दिलों में बसते हैं। नीतीश कुमार ने ही सबसे पहले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की थी और तब से लेकर आज तक यह मांग उठती रही है जिसे अब भारत सरकार ने मान लिया है.

टूटी और जुड़ी, फिर हुई लालू-नीतीश की दोस्ती

बिहार में लालू और नीतीश के सियासी रिश्ते की बात करें तो दोनों के दिल कई बार मिले और फिर अलग हो गए. नीतीश कुमार और लालू की दोस्ती बहुत पुरानी है. नीतीश ने बिहार में कभी लालू की पार्टी राजद के साथ गठबंधन कर सरकार चलाई तो कभी गठबंधन तोड़कर बीजेपी से दोस्ती कर सरकार बनाई. नीतीश कुमार कभी राजद-कांग्रेस और वाम दलों के साथ तो कभी भाजपा के साथ राजनीतिक गठबंधन करते रहे हैं। फिलहाल वह राजद-कांग्रेस के साथ महागठबंधन में हैं और बिहार के मुख्यमंत्री हैं। लेकिन यह गठबंधन रहेगा या टूट जाएगा, इसे लेकर अटकलें चल रही हैं और कहा जा रहा है कि बीजेपी के प्रभाव में नीतीश फिर से पाला बदल सकते हैं.

भाजपा ने चला है बड़ा सियासी दांव?

बिहार की राजनीति में फिलहाल बहुमत नहीं होने के कारण वहां गठबंधन सरकार मजबूरी है. जहां तक जदयू और राजद के बीच तालमेल की बात है तो शराबबंदी समेत कई अन्य मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई और नेताओं की बयानबाजी ने इस रिश्ते में आशंकाओं और संभावनाओं को जगह दे दी. जेडीयू के गोपाल राय हों या फिर राजद के चन्द्रशेखर, दोनों की बयानबाजी ने हमेशा दोनों पार्टियों के रिश्ते पर सवालिया निशान लगाया है. फिलहाल नीतीश कुमार और लालू यादव बार-बार कह रहे हैं कि गठबंधन में कोई दिक्कत नहीं है और बिहार में सब कुछ ठीक है. लेकिन अगर पिछले कुछ महीनों की बात करें तो ऐसा लग रहा है कि सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.

जदयू मोह, विपक्षी एकता, दोनों चाहिए

एक महीने पहले ही दिल्ली में हुई नेशनल सुपर मार्केट मीटिंग में नीतीश कुमार ने ललन सिंह के हाथ से उनकी पार्टी की कमान छीन ली थी. कहा जा रहा था कि ललन सिंह के करीबी यादव को प्यास लग रही थी और वह बेलगाम हो रहे थे. कहा जा रहा था कि ललन सिंह राजदत के विलय की योजना बना रहे थे और इसके नीतीश कुमार को पद से हटा दिया गया था। इससे पहले नीतीश कुमार ने भी अपनी बात आगे रखते हुए आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया था. उन पर पार्टी को तोड़ने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया. आरसीपी सिंह और फिर ललन सिंह के बाद नीतीश कुमार ने हथियार की कमान अपने हाथ में ली और साबित कर दिया कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह अपनी पार्टी को नहीं हराएंगे.

नीतीश कुमार भी एसोसिएशन के वास्तुकार बने और बिहार के बाहर ऑर्केस्ट्रा सहयोगियों को एकजुट करने की कोशिश की। उनकी दिल्ली इच्छा थी कि वे गोदाम में हों, हालांकि उन्होंने बार-बार कहा था कि अगर बीजेपी को हराना है तो जनता के साथ आना होगा, मेरी कोई इच्छा नहीं है. उन्होंने गठबंधन के लिए कड़ी मेहनत की और इच्छा जताई कि वामपंथी यादव और सहयोगी उन्हें भारतीय गठबंधन का चेहरा बनाएं, लेकिन हकीकत में उन्होंने इसमें कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई और न ही किसी अन्य दल से गठबंधन किया. इंडिया अलायंस की बैठक में नीतीश ने यहां तक कह दिया था कि उन्हें पैनलजी को ही कन्वेंस देने में खुशी होगी. यदि अपग्रेड में अब क्राई विकल्प नहीं बचा है तो क्या करें

अमित शाह के बयान से अटकलों को मिली हवा

इस बीच अमित शाह का बिहार दौरा और उनका ये बयान कि पुराने साथी साथ आना चाहें तो उनका स्वागत है, इसने हो सकता है कि नीतीश कुमार के दिल में आस जगाई हो कि विपक्ष नहीं तो पुराने साथी सही। सियासी महकमे में चर्चा तज हो गई कि नीतीश कुमार फिर से पलटी मार सकते हैं। हालाकि अगर वे ऐसा सोचते भी हैं तो उनके राजनीतिक चरित्र पर सवाल उठना भी लाजिमी है। लेकिन कहते हैं कि युद्ध और राजनीति में सब जायज है।  हाल फिलहाल राजद नेता और बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के विभाग में बदलाव करना और फिर अचानक राज्यपाल से मुलाकात करना और उन्हें वीसी की नियुक्ति को लेकर चर्चा ऐर फिर तुरंत वीसी की नियु्ति का फरमान। इसके साथ ही  कर्पूरी ठाकुर के लिए भारत रत्न देने का मोदी सरकार का ऐलान करना बड़े संशय की ओर इशारा करता है।

फरवरी में बिहार आएंगे पीएम मोदी

उधर, कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने पर जेडीयू नेताओं ने खुशी जताई और सीएम नीतीश ने पीएम मोदी को बधाई दी. बिहार में बीजेपी नेताओं ने पटाखे भी फोड़े. वहीं, राजद ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें भारत रत्न देने की बात आज ही क्यों याद आई, यह चुनावी राजनीति और वोट के लिए किया गया था. इन सबके बीच पीएम मोदी भी अगले महीने के पहले हफ्ते में बिहार दौरे पर जा रहे हैं. संभव है कि पीएम मोदी की मुलाकात नीतीश कुमार से भी हो और कुछ और भी हो.

चुनाव भी नजदीक आ रहे हैं और बीजेपी के पास बिहार में अपना कोई खास जनाधार नहीं है और न ही नीतीश कुमार से मुकाबले के लिए कोई पीएम चेहरा है. बिहार में पैठ बनाने के लिए बीजेपी को एक बार फिर नीतीश कुमार को मनाना होगा. वहीं, नीतीश के लिए विपक्षी गठबंधन अब फायदे का सौदा नहीं दिख रहा है और बीजेपी अब बिहार में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपनाएगी.

फिर पलटी मारेंगे नीतीश?

लालू और नीतीश राजनीति के बीच के खिलाड़ी हैं. नीतीश की दिली इच्छा पीएम बनने की थी और लालू की दिली इच्छा तेजस्वी को किसी भी कीमत पर सीएम बनाने की है. लोकसभा चुनाव के बाद अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव भी होंगे. नीतीश के विकल्प के तौर पर बीजेपी का समर्थन फायदेमंद हो सकता है. बीजेपी नीतीश की मजबूरी का फायदा उठाकर अपनी राजनीति साधने की कोशिश कर सकती है, जिसके लिए उसने बड़ा दांव खेला है और कपूरी ठाकुर के नाम पर भारत रत्न देने का ऐलान कर नीतीश के दिल में दस्तक दे दी है.

वहीं, नीतीश कुमार के करीबी रहे प्रशांत किशोर ने भी कहा है कि नीतीश कुमार का राजनीतिक करियर अब खत्म हो गया है और उन्हें खुद नहीं पता कि वह क्या करेंगे. हालांकि लालू हमेशा कहते रहे हैं कि नीतीश कुमार के पेट में दांत है. नीतीश कुमार को पलटूराम नाम भी लालू ने ही दिया था. अब ये तो वक्त ही बताएगा कि नीतीश कुमार फिर से बाजी पलटेंगे या गठबंधन का साथ देंगे. राजनीतिक हलके में नीतीश के बीजेपी से हाथ मिलाने की अटकलें तेज हैं. ऐसे में कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा करना बीजेपी के लिए एक तीर से कई निशाने साधने जैसा लग रहा है.

चीन में बड़ा हादसा, दुकानों के बेसमेंट में आग लगने से 25 लोगों की मौत

China Fire Accident: चीन में भीषण अग्निकांड हुआ है. आग से 25 लोगों की मौत की खबर है. एपी की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय सरकार का कहना है कि चीन के दक्षिणपूर्वी जियांग्शी प्रांत में आग लगने से कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार को चीन के दक्षिणी जियांग्शी प्रांत में कुछ दुकानों के बेसमेंट में आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय सरकार ने इस घटना की जानकारी दी. इतना ही नहीं शिन्यू शहर में लगी आग में लोग घायल भी हुए हैं. घायलों को अस्पताल ले जाया गया है, सरकारी बयान में यह नहीं बताया गया कि कितने लोग घायल हुए हैं।

भूकंप से कांप उठी पाकिस्तान की धरती, घबरा गए लोग, जानिए कितना था शक्तिशाली

Earthquake: 24 जनवरी की शाम 4:04 बजे पाकिस्तान में धरती हिली. इस भूकंप के कंपन से लोग डर गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 बताई जा रही है. इसी महीने 11 जनवरी को पाकिस्तान की धरती भूकंप से हिल गई थी. घबराए हुए लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए थे. 11 जनवरी को पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6 मापी गई थी. मौसम विभाग ने बताया कि भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश क्षेत्र में था.

6 तीव्रता का भूकंप स्थानीय समयानुसार दोपहर 2.20 बजे आया। इसका केंद्र हिंदूकुश क्षेत्र में 213 किलोमीटर की गहराई पर था. पिछले साल अक्टूबर से अफगानिस्तान दो बार 6 और उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप से हिल चुका है।

पाकिस्तान से सटे भारतीय इलाकों में भी कांपी थी धरती

पाकिस्तान और अफगानिस्तान में आए भूकंप का असर भारत पर भी पड़ा. भारत में कश्मीर से लेकर राजधानी दिल्ली तक भूकंप से धरती हिल गई.

भूकंप का असर अफगानिस्तान से सटे पाकिस्तान के इलाकों में ज्यादा रहा. वह क्षेत्र जो हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला के करीब है। भूकंप के झटके भारत की पाकिस्तान से लगती सीमा और कश्मीर में भी महसूस किये गये।

क्यों आते हैं भूकंप

हाल के दिनों में देश और दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है. हमारी पृथ्वी के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेटें हैं। ये प्लेटें लगातार अपनी जगह पर घूमती रहती हैं। हालाँकि, कभी-कभी संघर्ष या मनमुटाव होता है। इसी कारण से पृथ्वी पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं।

65 यूक्रेनी सैनिकों को बंधक बनाकर ले जा रहा विमान क्रैश, गिरते ही लगी आग, देखें Video

lane Crash : 65 युद्धबंदियों को ले जा रहा एक रूसी विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. इस विमान में आग लग गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 65 यूक्रेनी युद्धबंदियों को लेकर एक रूसी सैन्य परिवहन विमान रूस के बेलगोरोड क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के एक वीडियो में विमान को तेजी से नीचे उतरते हुए दिखाया गया है। आईएल-76 विमान पायलट के नियंत्रण से बाहर हो गया और एक आवासीय क्षेत्र के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया कि विमान में पकड़े गए 65 यूक्रेनी सैन्यकर्मी सवार थे. इन्हें विनिमय के लिए बेलग्रेड क्षेत्र में ले जाया जा रहा था। उनके साथ विमान में चालक दल के छह सदस्य और तीन एस्कॉर्ट भी मौजूद थे.’ इस विमान दुर्घटना की घटना के बाद रूसी सांसद ने दावा किया है कि इस सैन्य विमान पर तीन मिसाइलों से हमला किया गया और उसे मार गिराया गया. हालाँकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

हवाई जहाज के स्टूडियो में आग लग गई

आरटी इंडिया द्वारा जारी एक वीडियो में, रूसी रिफाइनरी के एक विमान को तेज गति से उतरते और एक छोटी रिफाइनरी से कुछ दूरी पर उतरते देखा जा सकता है। यह विमान लुशिन आईएल.76 था और इसकी लंबाई 164 फीट थी. ट्रेनिंग के बाद विमान में आग लग गई.

जानिए इल्यूशिन 76 की खासियत

इस सैन्य विमान में 4 इंजन हैं. यह विमान एक बार में 40 हजार किलोग्राम तक वजन ले जाने में सक्षम है। इस विमान के तीन वेरिएंट हैं. रूस में बने इस विमान का इस्तेमाल राहत सामग्री और बड़ी संख्या में लोगों को लाने-ले जाने के लिए किया जाता है. इस विमान का इस्तेमाल रूस, यूक्रेन के अलावा भारतीय सेना भी करती है।

इंग्लैंड ने पहले टेस्ट के लिए Playing 11 का किया ऐलान, एंडरसन हुए बाहर; इस प्लेयर को मिला डेब्यू का मौका

India vs England: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जानी है। पहला टेस्ट मैच 25 जनवरी से हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में होगा. पिछले कुछ समय से टीम इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट में हर जगह अच्छा प्रदर्शन किया है. भारतीय टीम पिछले 12 साल से घरेलू सरजमीं पर एक भी टेस्ट सीरीज नहीं हारी है. टीम इंडिया के पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो मैच का रुख बदल सकते हैं. इसी वजह से अब इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने टेस्ट मैच से एक दिन पहले प्लेइंग इलेवन का ऐलान कर दिया है. टीम में चार स्पिनरों को जगह मिली है. एक युवा खिलाड़ी को डेब्यू का मौका मिला है.

इस खिलाड़ी को मिला डेब्यू का मौका

इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के लिए प्लेइंग इलेवन घोषित कर दी है. इंग्लैंड की टीम में चार स्पिनर और एक तेज गेंदबाज को जगह मिली है. काउंटी क्रिकेट में लंकाशायर के लिए अच्छा प्रदर्शन करने वाले टॉम हार्टले डेब्यू के लिए तैयार हैं। टीम में मुख्य स्पिनर के तौर पर टॉम हार्टले, जैक लीच, रेहान अहमद शामिल हैं। भारतीय पिचें हमेशा स्पिनरों के लिए मददगार साबित होती हैं। ऐसे में इन खिलाड़ियों पर अहम जिम्मेदारी होगी.

एंडरसन को मौका नहीं मिला

इंग्लैंड क्रिकेट टीम में ओपनर के तौर पर जैक क्रॉली और बेन डकेट को मौका मिला है। मध्यक्रम में जो रूट, जॉनी बेयरस्टो और कप्तान बेन स्टोक्स खेलते नजर आएंगे। जबकि टीम में तेज गेंदबाज के तौर पर सिर्फ मार्क वुड को ही मौका मिला है. वहीं जेम्स एंडरसन प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना पाए हैं.

ऐसा है दोनों टीमों के बीच रिकॉर्ड

भारत और इंग्लैंड के बीच अब तक 131 टेस्ट मैच खेले गए हैं, जिसमें से टीम इंडिया ने 31 और इंग्लैंड ने 50 टेस्ट मैच जीते हैं। 50 टेस्ट मैच ड्रा रहे हैं. वहीं, घरेलू धरती पर टीम इंडिया का पलड़ा भारी है और भारत ने अपनी धरती पर इंग्लैंड के खिलाफ 22 टेस्ट मैच जीते हैं।

पहले टेस्ट मैच के लिए इंग्लैंड की प्लेइंग 11:

जैक क्रॉली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, जॉनी बेयरस्टो, बेन स्टोक्स (कप्तान), बेन फॉक्स, रेहान अहमद, टॉम हार्टले, मार्क वुड, जैक लीच।

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